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  1. नाम 'Corona', काम दवा बनाने का है... IPO में पैसा लगाने से पहले समझ लीजिए कंपनी का इरादा

मार्केट न्यूज़

नाम 'Corona', काम दवा बनाने का है... IPO में पैसा लगाने से पहले समझ लीजिए कंपनी का इरादा

विकास तिवारी

3 min read | अपडेटेड December 04, 2025, 10:47 IST

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सारांश

Corona Remedies IPO: कोरोना रेमेडीज ने अपने आईपीओ के लिए प्राइस बैंड 1008 से 1062 रुपये प्रति शेयर तय कर दिया है। यह आईपीओ 8 दिसंबर को खुलेगा। कंपनी इस इश्यू से 655.37 करोड़ रुपये जुटाएगी, जो पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल (OFS) होगा।

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फार्मा कंपनी कोरोना रेमेडीज का आईपीओ अगले हफ्ते आ रहा है।

Corona Remedies IPO: अहमदाबाद स्थित फार्मा कंपनी कोरोना रेमेडीज ने अपने आईपीओ के लिए 1,008 रुपये से 1,062 रुपये प्रति शेयर का प्राइस बैंड तय किया है। यह आईपीओ 8 दिसंबर को आम निवेशकों के लिए खुलेगा और 10 दिसंबर तक इसमें पैसा लगाया जा सकेगा। एंकर निवेशकों के लिए यह इश्यू 5 दिसंबर को खुलेगा। रिटेल निवेशकों के लिए न्यूनतम लॉट साइज 14 शेयरों का रखा गया है। यानी ऊपरी प्राइस बैंड के हिसाब से आपको कम से कम 14,868 रुपये का निवेश करना होगा।

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पूरी तरह OFS होगा ये आईपीओ

सबसे अहम बात यह है कि यह आईपीओ पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल (OFS) होगा। इसका मतलब है कि इस आईपीओ में कोई भी नया शेयर (Fresh Issue) जारी नहीं किया जाएगा। इश्यू का कुल साइज 655.37 करोड़ रुपये है। चूंकि यह पूरा ओएफएस है, इसलिए आईपीओ से मिलने वाली पूरी रकम कंपनी के खाते में नहीं जाएगी, बल्कि यह पैसा अपनी हिस्सेदारी बेच रहे प्रमोटरों और मौजूदा निवेशकों (जैसे ChrysCapital आदि) को मिलेगा। पहले कंपनी की योजना 800 करोड़ रुपये जुटाने की थी, जिसे अब घटा दिया गया है।

बाजार वैल्यूएशन और लिस्टिंग

इस प्राइस बैंड पर कंपनी का कुल मार्केट कैप करीब 6,500 करोड़ रुपये आंका गया है। ग्रे मार्केट में भी कंपनी के शेयरों को लेकर थोड़ी हलचल शुरू हो गई है, जहां यह इश्यू प्राइस से ऊपर ट्रेड कर रहा है। शेयरों का अलॉटमेंट 11 दिसंबर को फाइनल होने की उम्मीद है और स्टॉक एक्सचेंजों (BSE और NSE) पर इसकी लिस्टिंग 15 दिसंबर को हो सकती है।

कंपनी का कारोबार कैसा है?

कोरोना रेमेडीज भारत की तेजी से बढ़ती फार्मा कंपनियों में से एक है। कंपनी मुख्य रूप से महिलाओं के स्वास्थ्य, कार्डियो-डायबिटिक और पेन किलर दवाओं के क्षेत्र में काम करती है। कंपनी की वित्तीय स्थिति मजबूत बताई जा रही है और घरेलू बाजार में इसकी बिक्री की रफ्तार इंडस्ट्री के औसत से बेहतर रही है।

चूंकि कंपनी को इस आईपीओ से कोई फंड नहीं मिल रहा है, इसलिए इसका इस्तेमाल कर्ज चुकाने या विस्तार के लिए नहीं होगा। यह पूरी तरह से पुराने निवेशकों के लिए एग्जिट (निकलने) का रास्ता है। हालांकि, कंपनी का मजबूत ट्रैक रिकॉर्ड और फार्मा सेक्टर में इसकी पकड़ इसे निवेशकों के लिए एक दिलचस्प विकल्प बनाती है।

(डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें।)
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लेखकों के बारे में

विकास तिवारी
Vikash Tiwary is a finance journalist with 6+ years of newsroom experience. He is currently growing Upstox Hindi, crafting data-driven stories on stocks, personal finance, mutual funds, and global markets, while exploring how AI can simplify finance. His work spans Zee Business, TV9 Bharatvarsh, ABP News, India TV, and Inshorts. He also holds NISM certification.

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