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  1. बैंक मानदंडों में ढील देने के पीछे क्या हैं कारण, RBI गवर्नर ने दी सफाई, बोले- हिम्मत दिखाने का है समय

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बैंक मानदंडों में ढील देने के पीछे क्या हैं कारण, RBI गवर्नर ने दी सफाई, बोले- हिम्मत दिखाने का है समय

Upstox

2 min read | अपडेटेड November 07, 2025, 14:38 IST

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सारांश

RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ​​ने साथ ही साफ शब्दों में कहा कि बैंकों पर अधिक जिम्मेदारियां उनके बेहतर प्रदर्शन और बेहतर कामकाज के कारण हैं। केंद्रीय बैंक के पास किसी भी गलत व्यवहार पर लगाम लगाने के लिए पर्याप्त साधन मौजूद हैं।

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया

बैंक मानदंडों में ढील देने को लेकर आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने क्या कुछ कहा

Reserve Bank of India (RBI) यानी कि भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने शुक्रवार को साफ किया कि केंद्रीय बैंक सतर्कता के साथ आगे बढ़ रहा है, लेकिन हिम्मत दिखाने की जरूरत के कारण हाल ही में बैंकों की गतिविधियों को नियंत्रित करने वाले नियमों में ढील दी गई है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की ओर से आयोजित कार्यक्रम में मल्होत्रा ने साथ ही साफ शब्दों में कहा कि बैंकों पर अधिक जिम्मेदारियां उनके बेहतर प्रदर्शन और बेहतर कामकाज के कारण हैं। केंद्रीय बैंक के पास किसी भी गलत व्यवहार पर लगाम लगाने के लिए पर्याप्त साधन मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि आरबीआई माइक्रो मैनेजमेंट नहीं करना चाहता है। कोई भी नियामक ‘बोर्डरूम’ के फैसले का स्थान नहीं ले सकता है और न ही उसे ऐसा करना चाहिए। प्रत्येक मामले को विनियमित संस्था द्वारा योग्यता के आधार पर देखा जाना चाहिए। आरबीआई ने पिछले महीने कई उपायों की घोषणा की थी जिनमें बैंकों को घरेलू अधिग्रहणों के लिए धन मुहैया कराने और रियल एस्टेट सेक्टर के लिए विदेशी उधारी लेने की अनुमति देना शामिल है।

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पदभार ग्रहण करने के बाद से मल्होत्रा ने कारोबार को आसान बनाने और किसी भी कदम की घोषणा करने से पहले नियमों को ध्यान में रखने पर जोर दिया है। मल्होत्रा ने इन कदमों के पीछे के तर्क को साफ करते हुए कहा, ‘...जबकि हम सावधानी से आगे बढ़ रहे हैं, हमें हिम्मत भी दिखानी होगी।’ गवर्नर ने कहा कि अल्पकालिक वृद्धि के पीछे भागते हुए वित्तीय स्थिरता से समझौता करने से वृद्धि पर दीर्घकालिक प्रभाव होगा जिससे लागत बढ़ सकती है।

उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक को आर्थिक संदर्भ के प्रति सचेत रहने और संतुलन बनाने की आवश्यकता है। रियल एस्टेट कंपनियों को विदेश से उधार लेने की अनुमति देने के कदम पर सफाई देते हुए मल्होत्रा ने कहा कि ईसीबी की अनुमति केवल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) मानदंडों के अनुरूप परियोजनाओं के लिए है। किसी भी सट्टा गतिविधि या भूमि खरीद के लिए यह प्रतिबंधित रहेगा। उन्होंने कहा कि आरबीआई सार्वजनिक परामर्श और इस कदम के प्रभाव का आकलन करने के बाद नियम बनाने के प्रोसेस को अधिक खुला, आंकड़ों और साक्ष्यों पर आधारित बनाने की कोशिश कर रहा है।

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Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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