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New FASTag Rule: अब टोल बूथ पर पहुंचकर FASTag रीचार्ज का फायदा नहीं, आज से लागू NPCI के नए नियम

Upstox

3 min read | अपडेटेड February 17, 2025, 13:01 IST

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सारांश

NPCI FASTag New Rules: FASTag एक इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम है, जिसे राज्यमार्गों पर लगाया गया है। इससे प्रीपेड या बैंक अकाउंट से लिंक ऑटोमैटिक टोल पेमेंट किए जा सकते हैं।

कई बार टोल की लाइन में लगने के ठीक पहले FASTag रीचार्ज करते हैं लोग, अब बदले गए नियम।

कई बार टोल की लाइन में लगने के ठीक पहले FASTag रीचार्ज करते हैं लोग, अब बदले गए नियम।

नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (National Payments Corporation of India, NPCI) ने इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम, FASTag के तहत ट्रांजैक्शन डिक्लाइन करने से जुड़े नियमों में बदलाव किया है जो सोमवार, 17 फरवरी से लागू हो रहे हैं।

अब टोल रीडर के FASTag स्कैन करने और जब टैग को हॉटलिस्ट, कम बैलेंस या ब्लैकलिस्ट स्टेटस के लिए मार्क किया जाएगा, इसके बाद ट्रांजैक्शन को वैलिडेट किया जाएगा। किसी FASTag को कम बैलेंस, KYC (Know Your Customer) वेरिफिकेशन लंबित होने या गाड़ी के रजिस्ट्रेशन से जुड़ी अनियमितता पाए जाने पर ब्लैक लिस्ट किया जा सकता है।

क्या है FASTag?

FASTag एक इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम है, जिसे राज्यमार्गों पर लगाया गया है। इससे प्रीपेड या बैंक अकाउंट से लिंक ऑटोमैटिक टोल पेमेंट किए जा सकते हैं। ऐसा करने से टोल बूथ पर वाहनों की भीड़ कम होती है और गाड़ियां तेजी से अपना पेमेंट कर निकल सकती हैं। इससे सिस्टम में पारदर्शिता भी आती है।

नए नियमों का असर

अगर कोई FASTag स्कैन के 60 मिनट पहले से लेकर 10 मिनट बाद तक इनैक्टिव है, तो ट्रांजैक्शन को डिक्लाइन कर दिया जाएगा। ऐसे में गाड़ी पर टोल फी का दोगुना चार्ज पेनाल्टी के तौर पर लगेगा।

NPCI के इन नए नियमों के बाद FASTag यूजर्स अब इसके ब्लैकलिस्ट होने या कम बैलेंस होने पर ऐन मौके पर रीचार्ज कराने के लिए आजाद नहीं रहेंगे। कई बार टोल पर पहुंचने के वक्त इसे रीचार्ज किया जाता है लेकिन अब 60 मिनट पहले तक ही किया जा सकेगा।

हालांकि, ट्रांजैक्शन करने के 10 मिनट के अंदर रीचार्ज करने से पेनाल्टी रीफंड हो सकती है और सिर्फ टोल फी का ही भुगतान करना होगा। FASTag यूजर्स को पहले से अपने बैलेंस पर ध्यान देना चाहिए ताकि नए नियमों के तहत उन्हें पेनाल्टी ना झेलनी पड़े। ब्लैकलिस्टिंग से बचने के लिए KYC से जुड़ी डीटेल्स भी नियमित तरीके से अपडेट करनी चाहिए।

नए नियमों को लागू करने के लिए NPCI ने सदस्य बैंकों को भी निर्देश दिए हैं। बैंकों से नियमों के अनुसार अपने सिस्टम में बदलाव लाने को कहा गया है। इसके अलावा टोल प्लाजा ऑपरेटर्स और सिस्टम इंटिग्रेटर्स को भी जानकारी देने के लिए कहा गया है ताकि वह समय रहते अपनी तैयारी पूरी कर सकें।

UPI ट्रांजैक्शन पर भी नए नियम

NPCI ने UPI ट्रांजैक्शन में कोई गड़बड़ी होने पर किए जाने वाले चार्जबैक से जुड़े नियमों में भी बदलाव किए हैं जो 15 फरवरी से लागू हो गए हैं। इसके तहत चार्जबैक (chargeback) की प्राप्ति या खारिज के लिए ट्रांजैक्शन क्रेडिट कन्फर्मेशन और रिटर्न रिक्वेस्ट को आधार बनाया गया है।

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Upstox
Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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