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  1. SEBI और DigiLocker की नई पहल, क्लेम करना होगा आसान, यहां समझिए प्रोसेस

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SEBI और DigiLocker की नई पहल, क्लेम करना होगा आसान, यहां समझिए प्रोसेस

Upstox

3 min read | अपडेटेड March 24, 2025, 15:16 IST

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सारांश

SEBI और DigiLocker की नई पहल से निवेशकों को डिजिलॉकर के माध्यम से अपनी डीमैट और म्यूचुअल फंड होल्डिंग्स की जानकारी इकट्ठा करने और उस तक पहुंचने में मदद मिलेगी। म्यूचुअल फंड यूनिट्स और शेयरों की करोड़ों रुपये की संपत्ति अक्सर बिना किसी दावे के रह जाती है। ऐसे में सेबी के हालिया कदम से निवेशकों और उनके परिवारों को लाभ होगा।

SEBI और DigiLocker की साझेदारी का मकसद सिक्योरिटी मार्केट में बिना दावे वाली संपत्तियों में कमी लाना है।

SEBI और DigiLocker की साझेदारी का मकसद सिक्योरिटी मार्केट में बिना दावे वाली संपत्तियों में कमी लाना है।

मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने सरकार की डिजिटल डॉक्यूमेंट स्टोरेज प्लेटफॉर्म डिजिलॉकर (DigiLocker) के साथ साझेदारी की है। इस साझेदारी का मकसद सिक्योरिटी मार्केट में बिना दावे वाली संपत्तियों में कमी लाना है। सेबी के इस फैसले से निवेशक के नॉमिनी के लिए म्यूचुअल फंड और डीमैट अकाउंट का डिटेल हासिल करना आसान हो जाएगा। यह नया नियम 1 अप्रैल 2025 से लागू होने वाला है।

इस पहल से निवेशकों को डिजिलॉकर के माध्यम से अपनी डीमैट और म्यूचुअल फंड होल्डिंग्स की जानकारी इकट्ठा करने और उस तक पहुंचने में मदद मिलेगी। म्यूचुअल फंड यूनिट्स और शेयरों की करोड़ों रुपये की संपत्ति अक्सर बिना किसी दावे के रह जाती है। ऐसे में सेबी के हालिया कदम से निवेशकों और उनके परिवारों को लाभ होगा।

निवेशक के नॉमिनी और परिवार को कैसे होगा फायदा?

सेबी के सर्कुलर के मुताबिक इस साझेदारी के तहत डिजिलॉकर यूजर्स अब अपने डीमैट अकाउंट्स से अपने कंसोलिडेटेड अकाउंट स्टेटमेंट (CAS) के साथ शेयरों और म्यूचुअल फंड यूनिटों की हिस्सेदारी का विवरण प्राप्त कर सकते हैं और उसे स्टोर कर सकते हैं।

वर्तमान में, बैंक अकाउंट्स, इंश्योरेंस और नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) से संबंधित वित्तीय दस्तावेज डिजिलॉकर पर उपलब्ध हैं। सेबी के हालिया पहल के बाद म्यूचुअल फंड स्टेटमेंट और डीमैट अकाउंट डिटेल भी डिजिलॉकर पर उपलब्ध हो जाएंगे। इस पहल से डिजिलॉकर की मौजूदा सर्विसेज में एक और सुविधा जुड़ गई है।

यूजर्स अपने डिजिलॉकर अकाउंट में नॉमिनी जोड़ सकते हैं, जिससे उन्हें यूजर्स की मृत्यु के बाद उसके दस्तावेजों तक पहुंच प्राप्त हो सके। इससे परिवार के सदस्यों या कानूनी उत्तराधिकारियों को मृतक की वित्तीय संपत्तियों का प्रबंधन अधिक आसानी से करने में मदद मिलती है।

इसके अलावा, डिजिलॉकर सिस्टम डेथ सर्टिफिकेट या केवाईसी रजिस्ट्रेशन एजेंसियों (KRA) से मिले डिटेल से हासिल जानकारी का उपयोग कर यूजर्स के अकाउंट की स्थिति को उनकी मृत्यु पर ‘अपडेट’ कर सकता है। यूजर्स की मृत्यु के बाद डिजिलॉकर नॉमिनी को ऑटोमैटिक रूप से SMS और ईमेल के माध्यम से सूचित करेगा।

कैसे करें DigiLocker का इस्तेमाल?

  • स्टेटमेंट प्राप्त करें – निवेशक अपने डीमैट (Demat) और म्यूचुअल फंड (MF) होल्डिंग स्टेटमेंट्स को DigiLocker में स्टोर कर सकते हैं।
  • नॉमिनी एक्सेस – निवेशक DigiLocker में एक नॉमिनी को जोड़ सकते हैं, जिसे उनके निधन के बाद इसकी सूचना मिलेगी।
  • ट्रांसमिशन प्रक्रिया – यदि नॉमिनी पहले से ही डीमैट/म्यूचुअल फंड अकाउंट में दर्ज है, तो वह ट्रांसफर प्रक्रिया शुरू कर सकता है। यदि नहीं, तो वह कानूनी उत्तराधिकारी या नॉमिनी के साथ जानकारी साझा कर सकता है।

इसका उपयोग निवेश संबंधी कागजात को सुरक्षित रूप से स्टोर करने और आसानी से एक्सेस करने के लिए किया जा सकता है।

सेबी ने निवेशकों को डिजिलॉकर का इस्तेमाल करने और एसेट मैनेजमेंट को सुव्यवस्थित करने के लिए नॉमिनी जोड़ने की सलाह दी है। इन बदलावों से निवेश को ट्रैक करना आसान हो जाएगा और दावा न किए गए होल्डिंग्स पर विवाद कम हो जाएंगे।

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Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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