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4 min read | अपडेटेड December 10, 2024, 08:12 IST
सारांश
तीन दशक से ज्यादा का अनुभव रखने वाले Sanjay Malhotra ऐसे समय में केंद्रीय बैंक की कमान संभालने जा रहे हैं जब अर्थव्यवस्था धीमे ग्रोथ रेट और बढ़ी हुई मुद्रास्फीति की दोहरी चुनौती का सामना कर रही है।
33 साल के करियर में खाते में आईं कई उपलब्धियां
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नए गवर्नर के पद के लिए रेवेन्यू सेक्रेटरी संजय मल्होत्रा (Sanjay Malhotra) के नाम पर मुहर लग चुकी है। केंद्रीय कैबिनेट की अपॉइंटमेंट कमिटी ने मल्होत्रा को RBI का 26वां गवर्नर बनाने के फैसले को हरी झंडी दी है।
मल्होत्रा 10 दिसंबर को मौजूदा गवर्नर शक्तिकांत दास के रिटायर होने के बाद 11 दिसंबर को अपना जिम्मा संभालेंगे और उनका कार्यकाल 3 साल का होगा।
संजय मल्होत्रा राजस्थान काडर के 1990 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अधिकारी हैं। उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT), कानपुर से कंप्यूटर साइंस में ग्रैजुएशन और अमेरिका की प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से पब्लिक पॉलिसी में मास्टर डिग्री हासिल की है।
माना जाता है कि मल्होत्रा आम सहमति बनाने में माहिर हैं और एक अच्छे टीम प्लेयर हैं। उन्होंने नई आयकर व्यवस्था (New Tax Regime) को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
तीन दशक से ज्यादा का अनुभव रखने वाले मल्होत्रा ऐसे समय में केंद्रीय बैंक की कमान संभालने जा रहे हैं जब अर्थव्यवस्था धीमे ग्रोथ रेट और बढ़ी हुई मुद्रास्फीति की दोहरी चुनौती का सामना कर रही है।
मल्होत्रा का मानना है कि अकेले केंद्रीय बैंक कीमतों को रोक नहीं सकता है। इसमें सरकार की भूमिका भी होती है।
वहीं, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल दोनों ने ही ब्याज दर में कटौती की वकालत की है जिससे RBI पर दबाव बढ़ा है।
ऐसे में मल्होत्रा का RBI की कमान संभालना अहम हो सकता है क्योंकि समझा जाता है कि उनके वित्त मंत्री के साथ अच्छे संबंध है और इससे फिस्कल और मॉनिटरी पॉलिसी के बीच बैलंस बनाया जा सकेगा।
मौजूदा स्थिति में RBI पर ग्रोथ रेट को बढ़ाने के लिए प्रमुख ब्याज दर रेपो रेट कटौती का दबाव है। GDP (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर जुलाई-सितंबर में घटकर 7 तिमाहियों में सबसे निचले स्तर 5.4% पर रही है। वहीं, अक्टूबर में खुदरा मुद्रास्फीति की दर बढ़कर 14 महीने के उच्चतम स्तर 6.21 % पर पहुंच गई है।
अभी वित्त मंत्रालय में रेवेन्यू सेक्रटरी मल्होत्रा ने 33 साल से अधिक के अपने करियर में बिजली, फाइनेंस- टैक्स, इन्फर्मेशन टेक्नॉलजी जैसे क्षेत्रों में काम किया है। वह वित्त मंत्रालय के तहत वित्तीय सेवा विभाग में सचिव भी रह चुके हैं।
साल 2000 में केंद्रीय मंत्री के निजी सचिव के रूप में केंद्र में आने के बाद साल 2003 में राजस्थान वापस चले गए थे। इसके बाद साल 2020 में वह केंद्र में लौटे जब केंद्रीय विद्युत मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव बने। फरवरी, 2022 में वह केंद्रीय वित्त मंत्रालय में वित्तीय सेवा विभाग में सचिव नियुक्त हुए।
मल्होत्रा ने RBI निदेशक मंडल में बतौर प्रतिनिधि के रूप में भी काम किया। दिसंबर, 2022 में राजस्व सचिव बनने के बाद नई आयकर व्यवस्था (New Tax Regime) को आकार देने में अहम योगदान दिया।
इसके अलावा इनकम टैक्स ऐक्ट को सरल बनाने, अप्रत्यक्ष कर, GST में ऑनलाइन गेमिंग, से लेकर घरेलू स्तर पर पैदा किए जाने वाले कच्चे तेल और ईंधन निर्यात पर अप्रत्याशित लाभ कर को हटाने में भी मल्होत्रा की भूमिका रही है।
शक्तिकांत दास को 12 दिसंबर, 2018 को RBI का 25वां गवर्नर नियुक्त किया गया था जब तत्कालीन गवर्नर उर्जित पटेल ने अचानक गवर्नर पद छोड़ दिया था। उन्हें एक बार एक्सटेंशन भी मिल चुका है और अब उनका दूसरा कार्यकाल पूरा हो रहा है।
कोविड-19 की महामारी के दौरान भारतीय रिजर्व बैंक को आर्थिक संकट से दूर रखने का श्रेय दास को दिया जाता है। वह गवर्नर बनने के पहले फाइनेंस कमीशन का हिस्सा रह चुके हैं और भारत के लिए G20 सम्मेलन में शेरपा भी रह चुके हैं। वित्त मंत्रालय में रहते हुए उन्होंने 8 बजट तैयार करने में योगदान दिया था।
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