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3 min read | अपडेटेड March 12, 2025, 16:50 IST
सारांश
Retail Inflation in February: फरवरी महीने में खाने-पीने की चीजों के दाम में देश की जनता को बड़ी राहत मिली है। सितंबर 2024 के बाद पहली बार फूड इनफ्लेशन 6 फीसदी से नीचे आ गई। जनवरी में भारत की खाद्य मुद्रास्फीति चार महीनों में पहली बार 8 फीसदी से कम हो गई थी।
Retail Inflation: इस वित्त वर्ष में यह केवल तीसरी बार है जब रिटेल इनफ्लेशन 4 फीसदी से नीचे है।
फरवरी महीने में खाने-पीने की चीजों के दाम में देश की जनता को बड़ी राहत मिली है। आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि फरवरी, 2025 के लिए सालाना आधार पर खाद्य मुद्रास्फीति दर 3.75 फीसदी रही है। NSO ने कहा, ‘‘जनवरी की तुलना में फरवरी, 2025 में खाद्य मुद्रास्फीति में 2.22 प्रतिशत की बड़ी गिरावट देखी गई है। फरवरी में खाद्य मुद्रास्फीति मई, 2023 के बाद सबसे कम है।’’
फरवरी में सब्जियों और प्रोटीन-युक्त प्रोडक्ट्स की कीमतों में कमी आई है। NSO ने कहा कि फरवरी के दौरान मुख्य मुद्रास्फीति और खाद्य मुद्रास्फीति में गिरावट मुख्य रूप से सब्जियों, अंडे, मांस और मछली, दालों और इसके उत्पादों और दूध और उसके उत्पादों की मुद्रास्फीति में गिरावट के कारण हुई है।
महंगाई में गिरावट से भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) को अप्रैल की बैठक में ब्याज दरों में और कटौती करने में मदद मिलने की उम्मीद है। मुद्रास्फीति का आंकड़ा आरबीआई के 4 फीसदी के लक्ष्य से नीचे चला गया है।
केंद्रीय बैंक को उम्मीद है कि आने वाले वर्ष में मुद्रास्फीति कम रहेगी। FY26 में इनफ्लेशन 4.2 फीसदी रहने का अनुमान है। MPC ने लंबे समय बाद फरवरी में पहली बार दर कटौती की थी। RBI ने पॉलिसी रेट को 6.5 फीसदी से घटाकर 6.25 फीसदी कर दिया था।
सरकार ने आरबीआई को खुदरा मुद्रास्फीति को दो प्रतिशत की घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत के भीतर रखने का दायित्व सौंपा हुआ है। आरबीआई अपनी मौद्रिक दरों का फैसला करते समय खुदरा मुद्रास्फीति पर विशेष ध्यान देता है।
महंगाई दर तीसरी तिमाही तक 3.8 प्रतिशत तक कम हो सकती है, लेकिन अर्थशास्त्रियों के अनुसार ब्याज दरों में ज्यादा कटौती होने की संभावना नहीं है। फरवरी में जीडीपी डेटा जारी होने से पहले किए गए एक सर्वे में अर्थशास्त्रियों ने कहा कि रिजर्व बैंक (RBI) अप्रैल के बाद एक बार और ब्याज दरें घटा सकता है। अनुमान है कि वित्त वर्ष 2025-26 के अंत तक पॉलिसी रेट 5.75 प्रतिशत होगी।
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