बिजनेस न्यूज़
3 min read | अपडेटेड January 20, 2025, 16:42 IST
सारांश
Donald Trump: भारतीय समय के अनुसार रात को 10:30 पर होने वाले समारोह में इलॉन मस्क, जेफ बेजोस, मार्क जकरबर्ग और सुंदर पिचाई मौजूद रहेंगे।
40 साल में पहली बार खुले आसमान के नीचे नहीं होगा समारोह
डॉनल्ड ट्रंप 20 जनवरी को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। दूसरी बार राष्ट्रपति बनने जा रहे ट्रंप को चीफ जस्टिस जॉन रॉबर्ट्स शपथ दिलाएंगे। यह मौका इसलिए भी खास है क्योंकि 40 साल बाद शपथग्रहण समारोह कैपिटल रोटुंडा के अंदर होगी जबकि इसके पहले आमतौर पर यह खुले आसमान के नीचे होती रही है। भारतीय समयानुसार यह समारोह रात 10:30 बजे होगा।
समारोह में टेस्ला के मालिक इलॉन मस्क, ऐमजॉन मालिक जेफ बेजोस, मेटा के मालिक मार्क जकरबर्ग और गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई जैसी शख्सियतें मौजूद रहेंगी। 78 साल के ट्रंप कमला हैरिस को हराकर राष्ट्रपति पद पर काबिज हो रहे हैं। 46वें अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के अपना नामांकन वापस लेने के बाद हैरिस डेमोक्रैट्स की ओर से उम्मीदवार बनी थीं।
शपथ लेने के पहले ट्रंप ने अपने भाषण में इमिग्रेशन से लेकर टिक-टॉक को अमेरिका में वापस लाने जैसे कई ऐलान किए हैं। उन्होंने कहा है कि वह पद पर अपने पहले दिन से ही इमिग्रेशन पर सीमाएं लगाएंगे। उन्होंने अपने चुनावी प्रचार अभियान के दौरान दावा किया था कि वह अमेरिकी इतिहास का सबसे बड़ा डिपोर्टेशन कैंपेन चलाएंग और लाखों लोगों को बाहर करेंगे।
भारत में भी ट्रंप के राष्ट्रपति पद पर आसीन होने को लेकर चर्चाओं का दौर जारी है। उनके पद पर पहुंचने से भारत, खासकर भारतीय बाजार पर क्या असर होगा, इसे लेकर मिली-जुली राय है।
दरअसल, भारत और अमेरिका के बीच अच्छे संबंध पिछले 10 साल में कायम रहे हैं जबकि वहां पार्टियां बदलती रही हैं। माना जा रहा है कि अब दोनों देशों के बीच संबंध ट्रंप के आने के साथ और मजबूत हो सकते हैं।
हालांकि, कुछ क्षेत्र ऐसे भी हैं जिनपर दोनों देशों को कुछ कदम उठाने की जरूरत पड़ सकती है, खासकर आईटी, फार्मा और टेक्सटाइल जहां अमेरिकी नीतियों का सीधा असर पड़ता है।
आदित्य बिड़ला ग्रुप के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला ने भी कहा है कि ट्रंप की वापसी जियोपॉलिटिक्स को आकार दे सकती है और इसका ग्लोबल इकॉनमी और बिजनेस पर गहरा असर होगा।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया है कि अमेरिका ग्रुप के लिए $15 अरब से ज्यादा के निवेश के लिए अहम रहा है और विश्वास जताया है कि भारत और अमेरिका के बीच रिश्तों में मजबूती आने वाले समय में और बढ़ेगी।
वहीं, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी ट्रंप की दूसरी पारी को लेकर अलग-अलग राय हैं। खासकर इसलिए क्योंकि ट्रंप ने दावा किया था कि वह पद ग्रहण करने के बाद रूस-यूक्रेन के बीच में युद्ध खत्म करा देंगे। कुछ दिन पहले इजरायल और हमास के बीच युद्धविराम का श्रेय भी ट्रंप ने लिया था।
मोतीलाल ओस्वाल फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड सिद्धार्थ खेमका का कहना है कि ट्रंप के कुर्सी पर बैठने के बाद जिन नीतियों का ऐलान होता है, उनका ग्लोबल मार्केट सेंटीमेंट्स पर बहुत असर पड़ेगा। वहीं, रेलिगेयर ब्रोकिंग के एसवीपी, रिसर्च अजीत मिश्रा के मुताबिक ट्रेड टैरिफ और उससे ग्लोबल ट्रेड पर होने वाले असर पर सभी की निगाहें रहेंगी।
लेखकों के बारे में
अगला लेख