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  1. सड़क हादसे के 1 घंटे के अंदर मिले इलाज, घायलों को ₹1.5 लाख तक कैशलेस कवर देगी सरकार

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सड़क हादसे के 1 घंटे के अंदर मिले इलाज, घायलों को ₹1.5 लाख तक कैशलेस कवर देगी सरकार

Upstox

3 min read | अपडेटेड January 09, 2025, 12:21 IST

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सारांश

Road Accident Golden Hour: सड़क हादसे के एक घंटे बाद का समय बेहद नाजुक होता है। इस दौरान इलाज मिलने से कई जिंदगियों को बचाया जा सकता है।

साल 2021 में 153,972 लोगों की जान सड़क हादसे में गई थी।

साल 2021 में 153,972 लोगों की जान सड़क हादसे में गई थी।

भारत में सड़क सुरक्षा को और चुस्त करने के लिए सरकार ने साल 2025 में कई नए कदम उठाने का फैसला किया है। इसी कड़ी में सड़क हादसे में घायल होने वालों के लिए इलाज के खर्च से लेकर वाहन चालकों के लिए समय को फिक्स करने जैसे प्रावधान लाए गए हैं। इस बारे में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को राष्ट्रव्यापी योजना का ऐलान किया है।

समय पर पहुंचे मदद

इस योजना के तहत सड़क हादसे में घायल हुए लोगों को ₹1.5 लाख तक का कैशलेस इलाज दिया जाएगा। इसका मकसद हादसे के बाद ‘Golden Hour’ के अंदर समय से मेडिकल केयर पहुंचाना है। यह ऐसा नाजुक समय होता है जिसके अंदर इलाज मिलने से कई जानों को बचाया जा सकता है। मंत्रालय के एक डेटा के मुताबिक साल 2021 में 153,972 लोगों की जान सड़क हादसे में गई थी।

**और पढ़ें: FY2024-25 में भारत की GDP वृद्धि दर 6.4% रहने का अनुमान, 4 साल में सबसे कम, कृषि क्षेत्र में दिखी है उछाल ** राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के जरिए हादसे के 7 दिनों के अंदर कैशलेस ट्रीटमेंट दिया जाएगा। इसमें सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ई-विस्तृत ऐक्सिडेंट रिपोर्ट (eDAR) प्लेटफॉर्म को राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के ट्रांजैक्शन मैनेजमेंट सिस्टम के साथ जोड़ा गया है। इसे लेकर पायलट प्रॉजेक्ट मार्च 2024 में चंडीगढ़ में लॉन्च किया गया था और बाद में 6 राज्यों में बढ़ाया गया था।

चालकों के लिए तय समय तक काम

सरकार कमर्शल वाहन चालकों के लिए काम के घंटे तय करने को लेकर नीति बनाने के लिए मजदूर कानूनों की स्टडी कर रही है, जैसे पायलट्स के लिए पहले से लागू है। गडकरी के मुताबिक थकान के चलते कई जानलेवा हादसे होते हैं। उन्होंने यह भी बताया था कि भारत में 22 लाख वाहन चालकों की कमी है।

गडकरी ने देशभर के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के परिवहन मंत्रियों के साथ 42वीं ट्रांसपोर्ट विकास परिषद की बैठक में चर्चा की। इस दौरान देश के अलग-अलग ट्रांसपोर्ट संगठनों से आए हुए सुझावों पर भी चर्चा की गई।

हादसों को टालने की कवायद

गडकरी ने बुनियादी ढांचा बनाने को अतिरिक्त प्रोत्साहन के साथ ड्राइवर ट्रेंनिंग इंस्टिट्यूट स्थापित करने के लिए योजना भी लॉन्च की। उन्होंने डेटा आधारित सड़क सुरक्षा टूल- नक्शा (Naksha) भी शुरू किया। इसके अलावा ब्लैक-स्पॉट्स को चिह्नित करने के लिए संजय पोर्टल (Sanjay Portal) और मद्रास मैट्रिक्स (Madras Matrix) जैसे ऐप भी शुरू किए।

गाड़ियों की सुरक्षा भी बढ़े

देश में तेजी से बढ़ती ई-रिक्शा की संख्या को देखते हुए अधिकारियों ने सुरक्षा मजबूत करने के मद्देनजर खास नियम और दिशा-निर्देश लागू करने पर सहमति बनाई है। गडकरी ने बताया कि अडवांस्ड ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम (ADAS) को ट्रकों के लिए लाने पर चर्चा भी हुई है।

इसके साथ ही गाड़ियों की सुरक्षा के लिए रेट्रो-रिफ्लेक्टिव टेप के इस्तेमाल को सुनिश्चित करने के लिए कड़ाई से पालन की की जरूरत भी समझी गई।

डिजिटल सुविओं से लैस

गडकरी ने बताया कि वाहन और सारथी प्लेटफॉर्म्स के तहत पूरे देश में फेसलेस ट्रांसपोर्ट सेवाएं लाने का प्लान है जिसे मार्च 2025 तक अंतिम रूप दे दिया जाएगा। राज्यों से भी ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट (AITP), भारत (BH) सीरीज की गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन और हाई-सिक्यॉरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट्स को जल्द लागू करने के लिए कहा गया है।

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