पर्सनल फाइनेंस
2 min read | अपडेटेड March 10, 2025, 09:08 IST
सारांश
EPFO UAN Activation: UAN ऐक्टिवेशन की मदद से सदस्य ईपीएफओ की ऑनलाइन सेवाओं का फायदा आसानी, तेजी और पारदर्शिता के साथ उठा सकते हैं। हालांकि, अगर गलत सदस्य UAN से लिंक हो जाता है तो परेशानी भी हो सकती है। ईपीएफओ ने गलत सदस्य को डी-लिंक करने की सुविधा दी है जिसे ऑनलाइन पूरा किया जा सकता है।
UAN ऐक्टिवेशन से EPFO की ऑनलाइन सेवाओं का फायदा उठाना हो जाता है आसान। (तस्वीर: Shutterstock)
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees’ Provident Fund Organisation, WPFO) की ऑनलाइन सेवाओं का फायदा लेने के लिए यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) ऐक्टिवेशन कराना जरूरी है। UAN के साथ सदस्य की पहचान क्रिएट होने से ईपीएफओ पोर्टल पर आसानी से पीएफ पासबुक, क्लेम स्टेटस जैसी जानकारी ली जा सकती है।
हालांकि, कई बार ऐसा हो सकता है कि नियोक्ता या संस्थान UAN के साथ गलत आईडी को लिंक कर दे, जैसे किसी ऐसे व्यक्ति को UAN से जोड़ना जो संस्थान का कर्मचारी ना हो। ऐसे में एक ही आईडी पर अलग-अलग सदस्य दिखते हैं।
अगर UAN के साथ गलत सदस्य की आईडी जुड़ गई हो तो पीएफ से जुड़े प्रोसेस में देरी हो सकती है। जैसे प्रॉविडेंट फंड की राशि अकाउंट जमा होने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इसके लिए जरूरी है कि अपनी अकाउंट डीटेल्स को अपडेट किया जाए।
ईपीएफो गलत आईडी से UAN के लिंक होने पर डी-लिंक का ऑप्शन देता है।
EPFO सदस्य पोर्टल पर जाकर UAN, पासवर्ड और कैप्चा एंटर करके लॉग-इन करें।
रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर आए ओटीपी को एंटर करें।
व्यू मेन्यू में जाकर सर्विस हिस्ट्री पर क्लिक करें।
सर्विस हिस्ट्री में दिख रही सदस्य आईडी में से जिसे डी-लिंक करना हो, उसके सामने दिए गए डी-लिंक आइकन पर क्लिक करें।
कन्फर्मेशन अलर्ट को ओके करके अगले पेज पर जाएं।
यहां डीलिंकिंग का कारण एंटर करके डेक्लरेशन बॉक्स को चेक करें।
गेट ओटीपी पर क्लिक करने के बाद आधार रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर आए ओटीपी को दर्ज करके सबमिट करें।
डी-लिंकिंग के बाद सक्सेस मेसेज स्क्रीन पर दिखेगा। वापस सर्विस हिस्ट्री पर जाकर आप चेक कर सकते हैं, अब डी-लिंक की हुई आईडी दिखाई नहीं देगी।
EPFO ने PF अकाउंट के UAN को ऐक्टिवेट करने की तारीख 15 मार्च तक कर दी है।
UAN ऐक्टिवेशन की मदद से कर्मचारी ईपीएफओ की सेवाओं का फायदा तेजी से और पारदर्शिता के साथ उठा सकते हैं। क्लेम सेटलमेंट से लेकर स्टेटस चेक करने तक की सेवा इसके जरिए आसान हो सकती है।
वहीं, अपनी पर्सनल डीटेल्स अपडेट करने के लिए नियोक्ता और ईपीएफओ के अप्रूवल की जरूरत भी नहीं पड़ती।
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