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  1. US-चीन के बीच ट्रेड डील से क्या कुछ बदलेगा, भारत के लिए क्या हैं इसके मायने, फिच की रिपोर्ट में क्या कुछ?

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US-चीन के बीच ट्रेड डील से क्या कुछ बदलेगा, भारत के लिए क्या हैं इसके मायने, फिच की रिपोर्ट में क्या कुछ?

Upstox

2 min read | अपडेटेड November 03, 2025, 18:50 IST

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सारांश

भारत के बारे में फिच ने कहा कि अमेरिका के साथ भले ही व्यापार समझौता अभी नहीं हुआ है, लेकिन भारत पर लगाया गया 50% टैरिफ ज्यादातर एशियाई निर्यातकों की तुलना में काफी अधिक है। फिर भी, दोनों देशों के बीच निकट भविष्य में समझौता होने की संभावना बनी हुई है।

फिच रेटिंग एजेंसी

अमेरिका-चीन ट्रेड डील से क्या कुछ बदलेगा?

ग्लोबल रेटिंग एजेंसी फिच ने कहा है कि अमेरिका और एशिया पैसिफिक रीजन के कई देशों के बीच हाल में द्विपक्षीय व्यापार समझौते होने से निर्यातकों के लिए अनिश्चितता कम होगी और आने वाले सालों में इन देशों की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि में मामूली बढ़ोतरी हो सकती है। भारत के बारे में फिच ने कहा कि अमेरिका के साथ भले ही व्यापार समझौता अभी नहीं हुआ है, लेकिन भारत पर लगाया गया 50% टैरिफ ज्यादातर एशियाई निर्यातकों की तुलना में काफी अधिक है। फिर भी, दोनों देशों के बीच निकट भविष्य में समझौता होने की संभावना बनी हुई है। फिच रेटिंग्स ने सोमवार को बयान में कहा कि 20-30 अक्टूबर के बीच अमेरिका ने चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, वियतनाम, मलेशिया, थाइलैंड, ऑस्ट्रेलिया और कंबोडिया के साथ समझौतों की घोषणा की है। इनमें सबसे अधिक आर्थिक प्रभाव चीन पर लगाई गई 20% फेंटानिल-संबंधित अमेरिकी टैरिफ को आधा करने से आएगा। इससे चीन पर प्रभावी शुल्क दर करीब 10% अंक तक घट सकती है।

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रेटिंग एजेंसी ने कहा कि अमेरिका और चीन ने एक साल के लिए अपने हालिया व्यापार प्रतिबंधों को रोकने पर सहमति जताई है, जिनमें चीन द्वारा दुर्लभ पृथ्वी तत्वों (रेयर अर्थ मिनिरल्स) के निर्यात पर लगाई गई पाबंदियां और अमेरिका द्वारा अपनी प्रतिबंधित इकाइयों से जुड़ी कंपनियों पर निर्यात लाइसेंसिंग शर्तों का विस्तार शामिल है। फिच ने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि इन घटनाक्रमों का 2026-27 में चीन और अमेरिका की आर्थिक वृद्धि पर हल्का सकारात्मक असर पड़ेगा। अन्य एशियाई देशों, खासकर दक्षिण कोरिया और वियतनाम को भी अप्रत्यक्ष रूप से फायदा होगा।’

फिच की रिपोर्ट में और क्या कुछ है?

हालांकि, एजेंसी ने यह भी कहा कि अमेरिका के चीन पर लगाए गए टैरिफ अन्य देशों की तुलना में अब भी अधिक हैं। फिच ने कहा, ‘टैरिफ दरों में स्पष्टता से निर्यातकों का भरोसा बढ़ेगा और वे अपनी सप्लाई चेन के लॉन्ग-टर्म पुनर्गठन की योजना बेहतर तरीके से बना सकेंगे। इससे मलेशिया, थाइलैंड और वियतनाम जैसे देशों में निवेश वृद्धि को सहारा मिल सकता है।’ फिच ने यह भी बताया कि ये व्यापार समझौते अमेरिका की उस नीति को दर्शाते हैं जिसके तहत वह चीन के बाहर दुर्लभ धातुओं के खनन और उत्पादन को बढ़ावा देना चाहता है। दक्षिण-पूर्व एशिया और ऑस्ट्रेलिया में इस क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा मिल सकता है लेकिन इसका व्यापक आर्थिक प्रभाव फिलहाल सीमित रहेगा।

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Upstox
Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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