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3 min read | अपडेटेड January 08, 2025, 08:21 IST
सारांश
Indian GDP Growth: NSO के मुताबिक मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर की वृद्धि दर में गिरावट देखी गई है जबकि कृषि क्षेत्र का प्रदर्शन राहत देने वाला है।
इस डेटा का इस्तेमाल केंद्रीय बजट की तैयारी में किया जाएगा।
भारत का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वित्त वर्ष 2024-25 में 6.4% की दर से बढ़ने का अनुमान सरकार के पहले अडवांस्ड एस्टिमेट में लगाया गया है। राष्ट्रीय सांख्यिकी दफ्तर (National Statistics Office, NSO) के प्रारंभिक डेटा के आधार पर यह आकलन किया गया है कि चार साल में पहली बार वृद्धि दर 7% से कम पर रुक सकती है।
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने एक रिलीज में कहा है कि रियल जीडीपी (GDP at Constant Prices) वित्त वर्ष 2024-25 में ₹184.88 लाख करोड़ रहने का अनुमान है जबकि वित्त वर्ष 2023-24 का प्रविजनल एस्टिमेट ₹173.82 लाख करोड़ का था।
वहीं नॉमिनल जीडीपी, जिसमें मुद्रास्फीति को भी जोड़ा जाता है, वित्त वर्ष 2024-25 में 9.7% की वृद्धि दर से ₹324.11 लाख करोड़ पर पहुंच सकता है जो पिछले साल की 9.6% की दर से ज्यादा है। इन अडवांस्ड एस्टिमेट्स का इस्तेमाल 1 फरवरी को लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए जाने वाले केंद्रीय बजट की तैयारी में किया जाएगा।
NSO के मुताबिक, मौजूदा कीमतों पर सकल मूल्य-वर्धन (Gross Value Added, GVA) पिछले वित्त वर्ष के 267.62 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले 2024-25 में 292.64 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच जाने का अनुमान है। यह 9.3% की वृद्धि को दर्शाता है।
आर्थिक वृद्धि के एक अहम मानक निजी उपभोग में 2024-25 के दौरान 7.3% की वृद्धि होने का अनुमान है जो पिछले वित्त वर्ष में 4% थी। वहीं, सरकारी उपभोग पिछले वित्त वर्ष के 2.5% की वृद्धि दर के मुकाबले चालू वित्त वर्ष में 4.1% बढ़ने की संभावना है।
NSO ने 2024-25 के पहले अडवांस एस्टिमेट में कहा कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की वृद्धि पिछले वित्त वर्ष के 9.9% से घटकर 5.3% पर आ सकती है। इसके अलावा व्यापार, होटल, परिवहन और संचार सहित सेवा क्षेत्र में वृद्धि दर 2023-24 के 6.4% के मुकाबले 5.8% रहने का अनुमान है।
हालांकि, कृषि क्षेत्र का प्रदर्शन अर्थव्यवस्था के लिए राहत लेकर आ सकता है। कृषि क्षेत्र के चालू वित्त वर्ष में 3.8% की वृद्धि दर्ज करने का अनुमान है जो पिछले वित्त वर्ष में 1.4% था।
कोविड-19 महामारी से बुरी तरह प्रभावित वित्त वर्ष 2020-21 में अर्थव्यवस्था में 5.8% की गिरावट दर्ज की गई थी। हालांकि, उसके बाद 2021-22 में यह 9.7%, 2022-23 में 7% और वित्त वर्ष 2023-24 में 8.2% की उच्च दर से बढ़ी थी।
NSO का वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 6.4% वृद्धि का अनुमान भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अनुमान से कम है। RBI ने दिसंबर, 2024 में जारी अपने अनुमान में कहा था कि चालू वित्त वर्ष में जीडीपी 6.6% की दर से बढ़ेगी।
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