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3 min read | अपडेटेड February 10, 2025, 16:12 IST
सारांश
USA Import Tariff: पिछले साल जनवरी में अमेरिकी सरकार ने भारत से 3.36 लाख टन स्टील और एल्यूमीनियम आयात पर उन अतिरिक्त ड्यूटी में राहत दी थी जिन्हें 2018 में ट्रंप प्रशासन ने लगाया था।
इसके पहले कनाडा, चीन और मेक्सिको से आने वाले उत्पादों पर लगाया था टैरिफ।
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप का दूसरे देशों से आने वाले उत्पादों पर टैरिफ जड़ने का सिलसिला जारी है। इसी कड़ी में उन्होंने ऐलान किया है कि सोमवार से स्टील और एल्यूमीनियम पर 25% टैरिफ लगेगा। ट्रंप ने कहा है कि कनाडा और मेक्सिको समेत दूसरे देशों से आयात पर अभी और ड्यूटी लगाई जाएंगी।
यही नहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति ने यहां तक कहा है कि अमेरिका से आयात पर टैरिफ लगाने वाले देशों पर भी जवाबी टैरिफ लगाया जाएगा। माना जा रहा है कि ट्रंप के ऐलान का सबसे ज्यादा नुकसान कनाडा और मेक्सिको को होगा जो स्टील के मामले में अमेरिका के सबसे बड़े ट्रेड पार्टनर्स हैं।
ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान भी मेक्सिको, कनाडा, यूरोपियन यूनियन से आने वाले एल्यूमीनियम पर 10% और स्टील पर 25% लगाया था। हालांकि, कुछ ट्रेडिंग पार्टनर्स को उन्होंने ड्यूटी-फ्री कोटा दिए थे।
पिछले साल जनवरी में अमेरिकी सरकार ने भारत से 3.36 लाख टन स्टील और एल्यूमीनियम आयात पर उन अतिरिक्त ड्यूटी में राहत दी थी जिन्हें 2018 में ट्रंप प्रशासन ने लगाया था। ट्रंप के ताजा ऐलान से दोनों देशों के बीच व्यापार समझौतों पर तनाव होने की आशंका भी पैदा हो गई है।
अमेरिकी राष्ट्रपति के ऐलान के जवाब में कनाडा के मंत्री फ्रैंकोआ-फिलीप शैंपेन ने X (पहले ट्विटर) पर कहा है कि अमेरिकी डिफेंस से लेकर शिप और ऑटो निर्माण तक के लिए कनाडा से जाने वाला स्टील और एल्यूमीनियम जरूरी है। उन्होंने कहा है कि सरकार अपने देश, मजदूरों और उद्योग के साथ खड़ी है।
ट्रंप ने इसके पहले मेक्सिको और कनाडा से आने वाले उत्पादों पर 25% आयात शुल्क भी लगाया था। हालांकि, इसे लागू करना एक महीने के लिए टाल भी दिया था। तब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने जवाब में अमेरिकी आयात पर भी 25% ड्यूटी का ऐलान कर दिया था
ट्रंप के ऐलान के बाद अमेरिकी फ्यूचर्स में गिरावट दर्ज की गई है। वहीं, भारतीय बाजार में Nifty Metal सूचकांक सुबह 9:37 बजे 2.5% नीचे आ गया जबकि NIFTY 50 सूचकांक 124 अंक यानी 0.5% नीचे 23,436 के स्तर पर पहुंच गया था।
सबसे ज्यादा नुकसान Vedanta Ltd, Steel Authority of India, Tata Steel Ltd, National Aluminium Co. Ltd और Jindal Steel Ltd को होता दिखा जो 2.5-4% तक नीचे खिसक गए। पिछले हफ्ते ही मेटल कंपनियों को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी के रेपो रेट कट के फैसले का फायदा होता दिखा था।
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