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मार्केट न्यूज़

Bank Nifty नए रिकॉर्ड हाई पर पहुंचा, IndusInd Bank, ICICI Bank समेत ये शेयर चमके

Shubham Singh Thakur

3 min read | अपडेटेड November 13, 2025, 13:08 IST

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सारांश

आज के कारोबार में सबसे ज्यादा खरीदारी ICICI Bank के शेयरों में दिख रही है और यह स्टॉक 2 फीसदी से अधिक उछल गया है। इसके अलावा Indusind Bank में भी करीब 2 फीसदी की बढ़त है। Axis Bank, SBIN, PNB और Canara Bank के शेयर भी हरे निशान पर ट्रेड कर रहे हैं।

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Bank Nifty

Bank Nifty इंडेक्स पिछले एक साल में 16.8 फीसदी बढ़ा है, जो NSE Nifty 50 से बेहतर प्रदर्शन है।

Bank Nifty ने आज 13 नवंबर को 0.57 फीसदी की बढ़त के साथ 58609.2 के अपने नए ऑल टाइम हाई को छू लिया। प्राइवेट बैंकों के शेयरों में जमकर खरीदारी के चलते आज इसमें तेजी नजर आ रही है। यह लगातार पांचवां कारोबारी दिन है जब निफ्टी बैंक में बढ़त दिख रही है। इस दौरान यह इंडेक्स 1046 अंक या 1.82 फीसदी उछल चुका है। बता दें कि बैंक निफ्टी इंडेक्स पिछले एक साल में 16.8 फीसदी बढ़ा है, जो NSE Nifty 50 से बेहतर प्रदर्शन है, जो इसी अवधि में 10.2 फीसदी बढ़ा है।

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Bank Nifty में आज इन शेयरों में हो रही है खरीदारी

आज के कारोबार में सबसे ज्यादा खरीदारी ICICI Bank के शेयरों में दिख रही है और यह स्टॉक 2 फीसदी से अधिक उछल गया है। इसके अलावा Indusind Bank में भी करीब 2 फीसदी की बढ़त है। Axis Bank, SBIN, PNB और Canara Bank के शेयर भी हरे निशान पर ट्रेड कर रहे हैं। दूसरी तरफ HDFC Bank, Bank of Baroda, Kotak Mahindra Bank और IDFC First Bank जैसे शेयरों में आज गिरावट है।

सितंबर तिमाही में बैंकों ने कर्ज (लोन) और जमा (डिपॉज़िट) दोनों में अच्छी बढ़त दर्ज की। लोन की मांग खुदरा (रिटेल), कॉरपोरेट और छोटे-मझोले व्यवसायों (SME) — सभी सेक्टरों में मजबूत रही। साथ ही, तरलता (liquidity) में सुधार से डिपॉज़िट जुटाने की रफ्तार भी बढ़ी।

क्या है बैंकिंग शेयरों में तेजी की वजह?

पूरे बैंकिंग सिस्टम में एसेट क्वालिटी (संपत्ति गुणवत्ता) बेहतर होती जा रही है। बेहतर रिकवरी, कम फंसे हुए कर्ज (slippages) और सतर्क प्रोविज़निंग (provisioning) से बैंकों की बैलेंस शीट पहले से ज्यादा मजबूत हुई है। खासकर सरकारी बैंकों (PSBs) को पहले हुए सुधारों का फायदा मिला है। बैंकों ने दूसरी तिमाही में उम्मीद से अधिक मुनाफा कमाया। इसका कारण रहा लगातार बढ़ता कर्ज वितरण, कम क्रेडिट लागत और बेहतर कामकाजी दक्षता। कई बड़े बैंकों ने फीस इनकम में बढ़ोतरी और खर्चों पर नियंत्रण भी दिखाया, जिससे पूरे सेक्टर की आय बढ़ी।

अक्टूबर में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित महंगाई दर रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंची। इससे आने वाले महीनों में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें बढ़ गई हैं। कम ब्याज दर वाला माहौल आमतौर पर बैंकों के लिए फायदेमंद होता है क्योंकि इससे उनकी फंडिंग कॉस्ट घटती है और लोन की मांग बढ़ती है। डिपॉजिट की बढ़ती ब्याज दरों को लेकर चिंता के बावजूद, कई बैंकों ने सितंबर तिमाही में NIM (Net Interest Margin) में बेहतर प्रदर्शन किया। यह जमा लागत में कमी और लोन दरों के कुशल प्रबंधन के कारण संभव हुआ।

(डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें।)
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लेखकों के बारे में

Shubham Singh Thakur
Shubham Singh Thakur is a business journalist with a focus on stock market and personal finance. An alumnus of the Indian Institute of Mass Communication (IIMC), he is passionate about making financial topics accessible and relevant for everyday readers.

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