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3 min read | अपडेटेड February 03, 2025, 17:06 IST
सारांश
Research& Development in Budget 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि युवाओं में वैज्ञानिक सोच विकसित करने के लिए अगले पांच साल में 50,000 ‘अटल टिंकरिंग लैब’ स्थापित किए जाएंगे।
उभरती टेक्नॉलजी में रिसर्च के लिए हो व्यापक नीति: इंडस्ट्री
केंद्रीय बजट 2025-26 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने निजी क्षेत्र में इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग को ₹20,000 करोड़ आवंटित किए हैं। सीतारमण ने कहा है कि युवाओं में वैज्ञानिक सोच विकसित करने के लिए अगले पांच साल में 50,000 ‘अटल टिंकरिंग लैब’ स्थापित किए जाएंगे।
इस पर इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स कहना है कि बजट में उठाए गए कदम जरूरी हैं लेकिन देश को और ज्यादा ऐक्शन लेने की जरूरत है। इंडस्ट्री से जुड़े लोगों ने माना है कि रिसर्च को बढ़ावा देने, आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence, AI) और जियो-स्पेशियल इनिशिएटिव्स के विस्तार और ‘अटल टिंकरिंग लैब’ (Atal Tinkering Lab) स्थापित करने का काम तेजी से आगे बढ़ाने के लिए ₹20,000 करोड़ का आवंटन, देश के रिसर्च और डिवेलपमेंट परिवेश को मजबूत करने के लिए अहम है।
इस बारे में वाधवानी इनोवेशन नेटवर्क के प्रबंध निदेशक शिरशेंदु मुखर्जी ने कहा कि 2025 का केंद्रीय बजट भारत के रिसर्च और डिवेलपमेंट परिवेश को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा है कि यह फैसला सरकार की मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
कम उम्र से ही रचनात्मकता को बढ़ावा देने और डीप टेक्नॉलजी रिसर्च को आगे बढ़ाने से ये निवेश AI और डिजिटल बदलाव को रफ्तार देंगे और भारत को उभरती टेक्नॉलजी में ग्लोबल लीडर के रूप में स्थापित करेंगे।
वाधवानी फाउंडेशन के अध्यक्ष और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अजय केला का कहना है कि स्किल डिवेलपमेंट के लिए पांच राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना और AI-संचालित शिक्षा में ₹500 करोड़ के निवेश से भविष्य के लिए कार्यबल की तैयारी में अच्छी ग्रोथ होगी।
वहीं, अक्षय और हरित ऊर्जा कंपनी SAEL के मुख्य वित्तीय अधिकारी दुष्यंत चाचरा ने कहा कि यह आवंटन जरूरी है, लेकिन इस क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ने के लिए और ज्यादा व्यापक और निरंतर रणनीति जरूरी है। उनका कहना है कि सरकार आने वाले समय में रिसर्च और डिवेलपमेंट फंड में अतिरिक्त आवंटन, रेग्युलेटरी अप्रूवल को न्यूनतम करने और निजी भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए महत्वपूर्ण टैक्स पर छूट देने जैसे कदमों पर विचार कर सकती है।
चेन्नई स्थित ‘ग्रेट लेक्स इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट’ के प्रोफेसर और प्रत्यायन निदेशक विश्वनाथन अय्यर ने कहा कि निजी क्षेत्र के रिसर्च के लिए टैक्स प्रोत्साहन की गुंजाइश है जबकि ‘एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी’ के ‘सेंटर ऑफ एक्सिलेंस’ के ‘एमेरिटस साइंटिस्ट और मटीरियल साइंस’ के निदेशक भरत काले के अनुसार, देश को रिसर्च और डिवेलपमेंट पर खर्च बढ़ाने की जरूरत है।
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