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2 min read | अपडेटेड November 07, 2024, 18:18 IST
सारांश
प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement directorate) ने Amazon, Flipkart के 19 दफ्तरों पर छापे मारे हैं। दोनों के ऊपर FDI नियमों के उल्लंघन का आरोप है। इसके पहले अगस्त में Competition Commission of India ने इन आरोपों को सही पाया था।
CCI भी दोनों पर लगे आरोपों को सही पा चुकी है
ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स ऐमजॉन और फ्लिपकार्ट के 19 दफ्तरों पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छापे मारे। दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद और पंचकूला समेत कई दफ्तरों को फॉरन एक्सचेंज मैनेजमेंट ऐक्ट के तहत खंगाला गया। इस बारे में एजेंसी ने जानकारी दी है। दोनों के ऊपर आरोप है कि कुछ विक्रतओं को फायदा पहुंचाने के लिए इन्होंने अपने प्लेटफॉर्म का गलत इस्तेमाल किया है।
भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के नियम विदेशी ई- कॉमर्स कंपनियों को बाध्य करते हैं कि वे सिर्फ मार्केटप्लेस का काम करेंगी। वे किसी भी तरह का सीधा प्रभाव प्रॉडक्ट की कीमत या इन्वेन्टोरी के ऊपर नहीं डाल सकतीं। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि छोटे व्यापारियों के हितों को बचाया जा सके।
छोटे विक्रेताओ ने दोनों कंपनियों पर आरोप लगाया था कि उन्होंने कुछ सेलर्स को अलग फायदे पहुंचाए हैं, डिस्काउंट दिए हैं जिससे कॉम्पिटिशन को नुकसान पहुंचा है। ईडी ने अपने बयान में कहा है कि दोनों कंपनियों ने FDI के नियमों का उल्लंघन किया है।
इसके पहले कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया ने अगस्त में पाया था कि ऐमजॉन और फ्लिपकार्ट प्रतिस्पर्धा विरोधी नीतियां अपना रहे हैं। रिपोर्ट में बताया गया था कि दोनों कुछ खास सेलर्स को स्पेशल लिस्टिंग में शामिल किया जाता है और उन्हें मार्केटिंग सेवाएं, बेहतर सर्च रैंक, डिस्काउंट वगैरह दिया जाता है जबकि बाकी सब पर ध्यान नहीं दिया जाता।
वहीं, दोनों कंपनियों ने किसी भी तरह की गलत प्रैक्टिस को फॉलो करने के आरोप का खंडन किया है। उनका दावा है कि भारत के रेग्युलेटरी मापदंडों का वे पालन कर रहे हैं।
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