return to news
  1. भारत की सबसे बड़ी चुनौती प्रदूषण, सस्ती बैटरी इलेक्ट्रिक गाड़ियां को देंगी रफ्तार: नितिन गडकरी

बिजनेस न्यूज़

भारत की सबसे बड़ी चुनौती प्रदूषण, सस्ती बैटरी इलेक्ट्रिक गाड़ियां को देंगी रफ्तार: नितिन गडकरी

Upstox

3 min read | अपडेटेड April 01, 2025, 06:39 IST

Twitter Page
Linkedin Page
Whatsapp Page

सारांश

Electric Vehicles: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में इलेक्ट्रिक साइकल्स को प्रमोट करने के लिए एक कार्यक्रम के दौरान माना है कि भारत के सामने सबसे बड़ी चुनौती प्रदूषण की है। गडकरी ने बताया कि भारत का ऑटोमोबाइल क्षेत्र तेज वृद्धि की बदौलत 2014 के बाद से जापान को पीछे छोड़ते हुए वैश्विक स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा क्षेत्र बन गया है।

ठाणे में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने परिवहन क्षेत्र के पर्यावरण के असर पर बात की। (तस्वीर: PTI)

ठाणे में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने परिवहन क्षेत्र के पर्यावरण के असर पर बात की। (तस्वीर: PTI)

भारत की सबसे बड़ी चुनौती है प्रदूषण और परिवहन क्षेत्र इसमें प्रमुख योगदान देता है। इसलिए जीवाश्म ईंधन से वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों की ओर तुरंत बढ़ने की जरूरत है। यह कहना है केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी का। उन्होंने बदलते समय में साइकल चलाने को बढ़ावा देने की जरूरत बताई है।

गडकरी ने कहा है कि जीवाश्म ईंधन पर भारत की निर्भरता एक आर्थिक बोझ है क्योंकि ईंधन आयात पर सालाना ₹22 लाख करोड़ खर्च होते हैं और यह पर्यावरण के लिए खतरा भी है। इसलिए देश की प्रगति के लिए स्वच्छ ऊर्जा को अपनाना महत्वपूर्ण हो जाता है।

ठाणे में पर्यावरण अनुकूल इलेक्ट्रिक साइकिल की शुरुआत के अवसर पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बढ़ते शहरीकरण को देखते हुए ‘साइकिलिंग’ को एक टिकाऊ शहरी परिवहन विकल्प के रूप में बढ़ावा देने की आवश्यकता है।

गडकरी ने कहा कि भारत का ऑटोमोबाइल क्षेत्र तेज वृद्धि की बदौलत 2014 के बाद से जापान को पीछे छोड़ते हुए वैश्विक स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा क्षेत्र बन गया है।

उन्होंने कहा कि 2030 तक भारत इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) उत्पादन में दुनिया का अग्रणी देश बन जाएगा, जिसका वैश्विक ऑटो बाजार पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा।

केंद्रीय मंत्री ने इलेक्ट्रिक वाहनों को अधिक किफायती बनाने और उन्हें पारंपरिक ईंधन चालित वाहनों के मूल्य समतुल्य बनाने के लिए लिथियम-आयन बैटरी की कीमतों में कमी (अब 100 अमेरिकी डॉलर प्रति किलोवाट घंटा) को श्रेय दिया।

गडकरी ने कहा, ‘प्रदूषण हमारे देश की सबसे बड़ी चुनौती है और परिवहन क्षेत्र इसमें सबसे ज्यादा योगदान देता है।’ उन्होंने कहा कि बिजली और वैकल्पिक ईंधन की ओर बदलाव न केवल पर्यावरणीय आवश्यकता है, बल्कि आर्थिक अनिवार्यता भी है।

मंत्री ने कहा कि भारत में इंजीनियरिंग क्षेत्र की युवा प्रतिभा ईवी प्रौद्योगिकी और वैकल्पिक ईंधन में नवाचारों के पीछे प्रेरक शक्ति है। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप महत्वपूर्ण सफलताएं हासिल कर रहे हैं, जिससे भारत हरित ऊर्जा क्रांति में सबसे आगे आ रहा है।

उन्होंने भारत में निर्मित इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय मांग पर भी जोर देते हुए कहा कि यह निर्यात का बढ़िया अवसर है, जिससे अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिल सकता है और भारत के व्यापार संतुलन में सुधार हो सकता है।

गडकरी ने कहा कि ध्यान देने का एक अन्य प्रमुख क्षेत्र जैव ईंधन है। उन्होंने कृषि अपशिष्ट को जैव-सीएनजी और जैव-विमानन ईंधन सहित जैव ईंधन में परिवर्तित करने की सरकार की पहल का उल्लेख किया, जिससे किसान ऊर्जा प्रदाता बन सकेंगे।

उन्होंने कहा कि इस बदलाव से न केवल ग्रामीण क्षेत्र की आय बढ़ेगी, बल्कि प्रदूषण भी कम होगा और ईंधन आयात लागत में भी कमी आएगी। उन्होंने कहा, ‘किसान अब केवल अन्नदाता नहीं रहेंगे-वे ऊर्जा प्रदाता भी होंगे।’ उन्होंने पारंपरिक ईंधन पर निर्भरता कम करने के उद्देश्य से जैव ईंधन परियोजनाओं पर प्रकाश डाला।

मंत्री ने साइकिल को एक स्थायी शहरी परिवहन विकल्प के रूप में बढ़ावा देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि बढ़ते शहरीकरण के साथ, सड़क सुरक्षा में सुधार और शहरों में भीड़भाड़ कम करने के साथ-साथ पर्यावरण के अनुकूल यात्रा को प्रोत्साहित करने के लिए ‘साइकिलिंग’ को लेकर बुनियादी ढांचे की आवश्यकता है।

लेखकों के बारे में

Upstox
Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

अगला लेख