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2 min read | अपडेटेड January 02, 2025, 15:32 IST
सारांश
Air India ने अपनी चुनिंदा घरेलू उड़ानों में Wi-fi सेवा शुरू कर दी है। इसके बाद पैसेंजर्स इंटरनेट सर्फिंग से लेकर अपने जरूरी काम भी फ्लाइट पर कर सकेंगे।
पहले अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में लाया गया था पायलट प्रॉजेक्ट
एयर इंडिया ने बुधवार को अपने ग्राहकों को अच्छी खबर दी है। एयरलाइंस कंपनी ने ऐलान किया है कि उसकी कुछ चुनिंदा घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर पैसेंजर अब वाई-फाई कनेक्टिविटी की सुविधा ले सकेंगे। ऐसा करने वाली यह भारत की पहली एयरलाइन बन जाएगी जो फ्लाइट में घरेलू उड़ानों पर भी वाई-फाई देगी।
एयरबस ए350, बोईंग 787-9 और एयरबस ए321 नियो एयरक्राफ्ट पर वाई-फाई सर्विस की मदद से 1 जनवरी, 2025 से इंटरनेट सर्फिंग, मेसेजिंग और सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर सकते हैं। साथ ही फ्लाइट्स पर काम करना आसान हो जाता है।
एयर इंडिया के चीफ कस्टमर एक्सपीरियंस ऑफिसर राजेश डोगरा के मुताबिक मॉडर्न ट्रैवल का कनेक्टिविटी अब एक अहम हिस्सा है। उनका कहना है कि कुछ लोगों के लिए यह आसानी और रियल टाइम शेयरिंग का आराम हो सकता है तो कुछ के लिए ज्यादा प्रोडक्टिविटी और क्षमता को बढ़ाना।
उन्होंने कंपनी की ओर से इस बात का विश्वास जताया है कि इंटरनेट कनेक्शन का विकल्प लोगों को अच्छा लगेगा और एयर इंडिया के नए अनुभव का वह लुत्फ उठा सकेंगे।
वाई-वाई सर्विस लैपटॉप, टैबलेट और स्मार्टफोन्स पर दी गई है जिनमें iOS या ऐंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम हो। 10 हजार फीट की ऊंचाई पर पैसेंजर्स के लिए कई डिवाइसेंज एक साथ कनेक्ट करने की सुविधा है।
घरेलू उड़ानों पर यह सुविधा देने से पहले एक पायलट प्रोग्राम के तहत अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में इसे टेस्ट किया गया था। न्यूयॉर्क, लंदन, पेरिस और सिंगापुर की उड़ानों पर वाई-फाई सर्विस उपलब्ध थी। जल्द ही कंपनी अपने दूसरे एयरक्राफ्ट्स में भी यह सर्विस देगी।
-अपनी डिवाइस पर वाई-फाई ऑन करें।
-एयर इंडिया वाई-फाई नेटवर्क को सिलेक्ट करें।
-अपना ब्राउजर खोलें जो आपको एयर इंडिया के पोर्टल पर लेकर जाएगा।
-यहां अपना पीएनआर और लास्ट नेम ऑथेंटिकेशन के लिए एंटर करें।
फ्लाइट के अंदर वाई-फाई की सेवा देना कई चीजों परर निर्भर करता है। इसके लिए सरकार की इजाजत तो चाहिए ही होती है, साथ ही किन रास्तों से फ्लाइट जा रही है वह भी अहम होता है। फ्लाइट की सुरक्षा के लिए नियम बनाए गए हैं ताकि तकनीकी परेशानी या संपर्क में बाधा ना हो।
इनके अलावा सैटलाइट कनेक्टिविटी और बैंडविथ जैसे फैक्टर्स फ्लाइट के अंदर वाई-फाई की सेवा पर असर डालते हैं।
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