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Shipping Stocks: Mazagon Dock, Cochin Shipyard समेत कई शेयर 4% तक चढ़े, सरकार की इस पहल ने बढ़ाई खरीदारी

Upstox

2 min read | अपडेटेड September 25, 2025, 11:24 IST

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सारांश

Shipping Stocks: भारत में शिपबिल्डिंग (जहाज बनाने का काम) को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने ₹69725 करोड़ के पैकेज को मंजूरी दी है। इससे विदेशी जहाजों पर निर्भरता कम होने की उम्मीद है। सरकार का लक्ष्य है कि भारत अपनी समुद्री ताकत फिर से हासिल करे।

Shipping Stocks

Shipping Stocks: अभी भारत का वैश्विक शिपबिल्डिंग मार्केट में हिस्सा 0.06% है और रैंकिंग 20वीं है।

Shipping Stocks: आज 25 सितंबर शिपिंग कंपनियों के शेयरों में खरीदारी का माहौल है। आज के कारोबार में Mazagon Dock के शेयरों में करीब 2 फीसदी की तेजी देखी गई। इसके अलावा, Cochin Shipyard और गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) के शेयर भी 4 फीसदी से अधिक उछल गए। शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (SCI) के शेयर भी हरे निशान पर ट्रेड कर रहे थे। दरअसल, बुधवार को कैबिनेट ने इस सेक्टर के लिए ₹69725 करोड़ का पैकेज मंजूर किया है, जिसके चलते इन शेयरों में तेजी दिख रही है।

विदेशी जहाजों पर निर्भरता कम होने की उम्मीद

भारत में शिपबिल्डिंग (जहाज बनाने का काम) को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने ₹69725 करोड़ के पैकेज को मंजूरी दी है। इससे विदेशी जहाजों पर निर्भरता कम होने की उम्मीद है। सरकार का लक्ष्य है कि भारत अपनी समुद्री ताकत फिर से हासिल करे। सरकार ने इस पैकेज को चार बड़े हिस्सों में बांटा है, जिसमें देश की क्षमता बढ़ाना, लंबी अवधि की फाइनेंसिंग, ग्रीनफील्ड और ब्राउनफील्ड शिपयार्ड डिवेलपमेंट और टेक्निकल स्किल्स और पॉलिसी सुधार शामिल हैं।

क्या है सरकार का प्लान?

शिपबिल्डिंग फाइनेंशियल असिस्टेंस स्कीम (SBFAS) को 31 मार्च 2036 तक बढ़ा दिया गया है, जिसके लिए ₹24,736 करोड़ का फंड रखा गया है। इसके अलावा ₹4,001 करोड़ का शिपब्रेकिंग क्रेडिट नोट अलॉट किया गया है और एक नेशनल शिपबिल्डिंग मिशन बनाई जाएगी। सरकार ने Maritime Development Fund (MDF) को भी मंजूरी दी है, जिसकी कुल वैल्यू ₹25000 करोड़ होगी।

प्रधानमंत्री ने भी दिया जोर

पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि भारत हर साल लगभग ₹6 लाख करोड़ (75 अरब डॉलर) विदेशी शिपिंग कंपनियों को देता है। उन्होंने याद दिलाया कि 50 साल पहले भारत का 40% व्यापार अपने जहाजों से होता था, जो अब घटकर सिर्फ 5% रह गया है।

अभी भारत का वैश्विक शिपबिल्डिंग मार्केट में हिस्सा 0.06% है और रैंकिंग 20वीं है। सरकार का लक्ष्य है कि 2030 तक भारत टॉप 10 में और 2047 तक टॉप 5 देशों में शामिल हो। आंकड़े बताते हैं कि 1987-88 में भारत का EXIM कार्गो 71% घरेलू जहाजों पर निर्भर था, जो 2022-23 में घटकर केवल 5% रह गया है।

(डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें।)
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लेखकों के बारे में

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Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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