बिजनेस न्यूज़
3 min read | अपडेटेड October 30, 2024, 17:07 IST
सारांश
GST दरों में बदलाव पर फैसले के लिए बनाए गए मंत्री समूह ने आम आदमी को ध्यान में रखते हुए सुझाव दिए हैं। प्रस्ताव में कहा गया है कि साइकल और पैकेज्ड पीने के पानी के साथ- साथ कुछ बीमा उत्पादों की दरों को कम किया जाए और लग्जरी आइटम, जैसे महंगी घड़ियों और जूतों पर ज्यादा टैक्स लगाया जाए। इन सुझावों पर आखिरी फैसला जीएसटी काउंसिल को करना है।
होने वाली है GST काउंसिल की मीटिंग
वस्तु और सेवा कर (Goods and Services Tax, GST) के लिए बनाए गए मंत्री समूह ने एक बड़ा फैसला करते हुए जीएसटी दरों में फेरबदल का सुझाव दिया था। जहां पैकेज्ड पानी की 20 लीटर की बोतल, साइकल और प्रैक्टिस नोटबुक्स पर टैक्स को घटाकर 5% कर दिया गया था वहीं, महंगी घड़ियों और जूतों पर टैक्स बढ़ाने की सिफारिश की थी। नवंबर में जीएसटी काउंसिल की मीटिंग होने वाली है, ऐसे में यह देखना होगा कि क्या टैक्स रेट्स में बदलाव किया जाएगा?
इस मंत्री समूह की अध्यक्षता बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने की। इसमें उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, राजस्थान के स्वास्थ्य सेवा मंत्री गजेंद्र सिंह, कर्नाटक के राजस्व मंत्री कृष्ण बाइरे गौड़ा और केरल के वित्त मंत्री केएन बालागोपाल भी शामिल हैं।
पैकेज्ड पानी पर फिलहाल 18% का जीएसटी लगता है। ₹10 हजार से कम कीमत की साइकलों पर भी टैक्स 12% से घटाकर 5% करने की सिफारिश की गई है। अधिकारियों का मानना है कि अगर जीएसटी काउंसिल इन सुझावों को मानती है तो इस पूरे फेरबदल से राजस्व को करीब ₹22 हजार करोड़ का फायदा होगा।
प्रैक्टिस नोटबुक्स पर भी पहले 12% जीएसटी लगता था जिसे घटाकर 5% लाने का प्रस्ताव समूह ने दिया है। वहीं, ₹15 हजार से ज्यादा के जूतों और ₹25 हजार से ज्यादा की घड़ियों पर टैक्स 18% से बढ़ाकर 28% करने का सुझाव दिया गया है। टैक्स की दरों में फेरबदल के पीछे मंत्री समूह का लक्ष्य आम आदमी को रियायत देने का है।
मंत्रीसमूह ने यह भी प्रस्ताव दिया है कि जीवन बीमा (Term Life Insurance) और वरिष्ठ नागरिकों के स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम को टैक्स से बाहर रखा जाए। यह फैसला किया गया है कि वरिष्ठ नागरिकों के अलावा ₹5 लाख का स्वास्थ्य बीमा कराने वालों के प्रीमियम पर टैक्स ना लगाया जाए। इसके ऊपर की राशि पर 18% टैक्स को लोगू रखा गया है।
जीएसटी में चार दरें लागू होती हैं- 5, 12, 18, and 28%। बेहद जरूरी चीजें (essential items) या तो जीएसटी से बाहर होती हैं या उन पर मामूली टैक्स लगता है। वहीं, लग्जरी और अवगुण वस्तुओं (Demerit items) पर सबसे ज्यादा टैक्स लगता है। इन पर 28% टैक्स के अलावा सेस भी लगता है।
जानकारों का मानना है कि जीएसटी के राजस्व तटस्थ दर (revenue neutral rate) 15.3% से नीचे जाने के चलते टैक्स दरों में फेरबदल पर चर्चा की गई है। इन सभी सुझावों पर निर्णायक फैसला जीएसटी काउंसिल करेगी जो अक्टूबर के आखिर में मिलने वाली है।
लेखकों के बारे में
अगला लेख