बिजनेस न्यूज़
3 min read | अपडेटेड February 07, 2025, 10:39 IST
सारांश
RBI MPC Announcement: गवर्नर संजय मल्होत्रा ने शुक्रवार सुबह मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी के फैसले का ऐलान किया। 6.5% से घटकर 6.25% किया गया रेपो रेट।
RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने किया मॉनिटरी पॉलिसी का ऐलान
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने शुक्रवार सुबह ऐलान किया है कि मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी ने रेपो रेट (Repo Rate) को 25 bps कम करके 6.5% से 6.25% पर लाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि कमिटी ने अपना स्टांस न्यूट्रल रखने पर सर्वसम्मति से फैसला किया है। 5 साल पर रेट कट के फैसले की लंबे वक्त से उम्मीद की जा रही थी।
अपनी पहली कमिटी बैठक की रिपोर्ट सामने रखते हुए गवर्नर मल्होत्रा ने माना कि इसका देश के सभी नागरिकों पर गहरा असर होता है। उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति दर पर फोकस करने से भारतीय अर्थव्यवस्था को काफी फायदा हुआ है।
उन्होंने बताया कि मॉनिटरी पॉलिसी फ्रेमवर्क के आने के बाद से औसत मुद्रास्फीति दर कम ही रही है। इसे और मजबूत और रिफाइन किया जाता रहेगा। RBI गवर्नर ने माना कि भारतीय अर्थव्यवस्था अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रही घटनाओं और उनके असर से अछूती नहीं है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने अगले वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (Gross Domestic Product, GDP) का ग्रोथ रेट 6.7% रहने का अनुमान लगाया है। RBI ने महंगाई दर के FY25 में 4.8% और FY26 में 4.2% पर रहने की संभावना जताई है।
गवर्नर ने बताया कि कमिटी ने आमराय से अपना स्टांस 'न्यूट्रल' रखने का फैसला किया है। उनका कहना है कि मुद्रास्फीति को नियंत्रित रखने पर फोकस कायम रहेगा और साथ ही साथ आर्थिक वृद्धि को रफ्तार देने की कोशिश में योगदान दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि नई फसल आने से खाद्य पदार्थों की महंगाई दर काबू में आने लगेगी।
RBI की विदेशी मुद्रा नीति (Foreign Exchange Policy) लगातार व्यवस्थित और स्थिर मार्केट ऑपरेशन के पक्ष में बनी हुई है, यह किसी एक्सचेंज रेट को टारगेट नहीं करती है।
गवर्नर संजय मल्होत्रा ने डिजिटल फ्रॉड में हो रही बढ़ोतरी पर चिंता जताई है। उन्होंने बताया कि साइबर धोखाधड़ी रोकने के लिए बैंकों का स्पेशल प्लेटफॉर्म ‘fin.in’ लाया जाएगा और अप्रैल में इसके लिए रजिस्ट्रेशन शुरू होगा।
इसके अलावा उन्होंने बैंकों से आग्रह किया है कि वे केंद्रीय बैंक के पास बिना जरूरत का धन न रखें, बल्कि इसकी आवश्यकता के अनुसार आपस में उपयोग करें।
RBI ने करीब 5 साल के बाद रेपो दर में कटौती (Repo Rate Cut) की है। आखिरी बार मई, 2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान लॉकडाउन लगने पर अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए रेपो रेट को 0.40% घटाकर 4% किया गया था।
हालांकि, इसके बाद मई 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध के जोखिमों से निपटने के लिए RBI ने दरों में बढ़ोतरी करनी शुरू की थी। यह सिलसिला फरवरी, 2023 में जाकर रुका था। रेपो रेट दो साल से 6.5% पर स्थिर बनी हुई है।
संबंधित समाचार
लेखकों के बारे में
अगला लेख