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2 min read | अपडेटेड February 14, 2025, 15:13 IST
सारांश
New India Cooperative Bank: बैंक में कैश की स्थिति को देखते हुए रिजर्व बैंक ने ऑपरेशन्स पर प्रतिबंध लगाए हैं। बैंक ने लोगों को भरोसा दिलाया है कि उनके पैसे सुरक्षित हैं।
New India Cooperative Bank पर जड़ा ताला तो डिपॉजिटर्स की लंबी कतारें लगीं। (तस्वीर: PTI)
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने गुरुवार को मुंबई को सुपरवाइजरी ऐक्शन लेते हुए न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक (New India Co-operative Bank) पर कई प्रतिबंध लगा दिए। इनके तहत अब डिपॉजिटर्स बैंक अकाउंट से पैसे निकाल नहीं सकते। बैंक के ऊपर इस ऐक्शन के बाद डिपॉजिटर्स के बीच चिंता और असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है।
केंद्रीय बैंक के न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के लेकर लगाए गए प्रतिबंध गुरुवार से ही बिजनेस ऑपरेशन्स बंद होने के बाद लागू हो गए थे और अभी 6 महीने तक लगे रहेंगे। RBI ने बैंक में मौजूदा कैश की स्थिति को देखते हुए यह फैसला किया है।
RBI के निर्देश के अनुसार डिपॉजिटर्स को बचत खातों (Savings account) या चालू खातों (Current Account) या किसी भी दूसरे खाते से राशि की निकासी की इजाजत बैंक नहीं दे सकता है।
हालांकि, बैंक कर्मचारियों के वेतन, किराए और बिजली के बिल जैसी कुछ आवश्यक जरूरतों को पूरा करने के लिए खर्च करने को पैसे निकाल सकता है।
बैंक के ऊपर यह कार्रवाई होने से डिपॉजिटर्स बेहद परेशान हैं। उन्हें अपनी मेहनत की कमाई को लेकर चिंता पैदा होने लगी है। बैंक की मुंबई शाखा के सामने लोगों का तांता लगा हुआ है। उनका कहना है कि इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई जिससे अब परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
बैंक ने लोगों से धैर्य रखने को कहा है और बताया है कि ₹5 लाख तक की राशि डिपॉजिट इंश्योरेंस ऐंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन (DICGC) के पास सुरक्षित हैं। इस राशि का भुगतान 90 दिन के अंदर कर दिया जाएगा। इसके लिए डिपॉजिटर्स बैंक के पास अपने क्लेम दाखिल कर सकते हैं।
बैंक कार्यकारी सीईओ की ओर से जारी किए गए नोटिस में कहा गया है कि रिजर्व बैंक ने डिपॉजिटर्स के हितों को ध्यान में रखते हुए ऐसा फैसला किया है।
रिजर्व बैंक के बैन के बाद न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक ना ही नया लोन या अडवांस दे सकता है और ना पुराने लोन और अडवांस को रिन्यू कर सकता है। इसके अलावा ना ही नए निवेश कर सकता है, ना फंड्स ले सकता है।
बैंक ग्राहकों से नए डिपॉजिट भी नहीं ले सकता है। कुछ खास मामलों को छोड़कर भुगतान भी नहीं कर सकता। बैंक को किसी संपत्ति को बेचना या ट्रांसफर करने की आजादी भी नहीं है।
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