मार्केट न्यूज़

4 min read | अपडेटेड December 04, 2025, 13:44 IST
सारांश
Wakefit IPO: वेकफिट इनोवेशंस का 1289 करोड रुपये का आईपीओ 8 दिसंबर को खुल रहा है। कंपनी ने प्राइस बैंड 185 से 195 रुपये तय किया है। इसमें फ्रेश इश्यू और ऑफर फॉर सेल दोनों शामिल हैं। यह इश्यू 10 दिसंबर तक खुला रहेगा और लिस्टिंग 15 दिसंबर को हो सकती है।

कंपनी ने 185-195 रुपये का प्राइस बैंड तय किया है।
कंपनी ने इस इश्यू के लिए प्राइस बैंड 185 रुपये से 195 रुपये प्रति शेयर तय किया है। रिटेल निवेशकों को कम से कम एक लॉट खरीदना होगा जिसमें 76 शेयर होंगे। इसका मतलब है कि निवेशकों को कम से कम 14820 रुपये का निवेश करना होगा। इस इश्यू में 75 फीसदी हिस्सा बड़े संस्थागत निवेशकों के लिए, 15 फीसदी गैर-संस्थागत निवेशकों के लिए और 10 फीसदी रिटेल निवेशकों के लिए आरक्षित रखा गया है। आईपीओ का प्रबंधन एक्सिस कैपिटल कर रही है और रजिस्ट्रार एमयूएफजी इनटाइम इंडिया है। शेयरों की लिस्टिंग 15 दिसंबर को एनएसई और बीएसई पर होने की उम्मीद है।
वेकफिट की शुरुआत गद्दे बेचने से हुई थी लेकिन अब यह कंपनी फर्नीचर और होम डेकोर के पूरे बाजार में फैल चुकी है। सिर्फ नौ साल के सफर में कंपनी ने संगठित होम और फर्निशिंग बाजार में 1000 करोड रुपये से ज्यादा की आय हासिल करने वाली सबसे तेज भारतीय कंपनी होने का दावा किया है। कंपनी के पास मेमोरी फोम और लेटेक्स गद्दों की बडी रेंज है। इसके अलावा बेड, सोफा, अलमारी, टेबल, कुर्सियां और डाइनिंग टेबल जैसे फर्नीचर भी कंपनी बनाती है। लाइफस्टाइल प्रोडक्ट और किचन का सामान भी इनके पोर्टफोलियो में शामिल है।
कंपनी की एक खास ताकत उसका क्रॉस सेलिंग मॉडल है। आंकड़ों के मुताबिक सितंबर 2025 को खत्म हुई छमाही और पिछले तीन वित्त वर्षों में फर्नीचर खरीदने वाले लगभग 17 से 18 फीसदी ग्राहक ऐसे थे जो पहले से कंपनी के दूसरे प्रोडक्ट इस्तेमाल कर रहे थे। इसी तरह फर्निशिंग ग्राहकों में भी लगभग 20 से 22 फीसदी पुराने ग्राहक थे। इससे पता चलता है कि कंपनी अपने पुराने ग्राहकों को नए प्रोडक्ट बेचने में काफी सफल रही है जिससे ग्राहकों का भरोसा कंपनी पर बना हुआ है।
कंपनी की कमाई के आंकड़ों पर नजर डालें तो इसमें लगातार बढत देखी गई है। वित्त वर्ष 2023 में कंपनी की आय 812.62 करोड रुपये थी जो 2024 में बढकर 986.35 करोड रुपये और 2025 में 1273.60 करोड रुपये हो गई। हालांकि खर्च बढने की वजह से कंपनी को नुकसान भी उठाना पडा है। वित्त वर्ष 2023 में 145.68 करोड रुपये का घाटा हुआ था जो 2024 में घटकर 15 करोड रह गया लेकिन 2025 में फिर से 35 करोड रुपये का घाटा दर्ज किया गया। कमाई के मामले में गद्दों की बिक्री अभी भी कंपनी के लिए सबसे अहम है। वित्त वर्ष 2026 की पहली छमाही में कंपनी को कुल 724 करोड रुपये की आय हुई जिसमें से करीब 60 फीसदी हिस्सा गद्दों की बिक्री से आया।
आईपीओ से मिलने वाले पैसों का इस्तेमाल कंपनी अपने विस्तार के लिए करेगी। कंपनी की योजना 117 नए कोको स्टोर खोलने की है। इसके अलावा नई मशीनरी खरीदने और मार्केटिंग पर भी पैसा खर्च किया जाएगा। कुछ फंड का इस्तेमाल पुराने कोको स्टोर्स के किराए और लाइसेंस फीस चुकाने में भी होगा। कंपनी अब विदेश में भी पैर पसार रही है और जापान, नेपाल, यूएई और अमेरिका में अपने प्रोडक्ट बेच रही है। ऑफर फॉर सेल में कंपनी के प्रमोटर अंकित गर्ग और चैतन्य रामलिंगगौडा के साथ पीक एक्सवी पार्टनर्स और वेरिनवेस्ट जैसे बडे निवेशक अपनी हिस्सेदारी बेचेंगे।
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