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  1. बजट 2026 में हेल्थकेयर पर खर्च बढ़ाकर GDP का 2.5% किया जाए, नैटहेल्थ की सिफारिशों में और क्या-क्या शामिल?

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बजट 2026 में हेल्थकेयर पर खर्च बढ़ाकर GDP का 2.5% किया जाए, नैटहेल्थ की सिफारिशों में और क्या-क्या शामिल?

Upstox

3 min read | अपडेटेड November 19, 2025, 17:33 IST

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सारांश

नैटहेल्थ ने भारत में संचारी और गैर-संचारी रोगों के बढ़ते बोझ से निपटने के लिए सरकार से ‘स्वास्थ्य सेवा पर सार्वजनिक व्यय को सकल घरेलू उत्पाद के 2.5% से अधिक तक बढ़ाने’ का आग्रह किया।

हेल्थकेयर

अगले बजट में हेल्थकेयर सेक्टर में क्या होने चाहिए बदलाव?

स्वास्थ्य सेवा उद्योग निकाय नैटहेल्थ ने सरकार से आने वाले बजट में स्वास्थ्य सेवा पर सार्वजनिक व्यय को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 2.5% से अधिक करने का आग्रह किया है। नैटहेल्थ ने साथ ही गैर-संचारी रोगों से निपटने के लिए तत्काल कार्रवाई करने का आह्वान किया। 10,000 रुपये तक की निवारक स्वास्थ्य जांचों पर टैक्स कटौती की सिफारिश भी की गई। सरकार को अपनी बजट-पूर्व सिफारिशों में नैटहेल्थ ने कहा कि उसने स्वास्थ्य सेवा वितरण को मजबूत करने, इनोवेशन को बढ़ावा देने और इंश्योरेंस एंड प्रिवेंटिव ‘कवरेज’ का विस्तार करने के लिए खाका तैयार किया है। बयान में कहा गया कि सिफारिशों में एक मजबूत, भविष्य के लिए तैयार हेल्थ सिस्टम के निर्माण के लिए राजकोषीय सहायता, संरचनात्मक सुधारों और सार्वजनिक-निजी सहयोग के संतुलित मिश्रण का आह्वान किया गया है।

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50,000 करोड़ रुपये के हेल्थ केयर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड बनाने की सिफारिश

अपनी सिफारिशों में नैटहेल्थ ने इस सेक्टर को प्रमुख बुनियादी ढांचा घोषित करने और 50,000 करोड़ रुपये का स्वास्थ्य सेवा ‘इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड’ बनाने को कहा है। उसने कहा कि वर्तमान में अस्पतालों और ‘डायग्नोस्टिक नेटवर्क’ के लिए लॉन्ग-टर्म, कम लागत वाली पूंजी तक सीमित पहुंच है। इसमें कहा गया कि नए प्रोजेक्ट्स को शुरू करने की अवधि लंबी होती है और इसके लिए मजबूत मीडियम टर्म फाइनेंसिंग की जरूरत होती है। स्वास्थ्य सेवा उद्योग निकाय ने यह भी कहा कि भारत मौजूदा बीमारियों के बोझ के अलावा गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) में अभूतपूर्व वृद्धि से जूझ रहा है।

क्या कहते हैं आंकड़े?

बयान में कहा गया कि भारत में होने वाली कुल मौतों में से लगभग 65% जानें पुरानी बीमारियों के कारण जाती हैं। निवारक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत करने की जरूरत पहले से कहीं अधिक है। निवारक जांच के प्रति अधिक ध्यान नहीं दिए जाने का दावा करते हुए नैटहेल्थ ने 10,000 रुपये तक की निवारक स्वास्थ्य जांच पर टैक्स कटौती की सिफारिश की। नैटहेल्थ ने भारत में संचारी और गैर-संचारी रोगों के बढ़ते बोझ से निपटने के लिए सरकार से ‘स्वास्थ्य सेवा पर सार्वजनिक व्यय को सकल घरेलू उत्पाद के 2.5% से अधिक तक बढ़ाने’ का आग्रह किया। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2023-24 में सरकार का स्वास्थ्य सेवा पर खर्च देश के सकल घरेलू उत्पाद का 1.9% था।

इन सिफारिशों पर नैटहेल्थ की अध्यक्ष अमीरा शाह ने कहा, ‘देश को अपने विकसित भारत 2047 दृष्टिकोण को साकार करने के लिए स्वास्थ्य सेवा को राष्ट्र निर्माण के एक रणनीतिक स्तंभ के रूप में मान्यता देनी होगी। एक आत्मनिर्भर, उच्च-गुणवत्ता वाला परिवेश बनाने के लिए राजकोषीय दूरदर्शिता एवं नवाचार-आधारित सुधार आवश्यक होंगे जो पहुंच का विस्तार करें और दीर्घकालिक विकास को बनाए रखे।’

भाषा इनपुट के साथ

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Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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