return to news
  1. बाजार की दिशा तय करेंगे मैक्रो डेटा और IT सेक्टर, जानिए किन ट्रिगर्स पर रहेगी नजर

मार्केट न्यूज़

बाजार की दिशा तय करेंगे मैक्रो डेटा और IT सेक्टर, जानिए किन ट्रिगर्स पर रहेगी नजर

Upstox

3 min read | अपडेटेड October 05, 2025, 16:02 IST

Twitter Page
Linkedin Page
Whatsapp Page

सारांश

निवेशक इस हफ्ते आईटी दिग्गज TCS के नतीजों, FPI गतिविधियों और बैंकिंग डेटा पर खास नजर रखेंगे। सितंबर में एफपीआई ने भारतीय इक्विटी से ₹23,885 करोड़ निकाले। इसके अलावा, डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल और वैश्विक बाजारों से मिल रहे संकेत भी बाजार की धारणा तय करने में अहम भूमिका निभाएंगे।

शेयर सूची

stock-market-next-week-move-tcs-q2-results-fpi-activity-key-triggers

TCS के नतीजे और FPI की गतिविधियां रहेंगी फोकस में

भारतीय शेयर बाजार की दिशा इस हफ्ते कई बड़े कारकों पर निर्भर करेगी। मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि आईटी सेक्टर की दिग्गज कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के तिमाही नतीजे, विदेशी निवेशकों की गतिविधियां, रुपये की चाल और वैश्विक बाजारों से मिल रहे संकेत बाजार की धारणा तय करेंगे।

Open FREE Demat Account within minutes!
Join now

TCS के नतीजों से होगी शुरुआत

फाइनेंशियल ईयर 2025-26 की दूसरी तिमाही (Q2) के नतीजों का सीजन इसी हफ्ते शुरू होगा। सबसे पहले आईटी सेक्टर की दिग्गज कंपनी TCS अपने रिजल्ट्स 9 अक्टूबर को जारी करेगी। निवेशक और विश्लेषक दोनों इस बात पर नजर रखेंगे कि कंपनी का मुनाफा और रेवेन्यू किस तरह का प्रदर्शन कर रहा है। इससे पूरे आईटी सेक्टर पर असर पड़ सकता है।

FPI का रुख बना टेंशन

सितंबर 2025 में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने भारतीय इक्विटी से ₹23,885 करोड़ की निकासी की। इस साल अब तक कुल मिलाकर एफपीआई ने ₹1.58 लाख करोड़ बाजार से बाहर निकाले हैं। यह ट्रेंड निवेशकों की धारणा को कमजोर कर सकता है। अगर अक्टूबर में भी निकासी जारी रही, तो बाजार पर दबाव बन सकता है।

मैक्रो इकॉनमिक डेटा पर नजर

वृहद आर्थिक मोर्चे पर भी इस हफ्ते कुछ अहम आंकड़े आने वाले हैं। HSBC सर्विसेज PMI और कंपोजिट PMI के साथ-साथ बैंकिंग सेक्टर की लोन और डिपॉजिट ग्रोथ के आंकड़े बाजार को दिशा देंगे। ये आंकड़े इस बात का संकेत देंगे कि भारतीय अर्थव्यवस्था किस तरह से गति पकड़ रही है।

विदेशी निवेशकों के अलावा डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल भी बाजार पर असर डाल सकती है। हाल ही में रुपये में गिरावट देखने को मिली है। अगर डॉलर मजबूत होता रहा तो एफपीआई की निकासी और तेज हो सकती है।

वैश्विक बाजारों से मिलने वाले संकेत भी निवेशकों के मूड को प्रभावित करेंगे। अमेरिकी बाजारों में हाल की चाल और फेडरल रिजर्व की नीति पर बाजार की नजर रहेगी। इसके अलावा, यूरोप और एशिया के बाजार भी भारतीय इक्विटी पर असर डाल सकते हैं।

पिछले हफ्ते का हाल

पिछले हफ्ते भारतीय शेयर बाजार में मजबूती देखने को मिली थी। बीएसई सेंसेक्स 780 अंकों (0.97%) की बढ़त के साथ बंद हुआ, जबकि निफ्टी 239 अंक (0.97%) चढ़ा। यह तेजी दिखाती है कि निवेशकों का भरोसा अभी भी कायम है, हालांकि आने वाले दिनों में उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है।

(डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें।)
SIP
टाइमिंग पर भारी पड़ती है निरंतरता
promotion image

लेखकों के बारे में

Upstox
Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

अगला लेख