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  1. आईपीओ के फायदे के साथ-साथ हैं कुछ नुकसान भी, यहां समझें

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आईपीओ के फायदे के साथ-साथ हैं कुछ नुकसान भी, यहां समझें

Upstox

8 min read | अपडेटेड October 26, 2024, 00:41 IST

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सारांश

जब कोई अनलिस्टेड कंपनी पहली बार पब्लिक को अपनी सिक्योरिटीज या शेयर बेचकर फंड जुटाना चाहती है, तो इसके लिए वह इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (आईपीओ) की घोषणा करती है। आसान शब्दों में समझना चाहें तो प्राइमरी मार्केट में सिक्योरिटीज को पब्लिकली बेचने को आईपीओ कहते हैं। 2021 में कुल 63 कंपनियों ने आईपीओ लॉन्च किए थे, जो 2010 के बाद से सबसे अधिक हैं। 2022 में फिर 40 कंपनियों ने आईपीओ लॉन्च किए वहीं 2023 में कुल 46 कंपनियों ने आईपीओ लॉन्च किए।

आईपीओ लॉन्च के बाद, एक महत्वाकांक्षी बिजनेस फाइनेंशियल स्टेबिलिटी का एक नया दौर शुरू कर सकता है

आईपीओ लॉन्च के बाद, एक महत्वाकांक्षी बिजनेस फाइनेंशियल स्टेबिलिटी का एक नया दौर शुरू कर सकता है

आईपीओ लॉन्च करने वाली हर कंपनी को फायदा ही मिला है, ऐसा नहीं है और इसे लॉन्च करने का नुकसान भी हो सकता है। यहां यह बात पता होना बहुत जरूरी है कि आईपीओ लॉन्च करना सबके लिए एक जैसा नहीं हो सकता है। जो भी कंपनी अपना पहला स्टॉक जारी करती है, जरूरी नहीं है कि वह सफल ही हो।इस तरह से अगर आप पहली बार इन्वेस्ट कर रहे हैं, तो आपको आईपीओ के कुछ फायदे और नुकसान से सावधान रहना चाहिए और यह आर्टिकल इसमें आपकी मदद कर सकता है।

आईपीओ क्या है?

जैसा कि ऊपर बताया गया है, एक इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (आईपीओ) कंपनी को पब्लिक को अपना स्टॉक बेचकर सिक्योरिटीज जारी करने की अनुमति देती है। यह एक प्रकार की बिक्री है जो ज्यादातर कंपनियां कैपिटल रेज करने के लिए करती हैं। जो नई सिक्योरिटीज इश्यू की जाती हैं, उनकी डील प्राइमरी मार्केट में होती है। कंपनी फिर पब्लिकली ट्रेडेड बन गई और स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड होने पर इसके शेयर फ्री में ओपन मार्केट में ट्रेड करने के लिए उपलब्ध हैं। यह प्रोसेस काफी महंगा हो सकता है, लेकिन साथ ही, आसान भी है, जो इसे उन लोगों के लिए एक आइडियल ऑप्शन बनाती है जिनके पास अपने बिजनेस पर ज्यादा मेहनत करने के लिए पैसे या समय की कमी है। अब आप समझ चुके हैं कि आईपीओ क्या है, चलिए अब आपको बताते हैं कि आईपीओ के फायदे और नुकसान क्या हैं-

आईपीओ में इन्वेस्ट करने के फायदे और नुकसान

अगर आपकी कंपनी प्राइवेट है, तो ऐसे में आईपीओ लॉन्च करने के बहुत फायदे हैं अगर आपका बिजनेस तेजी से बढ़ रहा है तो। नीचे आईपीओ के कुछ अहम फायदे और नुकसान बताए गए हैं, जो आपको पता होने चाहिए-

आईपीओ के फायदे

कैपिटल एक्सेस कोई भी कंपनी अगर आईपीओ जाता है, तो वह सबसे ज्यादा कैपिटल रेज कर सकता है, मौजूदा पर्याप्त फंडिंग किसी भी कंपनी की ग्रोथ ट्रैजेक्टरी को काफी हद तक बदल सकती है। आईपीओ लॉन्च के बाद, एक महत्वाकांक्षी बिजनेस फाइनेंशियल स्टेबिलिटी का एक नया दौर शुरू कर सकता है। रिसर्च एंड डेवलपमेंट, नए स्टाफ को रिक्रूट करना, बिल्डिंग बनाना, अपने कर्जे चुकाना, नई टेक्नोलॉजी खरीदना जैसे कई काम आप आईपीओ लॉन्च से जमा किए गए फंड से कर सकते हैं।
ज्यादा लोगों तक नाम पहुंचाना आईपीओ जब आप लॉन्च करते हैं, तो ऐसे में आपकी कंपनी का नाम भी ज्यादा लोगों के बीच पहुंचता है और इससे पहचान बढ़ जाती है। यह आईपीओ के सबसे अहम फायदों में से एक है। ऐसा करने से कंपनी के मैनेजमेंट को ज्यादा क्रेडिबिलिटी (मान्यता) और विश्वसनीयता मिलती है। जो कंपनियां पब्लिकली लिस्टेड होती हैं वे आमतौर पर अपने निजी प्रतिद्वंद्वियों की तुलना में अधिक मशहूर होती हैं। इतना ही नहीं, सक्सेसफुल प्रोसेस से फाइनेंशियल सेक्टर में आपको मीडिया अटेंशन भी मिलती है।
ज्यादा फ्लेक्सिबिलिटी हर एक ऑर्गेनाइजेशन के लिए कैपिटल की कॉस्ट सबसे बड़ा रोड़ा होता है। पब्लिक होने से पहले कंपनियों को बैंक से जो लोन मिलता है, वह ज्यादा इंटरेस्ट रेट पर मिलता है, या फिर इन्वेस्टर्स से फंडिंग लेने के लिए उन्हें अपनी ओनरशिप बेचनी पड़ती है। ऐसे में आईपीओ से आपको बेहतर प्लैटफॉर्म मिलता है, जो पैसा आपको मिलता है, उससे आप अपने बिजनेस और बेहतर बना सकते हैं, अपने कर्मचारियों के लिए कुछ कर सकते हैं, रिसर्च के लिए लोग हायर कर सकते हैं, कुल मिलाकर आपकी स्थिति पहले से बेहतर हो सकती है।
फ्यूचर ट्रेडिंग एक पब्लिक कंपनी होने के नाते पब्लिकली ट्रेडेड स्टॉक को पेमेंट के रूप में अपनाना भी संभव हो जाता है। भले ही प्राइवेट कंपनी अपने स्टॉक को पेमेंट के लिए इस्तेमाल कर सकती हो, लेकिन प्राइवेट कंपनी में स्टॉक तभी तक वैल्यूएबल होते हैं, जब तक अच्छा एक्जिट मिल रहा हो। दूसरी ओर, पब्लिक स्टॉक अपने एम्प्लॉई को पेमेंट करने और अन्य फर्म को खरीदने के लिए असरदार हो सकता है क्योंकि उसके स्टॉक पैसे की तरह काम करते हैं, जिसे मार्केट प्राइस पर किसी भी समय खरीदा या बेचा जा सकता है।

आईपीओ से होने वाले नुकसान

हायर स्टार्टिंग कॉस्ट आईपीओ काफी महंगे हो सकते हैं। पब्लिक कंपनी के लिए रेगुलैटरी कॉम्प्लियंस की चल रही कॉस्ट के अलावा, आईपीओ ट्रांजैक्शन के लिए एक अंडरराइटर, एक इन्वेस्टमेंट बैंक और एक एडवर्टाइजर के लिए भी पैसा लगाना पड़ता है।
रिजल्ट देने के लिए काफी ज्यादा प्रेशर मार्केट की अस्थिरता के बीच पब्लिकली लिस्टेड कॉर्पोरेशन के ऊपर काफी ज्यादा दबाव इस बात का रहता है कि उन्हें अपने स्टॉक्स की ज्यादा वैल्यू को बनाए रखना है। एक्जिक्यूटिव ऐसे में रिस्की फैसले लेने से बचते हैं, जिससे स्टॉक के प्राइस पर नेगेटिव असर पड़े। ऐसे में कई बार आपको शॉर्ट टर्म फायदे के चक्कर में लॉन्गटर्म प्लानिंग से समझौता करना पड़ सकता है।
ज्यादा एडमिनिस्ट्रेटिव काम पब्लिक कंपनियों को अपने फाइनेंशियल अकाउंट्स को सालाना सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) को जमा करना पड़ता है, जबकि प्राइवेट कंपनियों को इस मामले में छूट मिली होती है। इन स्टेटमेंट्स को तैयार करने और इनका ऑडिट कराना, जो डिस्क्लोजर प्रोसिजर का अहम हिस्सा है, उसमें काफी ज्यादा पैसा लग जाता है।
कम ऑटोनमी पब्लिक फर्म को बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स चलाते हैं, जो सीईओ या प्रेसिडेंट की बजाय सीधे शेयरहोल्डर्स के प्रति जवाबदेह होते हैं। भले ही बोर्ड एक मैनेजमेंट टीम को रोजमर्रा के बिजनेस की देखरेख करने की अथॉरिटी देता है, लेकिन आखिरी फैसला लेने का अधिकार उनके पास रहता है और उनके पास बिजनेस बनाने वाले लोगों के साथ-साथ सीईओ को हटाने की अथॉरिटी होती है। कुछ कंपनियां इस तरह से पब्लिक होने से बचती हैं जिससे उनके फाउंडर्स को वीटो का अधिकार मिल जाता है।

क्यों आपको आईपीओ में इन्वेस्ट करना चाहिए?

इसमें इन्वॉल्व होने का वेट ना करें, अगर कंपनी सही तरीके से आगे बढ़ रही है और अच्छा बिजनेस कर रही है, तो आईपीओ से फायदा मिल सकता है। इस तरह आप लॉन्ग टर्म में अपनी वेल्थ बढ़ा सकते हैं। अगर आपने किसी ऐसी कंपनी में इन्वेस्ट किया है जो फाइनेंशियली अच्छा कर रही है तो बिजनेस के बढ़ने के साथ-साथ आपके लगाए इन्वेस्ट किए गए पैसे भी बढ़ेंगे। इसे नीचे दिए गए पॉइंट्स में और अच्छे से समझा जा सकता है-

ट्रांसपेरेंसी आपके पास मेजर इन्वेस्टर्स की तरह प्राइसिंग ट्रांसपरेंसी होगी। आईपीओ ऑर्डर सिक्योरिटीज की कीमत दिखाता है। इस वजह से पूरा प्रोसेस खुला है. जब कंपनी पब्लिक हुई, तो शेयर की कीमतें अनप्रिडिक्टेबल मार्केट परिस्थितियों पर निर्भर होंगी।
लॉन्ग टर्म ऑब्जेक्टिव्स आईपीओ इन्वेस्टमेंट बिल्कुल इक्विटी इन्वेस्टमेंट की तरह है। लॉन्ग रन में यह आपको काफी पैसा कमाकर दे सकते हैं, जिससे आप घर खरीदने जैसे अपने लॉन्ग टर्म ऑब्जेक्टिव को पूरा कर सकते हैं।
कम में खरीदो, खूब कमाओ जब कोई कंपनी पब्लिक होने का प्लान बनाती है, तो उसके शेयरों को डिस्काउंट प्राइस पर ऑफर किया जाता है। इसलिए, पब्लिक होने पर अच्छी कंपनियां अपने शेयरों को सबसे कम कीमत पर ऑफर करेंगी, लेकिन एक बार जब कंपनी लिस्टेड हो जाती है और शेयर मार्केट में अच्छा प्रदर्शन करती है, तो उस कंपनी में इन्वेस्ट करना महंगा हो सकता है।

आईपीओ में इन्वेस्ट करने से पहले आपको सभी पॉजिटिव और नेगेटिव बातें पता होनी चाहिए। किसी भी और इन्वेस्टमेंट की तरह ही आईपीओ के भी अपने फायदे और नुकसान हैं। एक नजर आईपीओ में इन्वेस्ट करने से होने वाले नुकसान पर-

प्राइवेसी आईपीओ के लिए अप्लाई करते समय, डॉक्यूमेंट्स और एप्लिकेशन्स में कई इन्वेस्टर डिटेल्स शामिल होनी चाहिए। इसमें आपकी कुछ ऐसी जानकारी शामिल हो सकती है जिसके बारे में आप पब्लिक जानकारी नहीं देना चाहेंगे।
टाइम की जरूरत आईपीओ में इन्वेस्ट करने से पहले आपको कंपनी और उसकी पास्ट परफॉर्मेंस पर पूरी रिसर्च करनी चाहिए। हालांकि यह कंपनी के प्रॉस्पेक्टस में शामिल है, लेकिन इसे समझने में आपको समय लगता है और इसके लिए आपको अच्छी-खासी मेहनत भी लगती है।
एक्सटर्नल इन्टरफेयरेंस एक्सटर्नल फैक्टर्स का शेयर प्राइसिंग पर काफी असर पड़ सकता है। खासकर तब जब बिजनेस सरकारी रेगुलेशन्स के हिसाब से चल रहा हो।

FAQs

क्या आईपीओ खरीदना एक अच्छा ऑप्शन है? अब तक, आईपीओ के फायदे और नुकसान समझने के बाद आपको कुछ अंदाजा मिल गया होगा। फिर भी, अच्छे से समझने के लिए, हां, आप आईपीओ में इन्वेस्ट करना एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है।
क्या आईपीओ में इन्वेस्टमेंट के फायदे और नुकसान के कारण बड़ा नुकसान हो रहा है? अगर आप केवल नुकसान पर फोकस करना चाहते हैं, तो हां, आपको इसे सहन करना होगा। अगर आपको शेयर एलॉट किए गए हैं और कीमत लिस्टिंग रेट से कम है, तो आपको पैसे का नुकसान हो सकता है। लेकिन इसके अलावा, अगर आपको शेयर एलॉट नहीं किए गए तो कोई नुकसान नहीं है।
आईपीओ किसी कंपनी को कैसे प्रभावित करता है? एक आईपीओ नई पूंजी लाता है जिसका इस्तेमाल कंपनी फ्यूचर में कर्ज लिए बिना अपना बिजनेस बढ़ाने में करती है।
क्या आईपीओ हमेशा मुनाफा देता है? हमेशा तो नहीं, लेकिन हां, अगर आप सही कंपनी में इन्वेस्ट करते हैं तो यह आपको मुनाफा देता है।
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