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3 min read | अपडेटेड February 24, 2025, 09:22 IST
सारांश
Tapentadol, Carisoprodol Drugs Combination: CDCSO ने स्टेट रेग्युलेटरी अथॉरिटी के साथ मिलकर उत्पादन इकाई की जांच की थी। इसके बाद कच्चे माल समेत कई उत्पादों को जब्त कर लिया गया है।
दोनों दवाइयों को अलग-अलग मिला है अप्रूवल, कॉम्बिनेशन को नहीं।
बिना अप्रूवल पश्चिमी अफ्रीका भेजी जा रहीं दो दवाइयों के कॉम्बिनेशन के उत्पादन और निर्यात पर रोक लगाने के आदेश दिए गए हैं। इनके ऑडिट और जांच के बाद मुंबई एयर कार्गो में घाना जाने वाले एक कंसाइनमेंट को रोक भी दिया गया है।
सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (Central Drugs Standard Control Organisation, CDSCO) और महाराष्ट्र स्टेट रेग्युलेटरी अथॉरिटी ने इन दवाइयों की उत्पादन इकाइयों का ऑडिट किया था और CDSCO ने इनके निर्यात लाइसेंस पर रोक लगा दी है।
टैपेंटाडॉल और कैरिसोप्रोडॉल (tapentadol, carisoprodol) नाम की दवाइयों के कॉम्बिनेशन के बिना अप्रूवल निर्यात की जानकारी मिलने पर यह कार्रवाई की गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक मुंबई के Aveo Pharmaceuticals से इनके निर्यात की खबर मिली थी।
रिपोर्ट के मुताबिक CDSCO ने दोनों दवाइयों को भारत में अलग-अलग अप्रूवल दिया है। हालांकि, इनके कॉम्बिनेशन को अप्रूवल नहीं मिला है। इस कॉम्बिनेशन को खतरनाक भी बताया गया है। ये दोनों दवाइयां भारत में NDPS (नार्कोटिक्स ड्रग्स ऐंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंसेज) की लिस्ट में भी नहीं आती हैं। दोनों दर्द में आराम के लिए इस्तेमाल की जाती हैं।
CDSCO और रेग्युलेटरी अथॉरिटी ने 21 और 22 फरवरी को Aveo Pharmaceuticals का ऑडिट किया था। इसके बाद कंपनी में सभी ऑपरेशन्स को रोकने के लिए निर्देश जारी किया गया। जांच टीम ने कच्चे माल और उत्पादों को जब्त कर लिया। टैपेंटाडॉल और कैरिसोप्रोडॉल के ऐक्टिव फार्मासूटिकल इंग्रीडियंट्स (API) के 26 बैच और 1.3 करोड़ टैबलेट/कैप्सूल जब्त किए गए।
महाराष्ट्र के FDA ने कंपनी से इन दवाइयों के कॉम्बिनेशन के उत्पादन पर फौरन रोक लगाने को कहा है। सभी राज्यों की ड्रग कंट्रोल अथॉरिटी और जोनल दफ्तरों को इसे दिए गए निर्यात के NOC और उत्पादन के लाइसेंस वापस लेने को कहा है। इसके पालन के लिए सभी कस्टम दफ्तरों को भी नोटिस भेजा गया है।
वहीं, मुंबई एयर कार्गो पर गाना जाने वाले टैपेंटाडॉल 125 एमजी + कैरिसोप्रोडॉल 100 एमजी के निर्यात कंसाइनमेंट को भी आगे की जांच पूरी होने तक के लिए रोक दिया गया है। CDSCO स्टेट रेग्युलेटर्स के साथ मिलकर दवाइयों के उत्पादन और टेस्टिंग कंपनियों के इंस्पेक्शन कर रहा है।
दिसंबर 2022 तक 905 इकाइयों का इंस्पेक्शन किया जा चुका है जिसके बाद 694 बार ऐक्शन लिया जा चुका है। इसमें उत्पादन, टेस्टिंग पर रोक, लाइसेंस रद्द करना, कारण बताओ नोटिस जैसी कार्रवाई की गई है।
दिसंबर, 2024 में जारी किए गए डेटा के मुताबिक वित्त वर्ष 2023-24 में भारतीय फार्मासूटिकल बाजार की कीमत $50 अरब थी। इसमें से निर्यात का हिस्सा $26.5 अरब का था जबकि घरेलू खपत $23.5 अरब ती। भारत की फार्मा इंडस्ट्री को वॉल्यूम के आधार पर दुनिया में तीसरा और उत्पादन के मूल्य के आधार पर 14वां माना जाता है।
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