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Metal Stocks: Hindustan Copper से Tata Steel तक, समझिए मेटल शेयरों में सुनामी की 4 बड़ी वजहें

Shubham Singh Thakur

3 min read | अपडेटेड December 29, 2025, 12:32 IST

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सारांश

Metal Stocks: आज के कारोबार में सबसे ज्यादा खरीदारी Hindustan Copper में है और यह स्टॉक करीब 7.73 फीसदी बढ़कर 513.15 रुपये प्रति शेयर के भाव पर ट्रेड कर रहा है। इसके अलावा SAIL और Tata Steel के शेयरों में करीब 3 फीसदी की बढ़त है।

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Metal Stocks

Metal Stocks: अमेरिका में उम्मीद है कि आने वाले समय (2026) में फेडरल रिजर्व ब्याज दरें घटा सकता है।

Metal Stocks: मेटल कंपनियों के शेयरों में तेजी का सिलसिला आज 29 दिसंबर को लगातार आठवें दिन जारी है। आज के कारोबार में Nifty Metal इंडेक्स 1.16 फीसदी उछलकर 10,931.90 के स्तर पर पहुंच गया है। रिपोर्ट लिखे जाने के समय इंडेक्स में शामिल 15 में से 11 शेयर हरे निशान पर ट्रेड कर रहे थे। पिछले 8 कारोबारी दिनों में इस इंडेक्स में करीब 4.5 फीसदी की तेजी आ चुकी है। दरअसल, मेटल शेयरों में इस रैली के लिए ग्लोबल स्तर पर कई अहम फैक्टर्स जिम्मेदार हैं।
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आज इन शेयरों में सबसे ज्यादा खरीदारी

आज के कारोबार में सबसे ज्यादा खरीदारी Hindustan Copper में है और यह स्टॉक करीब 7.73 फीसदी बढ़कर 513.15 रुपये प्रति शेयर के भाव पर ट्रेड कर रहा है। इसके अलावा SAIL और Tata Steel के शेयरों में करीब 3 फीसदी की बढ़त है। Welspun Corp और Jindal Steel के शेयर भी करीब 2 फीसदी चढ़ गए हैं। Apl Apollo Tubes और JSW Steel में भी 1 फीसदी से ज्यादा की तेजी नजर आ रही है। दूसरी तरफ Hindalco Industries और NMDC जैसे शेयर लाल निशान पर ट्रे़ड करते दिखे।

क्यों चढ़ रहे हैं मेटल स्टॉक्स

मेटल की कीमतों का बढ़ना

सबसे बड़ी वजह है दुनियाभर में मेटल की कीमतों का बढ़ना। अमेरिका में उम्मीद है कि आने वाले समय (2026) में फेडरल रिजर्व ब्याज दरें घटा सकता है। जब ब्याज दरें कम होने की उम्मीद बनती है, तो कमोडिटी जैसे मेटल्स की मांग बढ़ती है। इससे कॉपर, एल्युमिनियम, स्टील जैसे मेटल महंगे होते हैं और मेटल कंपनियों के शेयर चढ़ते हैं।

चीन की नीतियां

दूसरी अहम वजह है चीन की नीतियां। चीन इंफ्रास्ट्रक्चर, पावर ग्रिड, रिन्यूएबल एनर्जी और शहरों के विकास पर खर्च बढ़ा रहा है। इससे स्टील, कॉपर, एल्युमिनियम और जिंक की मांग सुधर रही है।

सप्लाई की कमी

तीसरा कारण है सप्लाई की कमी। कई मेटल्स में स्टॉक पहले से ही कम है और नए माइंस या प्रोडक्शन जल्दी शुरू नहीं हो पाते। कॉपर और सिल्वर जैसे मेटल्स में तो सालों से डिमांड सप्लाई से ज्यादा है। ऊपर से EV (इलेक्ट्रिक व्हीकल), सोलर एनर्जी, AI और पावर ट्रांसमिशन जैसी जरूरतों ने मेटल्स की मांग और बढ़ा दी है।

अमेरिकी डॉलर में कमजोरी

अमेरिकी डॉलर कमजोर होना भी मेटल्स के लिए पॉजिटिव है। जब डॉलर कमजोर होता है, तो डॉलर में कीमत तय होने वाली कमोडिटीज (जैसे गोल्ड, सिल्वर, कॉपर) और महंगी हो जाती हैं। इससे मेटल शेयरों में तेजी आती है।

गोल्ड, सिल्वर और कॉपर में जो तेजी दिख रही है, वो सिर्फ ट्रेडिंग की वजह से नहीं है, बल्कि असल में सप्लाई टाइट होने की वजह से है। कई देश, खासकर चीन जैसे देश, गोल्ड और दूसरे मेटल्स की खरीद बढ़ा रहे हैं ताकि वे डॉलर पर निर्भरता कम कर सकें।

(डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें।)
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लेखकों के बारे में

Shubham Singh Thakur
Shubham Singh Thakur is a business journalist with a focus on stock market and personal finance. An alumnus of the Indian Institute of Mass Communication (IIMC), he is passionate about making financial topics accessible and relevant for everyday readers.

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