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2 min read | अपडेटेड November 14, 2024, 14:32 IST
सारांश
केंद्र सरकार के डेटा के मुताबिक खुदरा मुद्रास्फीति सितंबर में 5.49% थी जो अक्टूबर में 6.21% पर पहुंच गई थी। अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (All India Consumer Price Index) पर ग्रामीण महंगाई 6.68% और शहरी 5.62% पर थी।
केंद्रीय मंत्री को विश्वास, दिसंबर में नीचे आएगी महंगाई
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को कहा है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को बढ़ती खाद्य मुद्रास्फीति दर के बाद भी ब्याज की दरों को कम करना चाहिए। उन्होंने विश्वास जताया है कि दिसंबर में महंगाई दर नीचे आएगी और कहा कि रिजर्व बैंक ये कोशिश कर रहा है कि भारत महंगाई दर को मैनेज करने के मामले में सबसे आगे रहे।
CNBC- TV18 की ग्लोबल लीडरशिप समिट में बोलते हुए वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने कहा कि ब्याज की दरों में बदलाव के लिए खाद्य मुद्रास्फीति को ध्यान में रखना एक गलत थिअरी है। हालांकि, गोयल ने साफ किया कि ये उनके निजी विचार हैं, सरकार के नहीं।
गोयल ने कहा कि पिछले 10 साल में औसतन महंगाई दर भारत में आजादी के बाद से सबसे कम रही है। उन्होंने कहा कि अक्टूबर में ही मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी ने महंगाई दर के ऊपर जाने के संकेत दिए थे। इसके साथ ही अब दिसंबर और जनवरी में इसके नीचे आने का विश्वास है।
केंद्र सरकार के डेटा के मुताबिक खुदरा मुद्रास्फीति सितंबर में 5.49% थी जो अक्टूबर में 6.21% पर पहुंच गई थी। अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (All India Consumer Price Index) पर ग्रामीण महंगाई 6.68% और शहरी 5.62% पर थी।
सांख्यिकी मंत्रालय ने इस बढ़त की वजह खाने की चीजों के बढ़े हुए दामों को बताया है। सब्जियों, अंडों, चीनी और कन्फेक्शनरी के दाम तेजी से बढ़े हैं जिससे आम लोगों की जेब पर असर पड़ा है।
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