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3 min read | अपडेटेड January 14, 2025, 14:30 IST
सारांश
WPI Inflation Data: सरकारी आंकड़ों के अनुसार, खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति दिसंबर 2024 में घटकर 8.47% रह गई, जबकि नवंबर में यह 8.63% थी।
WPI आधारित मुद्रास्फीति दिसंबर 2023 में 0.86% रही थी।
भारत में थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति दिसंबर 2024 में बढ़कर 2.37% हो गई। नवंबर में यह 1.89% थी। मैन्युफैक्चरिंग प्रॉडक्ट्स की कीमतों में तेजी के कारण यह असर देखा गया है। हालांकि, खाद्य वस्तुओं की कीमतों में कमी आई है।
इस बारे में मंगलवार को जारी सरकारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली। थोक मूल्य सूचकांक (Wholesale Price Index) आधारित मुद्रास्फीति दिसंबर 2023 में 0.86% रही थी। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति दिसंबर 2024 में घटकर 8.47% रह गई, जबकि नवंबर में यह 8.63% थी।
सब्जियों की मुद्रास्फीति नवंबर में 28.57% के मुकाबले दिसंबर में 28.65% रही। आलू की मुद्रास्फीति 93.20% के उच्च स्तर पर बनी रही और प्याज की मुद्रास्फीति दिसंबर में बढ़कर 16.81% हो गई। खाद्य पदार्थों में अनाज, दालें, गेहूं की मुद्रास्फीति दिसंबर में कम हुई।
ईंधन और बिजली की बात करें तो दिसंबर में मुद्रास्फीति घटकर 3.79% हो गई जो नवंबर में 5.83% थी। विनिर्मित वस्तुओं में मुद्रास्फीति 2.14% रही, जबकि नवंबर में यह 2% थी।
वहीं, खुदरा मुद्रास्फीति के सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, खाद्य कीमतों में कमी के कारण उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (Consumer Price Index) आधारित मुद्रास्फीति दिसंबर 2024 में चार महीने के निचले स्तर 5.22% पर आ गई।
खुदरा महंगाई दर अक्टूबर 2024 में अपने सर्वोच्च स्तर पर जाने के बाद से धीरे-धीरे नीचे गिर रही है। यह सितंबर 2023 के बाद एक साल में सबसे ज्यादा थी।
पिछले महीने भारतीय रिजर्व बैंक ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए मुद्रास्फीति का पूर्वानुमान लगाते हुए इसे पहले 4.5% से बढ़ाकर 4.8% कर दिया था। केंद्रीय बैंक ने यह भी कहा था कि खाद्य पदार्थों की कीमतों पर बने हुए दबाव के कारण दिसंबर की तिमाही में हेडलाइन मुद्रास्फीति ऊपर ही रहेगी।
खुदरा मुद्रास्फीति में नरमी आने से माना जा रहा है कि RBI अगले मॉनिटरी पॉलिसी रिव्यू में प्रमुख ब्याज दरों में कटौती पर विचार कर सकता है। करीब दो साल से रेपो दर 6.50% पर स्थिर बनी हुई है।
RBI को सरकार ने खुदरा मुद्रास्फीति को 2%- 6% के बीच (4%, 2% के उतार-चढ़ाव के मार्जिन के साथ) बनाए रखने का दायित्व सौंपा हुआ है। RBI की मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी मुद्रास्फीति आंकड़ों को ध्यान में रखते हुए नीतिगत ब्याज दरों पर कोई फैसला करती है।
हालांकि, RBI ने फरवरी, 2023 से ही प्रमुख नीतिगत दर (Repo rate) को 6.5% पर स्थिर बनाकर रखा है। MPC की अगली बैठक फरवरी की शुरुआत में होगी। इंडिया रेटिंग्स ऐंड रिसर्च के वरिष्ठ आर्थिक विश्लेषक पारस जसराय का कहना है कि अगला मॉनिटरी रिव्यू केंद्रीय बजट के फौरन बाद होगी लिहाजा राजकोषीय आंकड़ों का भी इस पर असर पड़ेगा।
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