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3 min read | अपडेटेड February 10, 2025, 09:23 IST
सारांश
New Income Tax Bill: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पहले ऐलान किया था कि मौजूदा आयकर कानून को आसान बनाने के लिए एक व्यापक रिव्यू किया जाएगा।
आयकर कानून को सरल बनाने की कवायद।(तस्वीर: @FinMinIndia via PTI Photo)
केंद्र सरकार आयकर कानून (Income Tax Act) को समझने और पालन करने में आसान बनाने के लिए नया विधेयक (New Income Tax Bill) लाने जा रही है। इसके बारे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट 2025 के भाषण में ऐलान किया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक यह विधेयक सोमवार, 10 फरवरी को संसद में पेश हो सकता है।
लोकसभा में पेश होने के बाद विधेयक पर व्यापक विचार-विमर्श के लिए संसद की स्थायी समिति के पास भेजा जाएगा। संसदीय समिति की सिफारिशों के बाद यह विधेयक फिर से मंत्रिमंडल के पास जाएगा। मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद इसे दोबारा संसद में पेश किया जाएगा।
नया विधेयक प्रत्यक्ष कर कानून को समझने में आसान बनाने और कोई नया कर बोझ नहीं लगाने की एक कवायद है। इसमें प्रावधान और स्पष्टीकरण या कठिन वाक्य नहीं होंगे। इसके जरिए विवाद और मुकदमे कम करने की कोशिश की जाएगी।
नए अधिनियम में वे सभी संशोधन और धाराएं नहीं होंगी जो अब प्रासंगिक नहीं हैं। साथ ही भाषा ऐसी होगी कि लोग इसे विशेषज्ञों की सहायता के बिना समझ सकें।
वित्त सचिव तुहिन कांत पांडेय के मुताबिक नए विधेयक में प्रावधान और स्पष्टीकरण या लंबे वाक्य नहीं होंगे। यह कर तटस्थ होगा। उनका कहना है कि देश के सामाजिक-आर्थिक ताने-बाने में तकनीकी प्रगति और बदलावों को देखते हुए, पुराने आयकर अधिनियम को पूरी तरह से बदलने की सख्त जरूरत है।
पांडेय ने बताया है कि आयकर अधिनियम, 1961 प्रत्यक्ष करों - व्यक्तिगत आयकर, कॉरपोरेट कर, प्रतिभूति लेनदेन कर, उपहार और संपत्ति कर के अलावा अन्य करों को लागू करने से संबंधित है। इस समय अधिनियम में लगभग 298 धाराएं और 23 अध्याय हैं। समय के साथ, सरकार ने संपत्ति कर, उपहार कर, फ्रिंज बेनिफिट कर और बैंकिंग नकद लेनदेन कर सहित विभिन्न शुल्कों को समाप्त कर दिया है।
नया अधिनियम उन सभी संशोधनों और धाराओं से मुक्त होगा जो अब प्रासंगिक नहीं हैं। साथ ही भाषा ऐसी होगी कि लोग इसे कर विशेषज्ञों की सहायता के बिना समझ सकें। उन्होंने बताया है कि नए आयकर कानून में आयकर दरों में बदलाव की संभावना नहीं है, क्योंकि यह आमतौर पर वित्त अधिनियम के माध्यम से किया जाता है।
सीतारमण ने पहली बार जुलाई 2024 के बजट में आयकर अधिनियम, 1961 की व्यापक समीक्षा की घोषणा की थी। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आयकर कानून की समीक्षा पर गौर करने और अधिनियम को संक्षिप्त, स्पष्ट और समझने में आसान बनाने के लिए एक आंतरिक समिति गठित की थी।
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