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3 min read | अपडेटेड January 31, 2025, 08:26 IST
सारांश
Budget Session 2025: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संबोधन के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेंगी। बजट सत्र के दौरान 16 विधेयक पेश किए जाएंगे।
आर्थिक सर्वेक्षण में अर्थव्यवस्था के ट्रेंड्स, चुनौतियों, समाधान का ब्योरा पेश किया जाएगा।
संसद का बजट सत्र शुक्रवार, 31 जनवरी से शुरू होने जा रहा है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू संसद के दोनों सदनों की जॉइंट सिटिंग को संबोधत कर इसकी शुरुआत करेंगी। इसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद के सामने इकॉनमिक सर्वे 2024-25 रखेंगी। यह मौजूदा वित्त वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था की परफॉर्मेंस से लेकर उसके सामने मौजूद चुनौतियों और अवसरों का लेखा-जोखा होगा।
इकॉनमिक सर्वे को चीफ इकॉनमिक अडवाइजर वी अनंत नागेस्वरन की लीडरशिप में एक टीम तैयार करती है। इसमें देश में जरूरी आर्थिक बदलावों और वृद्धि से जुड़े प्लान का ब्योरा होता है। यह सालाना रिपोर्ट इकॉनमिक ट्रेंड्स, अलग-अलग क्षेत्रों में हो रहे विकास और आने वाले वित्त वर्ष के लिए प्लान का जिक्र करती है।
यह इसलिए भी खास है क्योंकि इसमें अहम आर्थिक मुद्दों, जैसे जीडीपी वृद्धि, मुद्रास्फीति, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की परफॉर्मेंस और बढ़ती-गिरती मांग, पर रोशनी डाली जाती है। यह अहम क्षेत्रों, जैसे कृषि, उद्योग, बुनियादी ढांचे, रोजगार, मॉनिटरी पॉलिसी और बाहरी कारोबार जैसे विषयों पर भी मौजूदा ट्रेंड्स का विश्लेषण पेश करता है।
इकॉनमिक सर्वे सिर्फ आंकड़े पेश नहीं करता बल्कि कैसे अलग-अलग विषयों में सुधार किया जाए, यह भी सुझाव देता है। गरीबी हटाने, जलवायु परिवर्तन से निपटने, शिक्षा, बुनियादी ढांचे और वित्तीय क्षेत्र को कैसे और मजबूत किया जाए, इसे लेकर रास्ता बताता है।
संसद का बजट सत्र आज से शुरू होकर 4 अप्रैल कर चलेगा। इसमें दो चरण होंगे। पहला चरण 13 फरवरी को पूरा हो जाएगा। इसके बाद दूसरा चरण 10 मार्च से शुरू होगा। इस बजट सत्र में 16 विधेयक पेश होंगे। इनमें वक्फ अमेंडमेंट बिल और इमिग्रेशन और फॉरनर्स बिल भी शामिल हैं।
ऐसी भी रिपोर्ट्स सामने आई हैं जिनके मुताबिक सरकार नया आयकर विधेयक ला सकती है। मौजूदा आयकर कानून, 1961 को रिव्यू करने की बात वित्त मंत्री ने पहले भी कही थी। अब सूत्रों के मुताबिक सरकार समझने में आसान और करीब 60% छोटा कानून लाने की तैयारी में है ताकि इसका पालन आसान हो।
इकॉनमिक सर्वे पेश करने के बाद शनिवार, 1 फरवरी को सीतारमण नरेंद्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूरा बजट पेश करेंगी। उनसे आयकर स्लैब्स को बदलने, बुनियादी ढांचे पर ज्यादा खर्च करने और ग्रामीण विकास-शिक्षा जैसे मुद्दों को बेहतर फंड पहुंचाने जैसी उम्मीदें लगाई जा रही हैं।
अलग-अलग सेक्टर्स ने वित्त मंत्री के सामने अपनी मांगें रखी हैं। वेतनप्राप्त कर्मचारियों की बेसिक छूट और स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा को बढ़ाने और इसे महंगाई दर, कॉस्ट ऑफ लिविंग जैसे पैमानों से जोड़ने का सुझाव सरकार को दिया गया है। इसके अलावा सेविंग्स टैक्स, बीमा, NRIs संपत्त खरीदने पर लगने वाले टैक्स को भी सरल और कम करने की अपील की गई है।
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