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3 min read | अपडेटेड December 30, 2024, 13:28 IST
सारांश
Unimech Aerospace & Manufacturing Listing: ₹500 करोड़ का यह IPO बुक बिल्डिंग इशू है। यह 23 दिसंबर को खुला था और 26 दिसंबर को बंद हो गया था। इसके शेयर्स का अलॉटमेंट 27 दिसंबर को फाइनल हो गया था।
सब्सक्रिप्शन के दौरान दिखा था निवेशकों का बंपर इंटरेस्ट
पब्लिक सब्सक्रिप्शन के दौरान इसके 47.04 लाख इक्विटी शेयर्स के मुकाबले 82.46 करोड़ शेयर्स पर बोली की मांग लगी थी। इसमें सबसे आगे रहे थे Qualified institutional buyers जिनके हिस्से पर 317.63 गुना सब्सक्रिप्शन आया था। वहीं, गैर-संस्थागत निवेशकों का कोटा 263.78 गुना सब्सक्राइब हुआ जबकि खुदरा निवेशकों ने अपने कोटा का 56.74 गुना बुक किया था।
₹500 करोड़ का यह IPO बुक बिल्डिंग इशू है। यह 23 दिसंबर को खुला था और 26 दिसंबर को बंद हो गया था। इसके शेयर्स का अलॉटमेंट 27 दिसंबर को फाइनल हो गया था। इस IPO में ₹250 करोड़ के 31,84,712 नए शेयर्स और ₹250 करोड़ के 31,84,712 शेयर्स ऑफर-फॉर-सेल पर हैं।
कंपनी ने शेयर्स की सेल के लिए प्राइस बैंड ₹745-785 का रखा है। खुदरा निवेशकों के लिए न्यूनतम निवेश की सीमा ₹14,155 की कुल कीमत के 19 शेयर्स के एक लॉट की रखी है।
इससे आने वाले कैपिटल का इस्तेमाल वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने, सब्सिडियरी में निवेश और सामान्य कॉर्पोरेट जरूरतों को पूरा करने के लिए किया जाएगा। कंपनी का प्लान है कि ₹36.36 करोड़ का निवेश मशीनरी और दूसरे जरूरी उपकरण खरीदने में लगाया जाएगा। इससे बिजनेस ऑपरेशन्स का विस्तार किया जाएगा।
कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2022-23 की तुलना में 2023-24 में ऑपरेशन्स से रेवेन्यू में 121.7% की उछाल रिपोर्ट की थी। यह ₹94.17 करोड़ से ₹208.78 करोड़ पर पहुंच गया था। वहीं, कंपनी का नेट प्रॉफिट FY23 में ₹22.81 करोड़ से FY24 में 154.84% की बढत के साथ ₹58.13 करोड़ पर पहुंच गया था।
विवरण | FY22 | FY23 | FY24 | H1FY25 |
---|---|---|---|---|
रेवेन्यू (₹ cr) | 36.35 | 94.17 | 208.78 | 120.66 |
नेट प्रॉफिट (₹ cr) | 3.39 | 22.81 | 58.13 | 38.68 |
इंजिनियरिंग सलूशन्स देने वाली कंपनी एयरोस्पेस, डिफेंस, एनर्जी और सेमीकंडक्टर इंडस्ट्रीज को अहम पार्ट्स सप्लाई करती है। अपने प्रॉडक्ट्स की मैन्युफैक्चरिंग के लिए कंपनी की दो फसिलटी बेंगलुरु में हैं। अनिल पी कुमार, रामकृष्ण कमोझला, मणि पी, रजनीकांत बालरमन और प्रीतम एसवी कंपनी के प्रमोटर्स हैं।
ऑर्डर मिलने से लेकर पेमेंट की रीसीट तक कंपनी 7-28 हफ्ते लगाती है जो कंपनी की वर्किंग कैपिटल जरूरतों पर नकारात्मक असर डालता है। आमदनी में निर्यात का बड़ा योगदान होने के कारण इसके बाजारों में अस्थिरता का असर इसकी माली हालत पर भी पड़ता है। 96.8% आमदनी टॉप 5 ग्राहकों से आती है। यानी उनके ऊपर-नीचे होने पर इसकी आमदनी भी घट सकती है।
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