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Vodafone Idea: सितंबर तिमाही के नतीजों से खिले निवेशकों के चेहरे, 6% तक उछल गए शेयर, क्या कह रहे हैं एक्सपर्ट्स?

Shubham Singh Thakur

4 min read | अपडेटेड November 11, 2025, 12:18 IST

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सारांश

Vodafone Idea ने जुलाई से सितंबर 2025 में ₹5524.2 करोड़ का शुद्ध घाटा दर्ज किया है। यह नुकसान पिछले साल की इसी तिमाही के मुकाबले कम है, जब कंपनी का घाटा ₹7175.9 करोड़ था। नुकसान कम होने की वजह यह है कि अधिक ग्राहक 4G और 5G जैसे महंगे (उच्च-मार्जिन) प्लान की ओर शिफ्ट हो रहे हैं।

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Vodafone Idea

Vodafone Idea की कुल आय (Revenue) 2.4% बढ़कर ₹11,194.7 करोड़ हो गई।

Vodafone Idea Share: टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया के शेयरों में आज 11 नवंबर करीब 5 फीसदी की तेजी देखी गई। इस समय यह स्टॉक BSE पर 5.36 फीसदी उछलकर 10.02 रुपये के भाव पर ट्रेड कर रहा है। दरअसल, कंपनी ने FY26 की जुलाई-सितंबर तिमाही में उम्मीद से बेहतर नतीजे जारी किए हैं, जिसके बाद इसके शेयरों में खरीदारी हो रही है। आज की तेजी के साथ इसका मार्केट कैप बढ़कर 1,08,559.72 करोड़ रुपये हो गया है।
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सितंबर तिमाही में घाटा हुआ कम

Vodafone Idea ने जुलाई से सितंबर 2025 में ₹5524.2 करोड़ का शुद्ध घाटा दर्ज किया है। यह नुकसान पिछले साल की इसी तिमाही के मुकाबले कम है, जब कंपनी का घाटा ₹7175.9 करोड़ था। नुकसान कम होने की वजह यह है कि अधिक ग्राहक 4G और 5G जैसे महंगे (उच्च-मार्जिन) प्लान की ओर शिफ्ट हो रहे हैं। यह कंपनी का पिछले 19 तिमाहियों में सबसे कम घाटा है।

इस दौरान Vodafone Idea की कुल आय (Revenue) 2.4% बढ़कर ₹11,194.7 करोड़ हो गई, जबकि पिछले साल यह ₹10,932.2 करोड़ थी। कंपनी का EBITDA इस तिमाही में ₹4690 करोड़ रहा। इसके अलावा, ARPU (एवरेज रेवेन्यू पर यूजर) भी बढ़कर ₹180 हो गया, जो लगभग 9% की बढ़त है। यह बढ़ोतरी 4G-5G यूजर्स की संख्या और डेटा इस्तेमाल में बढ़ोतरी की वजह से आई है।

इसका EBITDA तिमाही में सालाना आधार पर 2.97% बढ़कर ₹4685.1 करोड़ हो गया, जबकि पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में यह ₹4549.8 करोड़ था। इसका EBITDA मार्जिन बढ़कर 41.9% हो गया, जबकि पिछले वर्ष की समान तिमाही में यह 41.6% था।

कर्ज चुकाने की क्या है योजना?

Vodafone Idea ने अपनी वित्तीय रिपोर्ट में कहा है कि कंपनी अपने कर्ज को चुकाने की क्षमता काफी हद तक सरकारी सहायता, फंड जुटाने और व्यापार से आने वाले नकद प्रवाह (कैश फ्लो) पर निर्भर करती है। फिलहाल सरकार कंपनी में लगभग 49% हिस्सेदारी रखती है।

कंपनी ने यह भी बताया कि वह सुप्रीम कोर्ट के हाल के फैसले का स्वागत करती है, जिसमें सरकार को यह अधिकार दिया गया है कि वह पुराने AGR बकाये (2016-17 तक) की राशि पर फिर से विचार कर सही आंकड़ा तय कर सके। कंपनी ने कहा कि इस मामले पर वह अब दूरसंचार विभाग (DoT) के साथ बातचीत कर रही है।

मैनेजमेंट का बयान

वोडाफोन आइडिया के CEO अभिजीत किशोर ने कहा कि Vi अपने ग्राहकों को बेहतर अनुभव देने पर लगातार काम कर रही है। कंपनी ने अपनी 4G कवरेज को देश की 84% आबादी तक बढ़ा दिया है और 5G रोलआउट सभी 17 सर्कल में पूरा कर लिया है, जहां उसके पास 5G स्पेक्ट्रम है। उन्होंने बताया कि कंपनी में डेटा उपयोग में लगभग 21% की बढ़ोतरी हुई है, जो दिखाता है कि ग्राहक Vi की सेवाओं का उपयोग कर रहे हैं।

कंपनी अब 4G कवरेज को 90% आबादी तक ले जाने और 5G को उन इलाकों में विस्तार करने पर फोकस करेगी, जहां 5G मोबाइल फोन की संख्या बढ़ रही है। साथ ही, कंपनी ₹50000–₹55000 करोड़ के कैपेक्स के लिए बैंकों और फाइनेंसरों से कर्ज जुटाने की कोशिश में है।

नतीजों पर क्या कह रहे हैं एक्सपर्ट्स

एक्सपर्ट्स का कहना है कि Vodafone Idea का प्रदर्शन उम्मीदों से थोड़ा बेहतर रहा है, खासकर एंटरप्राइज बिजनेस में वृद्धि की वजह से। उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी ने अब तक 17 प्रमुख सर्कल में 29 शहरों में 5G लॉन्च किए हैं और आगे ग्राहक मांग के आधार पर विस्तार किया जाएगा। AGR बकाया पर सुप्रीम कोर्ट की स्पष्टता मिलने से कंपनी के फंड जुटाने की प्रक्रिया में तेजी आ सकती है। आगे के लिए कर्ज जुटाना और सरकार की राहत योजना पर क्या प्रगति होती है, यह अहम होगा।

Citi के एक्सपर्ट्स ने कहा कि फंड जुटाने में देरी की वजह से इस तिमाही में कैपेक्स 28% गिर गया है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट द्वारा पुरानी AGR देनदारी का फिर से मूल्यांकन करने की अनुमति मिलने से कंपनी के कर्ज जुटाने की प्रक्रिया को मदद मिल सकती है।

(डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें।)
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लेखकों के बारे में

Shubham Singh Thakur
Shubham Singh Thakur is a business journalist with a focus on stock market and personal finance. An alumnus of the Indian Institute of Mass Communication (IIMC), he is passionate about making financial topics accessible and relevant for everyday readers.

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