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4 min read | अपडेटेड December 30, 2025, 15:09 IST
सारांश
महाराष्ट्र की माझी लाडकी बहीण योजना के तहत महिलाओं को हर महीने 1500 रुपये मिलते हैं। लेकिन सभी महिलाएं इसके लिए पात्र नहीं हैं। आज हम इसी के बारे में डीटेल में जानने वाले हैं।

महाराष्ट्र सरकार की इस फ्लैगशिप योजना का लाभ उठाने के लिए पात्रता नियमों का पालन करना जरूरी है।
महाराष्ट्र सरकार की मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहीण योजना राज्य की करोड़ों महिलाओं के लिए उम्मीद की एक नई किरण बनकर आई है। इस योजना के जरिए पात्र महिलाओं के बैंक खातों में हर महीने 1500 रुपये की आर्थिक सहायता भेजी जाती है। हालांकि, जैसे-जैसे यह योजना आगे बढ़ रही है, सरकार ने इसके नियमों और पात्रता को लेकर काफी सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। हाल ही में कई ऐसे मामले सामने आए हैं जहां अपात्र होने के बावजूद महिलाओं ने आवेदन कर दिया था, जिसके बाद उनके आवेदन रद्द कर दिए गए। अगर आप भी इस योजना का लाभ लेना चाहती हैं या पहले से लाभ ले रही हैं, तो यह जानना बहुत जरूरी है कि किन शर्तों के कारण आपका आवेदन रिजेक्ट हो सकता है। सरकार का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि पैसा केवल उन्हीं महिलाओं तक पहुंचे जिन्हें इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है।
लाडकी बहीण योजना का लाभ उठाने के लिए सरकार ने अपात्रता के कुछ कड़े मापदंड तय किए हैं। सबसे पहली शर्त परिवार की सालाना आय से जुड़ी है। यदि किसी महिला के परिवार की कुल वार्षिक आय 2.5 लाख रुपये से अधिक है, तो उसे इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। इसके अलावा, यदि परिवार का कोई भी सदस्य आयकर यानी इनकम टैक्स भरता है, तो भी उस परिवार की महिलाएं आवेदन नहीं कर सकतीं। सरकारी नौकरी करने वाले परिवारों के लिए भी नियम सख्त हैं। यदि परिवार का कोई सदस्य सरकारी विभाग, सार्वजनिक उपक्रम या स्थानीय निकाय में स्थायी कर्मचारी या पेंशनभोगी है, तो उन्हें योजना से बाहर रखा गया है। हालांकि, आउटसोर्स या कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले कर्मचारी जिनकी आय 2.5 लाख से कम है, वे इसके लिए पात्र हो सकते हैं।
योजना के नियमों के मुताबिक, यदि किसी महिला के परिवार के किसी सदस्य के नाम पर चार पहिया वाहन रजिस्टर्ड है, तो वह महिला इस योजना के लिए अपात्र मानी जाएगी। हालांकि, सरकार ने इसमें किसानों को थोड़ी राहत दी है और ट्रैक्टर को इस नियम से बाहर रखा है। इसका मतलब है कि ट्रैक्टर होने पर आवेदन रद्द नहीं होगा। इसके अलावा, यदि परिवार का कोई सदस्य वर्तमान या पूर्व सांसद या विधायक है, तो उस परिवार की महिलाओं को भी 1500 रुपये की यह मासिक मदद नहीं मिलेगी। साथ ही, यदि परिवार का कोई सदस्य भारत सरकार या राज्य सरकार के किसी बोर्ड, निगम या उपक्रम का अध्यक्ष, उपाध्यक्ष या निदेशक है, तो वे भी इस योजना का हिस्सा नहीं बन सकते।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई महिला पहले से ही किसी अन्य सरकारी विभाग की वित्तीय योजना के तहत 1500 रुपये या उससे अधिक की मासिक सहायता प्राप्त कर रही है, तो वह लाडकी बहीण योजना के लिए पात्र नहीं होगी। दोहरा लाभ रोकने के लिए सरकार ने आधार लिंकिंग और ई-केवाईसी को अनिवार्य कर दिया है। 31 दिसंबर 2025 ई-केवाईसी पूरा करने की अंतिम तारीख तय की गई है। जो महिलाएं इस समय सीमा के भीतर अपना ई-केवाईसी पूरा नहीं करेंगी, उनके बैंक खाते में आने वाली अगली किस्त रोकी जा सकती है। बैंक खाते का आधार से जुड़ा होना और डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) सक्रिय होना सबसे महत्वपूर्ण शर्त है, क्योंकि इसी के जरिए पैसा सुरक्षित तरीके से सीधे लाभार्थी तक पहुंचता है।
योजना का लाभ लेने के लिए महिला की उम्र 21 से 65 वर्ष के बीच होनी चाहिए। आवेदक महिला का महाराष्ट्र का निवासी होना अनिवार्य है। पात्र महिलाओं की श्रेणी में विवाहित, विधवा, तलाकशुदा, परित्यक्ता और निराश्रित महिलाएं शामिल हैं। साथ ही परिवार की एक अविवाहित महिला भी इसके लिए आवेदन कर सकती है। आवेदन के समय आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र या 15 साल पुराना राशन कार्ड, वोटर आईडी, जन्म प्रमाण पत्र या स्कूल छोड़ने का प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेज जरूरी हैं। यदि किसी महिला के पास आय प्रमाण पत्र नहीं है और उसके पास पीला या केसरी राशन कार्ड है, तो उसे आय प्रमाण पत्र से छूट दी जा सकती है। इन सभी नियमों का सही पालन करके ही महिलाएं बिना किसी रुकावट के योजना का लाभ उठा सकती हैं।
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