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2 min read | अपडेटेड December 26, 2024, 15:15 IST
सारांश
Hallmarking on Silver: Bureau of Indian Standards (BIS) का हॉलमार्क का निशान जेवर की शुद्धता दिखाता है। इससे ग्राहकों को पता चलता है कि वे जिस जेवर को खरीद रहे हैं वह असली है या नहीं।
सोने की तरह आसान नहीं चांदी पर हॉलमार्किंग करना
Bureau of Indian Standards (BIS) का हॉलमार्क का निशान जेवर की शुद्धता दिखाता है। इससे ग्राहकों को पता चलता है कि वे जिस जेवर को खरीद रहे हैं वह असली है या नहीं। दोबारा जेवर बेचते वक्त भी यह काम आता है। यही नहीं, इसके जरिए सरकार भी बहुमूल्य धातु की तस्करी पर निगरानी कर सकती है। भारत में सोने के जेवरों पर BIS हॉलमार्क लगाना अनिवार्य है।
इसके साथ ही एक 6 अंकों का Hallmark Unique Identification (HUID) नंबर भी दिया जाता है। इस नंबर के जरिए जूलर का रजिस्ट्रेशन, हॉलमार्क की तारीख और सोने की शुद्धता का पता चल सकता है। साल 2023 से सोने के जेवरों में HUID नंबर लिखना अनिवार्य है।
CNBC-TV18 की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि सरकार सोने की तरह ही चांदी के जेवरों पर भी हॉलमार्किंग करने का प्लान बना रही है। हालांकि, अभी इस पर कोई फैसला नहीं हो सका है।
दरअसल, चांदी पर्यावरण में मौजूद तत्वों से आसानी से और तेजी के साथ रिऐक्ट करती है। इसलिए यह जल्दी काली भी पड़ जाती है। जबकि सोने पर लगाया गया HUID का निशान लंबे वक्त तक उसकी गुणवत्ता का सबूत दे सकता है, चांदी पर HUID के मिटने की आशंका है। इसलिए अभी इसका स्थायी इलाज ढूंढा जा रहा है।
BIS ने सोने के जेवरों की शुद्धता पता करने के लिए एक ऐप भी तैयार किया है। BIS केयर ऐप के जरिए उपभोक्ता मिनटों में अपने जेवर से जुड़ी जानकारी हासिल कर सकते हैं। इसके लिए ऐप में सिर्फ HUID एंटर करना होता है और इससे जूलर की जानकारी, शुद्धता वगैरह पता चल जाती हैं। यहीं नहीं, अगर जेवर को लेकर कोई शिकायत हो, तो उसे भी यहां दर्ज किया जा सकता है।
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