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3 min read | अपडेटेड February 04, 2025, 15:42 IST
सारांश
Asian Paints Q3FY25 Results: अंतरराष्ट्रीय बाजार की सेल्स में 5% का इजाफा हुआ और यह पिछले साल के ₹779.1 करोड़ से ₹818 करोड़ पर पहुंच गया था। ऐसा मिडिल ईस्ट और श्रीलंका, बांगलादेश जैसे एशियाई बाजारों में अर्थव्यवस्था के सुधरने के कारण हुआ है।
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पेंट की डिमांड में इंडस्ट्री के सामने खड़ी है चुनौती
भारत की सबसे बड़े पेंट कंपनियों में से एक Asian Paints ने मंगलवार को वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही के लिए अपनी आमदनी का रिपोर्ट कार्ड जारी कर दिया है। कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंज को बताया कि उसे नेट कंसॉलिडेट प्रॉफिट में पिछले साल की इसी तिमाही की तुलना में 23.3% गिरावट झेलनी पड़ी है। इस साल यह ₹1,110.48 करोड़ रहा जबकि पिछले साल ₹1,447.72 करोड़ था।
दिसंबर में खत्म हुई तिमाही में कंपनी की सेल्स से आमदनी भी 6.10% की गिरावट के साथ ₹8,521.51 करोड़ पर फिसल गई जबकि पिछले साल यह ₹9,074.94 करोड़ थी। हालांकि, कंपनी के खर्च में भी 1.33% गिरावट दर्ज की गई है और यह ₹7,224.10 करोड़ रहा। कंपनी की कुल आमदनी भी 5.9% की गिरावट के साथ ₹8,692.44 करोड़ पर सिमट गई।
बावजूद इसके Asian Paints के शेयर 2.77% की बढ़त के साथ ₹2,355.85 प्रति शेयर के भाव पर ट्रेड कर रहे थे जबकि नतीजों के ऐलान के पहले मंगलवार को ही सुबह के कारोबार में ये 0.79% की गिरावट के साथ ₹2,274.25 के भाव पर ट्रेड कर रहे थे।
होम डेकोर सेग्मेंट में कंपनी के बाथ फिटिंग बिजनेस में 2.5% की बढ़त देखी गई और यह ₹87.6 करोड़ रहा जबकि पिछले साल इसी तिमाही में यह ₹85.4 करोड़ था। इसके अंदर आने वाले किचन बिजनेस में कंपनी को 2.7% का इजाफा देखने को मिला और यह ₹100.1 करोड़ से ₹102.7 करोड़ पर पहुंच गया।
अंतरराष्ट्रीय बाजार की सेल्स में 5% का इजाफा हुआ और यह पिछले साल के ₹779.1 करोड़ से ₹818 करोड़ पर पहुंच गया था। ऐसा मिडिल ईस्ट और श्रीलंका, बांगलादेश जैसे एशियाई बाजारों में अर्थव्यवस्था के सुधरने के कारण हुआ है।
कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ अमित सिंगले का कहना है कि पेंट इंडस्ट्री पर कमजोर मांग की मार पड़ रही है, खासकर शहरी इलाकों में। कोटिंग बिजनेस में कंपनी ने 6.6% की गिरावट देखी है जबकि घरेलू डेकोरेटिव बिजनेस में 1.6% इजाफा हुआ है।
हालांकि, सेल्स और डिस्ट्रिब्यूशन पर होने वाले खर्च के बढ़ने के कारण ऑपरेटिंग मार्जिन पर नकारात्मक असर पड़ा है।
कंपनी का कहना है कि वह आने वाले समय में डिमांड के बेहतर होने की उम्मीद करती है। कंपनी का फोकस अपने ब्रांड में निवेश करने और ग्राहक को ध्यान में रखते हुए इनोवेशन में विश्वास करने का है।
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