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भारतीय टेक्सटाइल इंडस्ट्री की ग्लोबल मार्केट में पैठ बनाने के लिए सरकार चला रही है कौन-कौन सी स्कीम, यहां जानें

Upstox

3 min read | अपडेटेड April 01, 2025, 12:22 IST

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सारांश

इंडियन टेक्सटाइल इंडस्ट्री की ग्लोबल मार्केट में पैठ बनाने के लिए सरकार काफी सारी योजनाएं चला रही है। आज राज्य सभा में टेक्सटाइल इंडस्ट्री से जुड़े एक सवाल के लिखित उत्तर में कपड़ा राज्य मंत्री श्री पाबित्रा मार्गेरिटा ने कुछ बहुत अहम जानकारियां दी हैं।

इंडियन टेक्सटाइल इंडस्ट्री

भारतीय टेक्सटाइल इंडस्ट्री की ग्लोबल मार्केट में पैठ बनाने के लिए सरकार चला रही है कौन-कौन सी स्कीम

आज राज्य सभा में टेक्सटाइल इंडस्ट्री से जुड़े एक सवाल के लिखित उत्तर में कपड़ा राज्य मंत्री श्री पाबित्रा मार्गेरिटा ने कुछ बहुत अहम जानकारियां दी हैं। ग्लोबल मार्केट में इंडियन कपड़ों को लोकप्रिय बनाने और इंडियन टेक्सटाइल को बढ़ावा देने के लिए सरकार अलग-अलग योजनाएं और पहल लागू कर रही है। पीएम मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल रीजन एंड एपैरल (PM MITRA) पार्क स्कीम शामिल है, जिसका प्रमुख उद्देश्य आधुनिक, इंटिग्रेटेड, वर्ल्ड क्लास टेक्सटाइल इंफ्रास्ट्रक्चर बनाना है। बड़े पैमाने पर मैनुफैक्चरिंग को बढ़ावा देने और प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए मैन मेड फाइबर (MMF) फैब्रिक, एमएमएफ अपैरल और टेक्निकल टेक्सटाइल पर फोकस करते हुए प्रोडक्शन लिंक्ड इनिशिएटिव (पीएलआई) रिसर्च, इनोवेशन और डेवलपमेंट, प्रमोशन और मार्केट डेवलपमेंट पर फोकस करते हुए राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन; मांग आधारित, प्लेसमेंट ओरिएंटेड, स्किलिंग प्रोग्राम देने के उद्देश्य से टेक्सटाइल सेक्टर में क्षमता निर्माण के लिए SAMARTH स्कीम, रेशम प्रोडक्शन मूल्य सीरीज के व्यापक डेवलपमेंट के लिए रेशम समग्र-2 इन योजनाओं के अंतर्गत मार्केटिंग, स्किल डेवलपमेंट, क्लस्टर डेवलपमेंट, कारीगरों को डायरेक्ट प्रॉफिट, बुनियादी ढांचे और प्रौद्योगिकी सहायता आदि के लिए सहायता दी जाती है।

कपास किसानों के लिए क्या कुछ किया गया?

सरकार कपास किसानों को लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) देती है और फेयर एवरेज क्वॉलिटी (एफएक्यू) कपास की कीमतें एमएसपी से नीचे गिरने की किसी भी स्थिति में उन्हें संकटग्रस्त बिक्री से बचाती है। कपास सीजन 2023-24 के दौरान भी, कॉटन कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (सीसीआई) ने कपास किसानों को समर्थन दिया और एमएसपी संचालन के तहत 11,712 करोड़ रुपये मूल्य की 32.84 लाख गांठें खरीदीं, जिससे सभी कपास उत्पादक राज्यों में लगभग 7.25 लाख कपास किसानों को फायदा मिला। चालू कपास सीजन 2024-25 के दौरान, सीसीआई ने 260.11 लाख गांठों की कुल आवक में से 25.03.2025 तक कुल 99.41 लाख गांठें खरीद ली हैं। इसके अलावा, भारतीय वस्त्र की ग्लोबल ब्रांडिंग के लिए, सरकार ने प्रीमियम गुणवत्ता वाले भारतीय कपास को एक विशिष्ट पहचान देने के लिए कस्तूरी कॉटन इंडिया के ब्रांड को ट्रेडमार्क के रूप में रजिस्टर किया है।

फरवरी, 2025 में टेक्सटाइल एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (ईपीसी) द्वारा एक सफल ग्लोबल मेगा टेक्सटाइल इवेंट BHARAT TEX 2025 का आयोजन किया गया और भारत सरकार के टेक्सटाइल मंत्रालय द्वारा समर्थित, कच्चे माल से लेकर तैयार उत्पादों तक की संपूर्ण वैल्यू चेन को शामिल करते हुए एक प्रमुख टेक्सटाइल मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में भारत की क्षमता को प्रदर्शित किया गया। इस कार्यक्रम में भारतीय वस्त्रों की विविधता और समृद्धि पर प्रकाश डाला गया, साथ ही उद्योग की विनिर्माण शक्ति, वैश्विक प्रतिस्पर्धा के साथ-साथ स्थिरता और परिपत्रता के प्रति इसकी प्रतिबद्धता पर भी जोर दिया गया।

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