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  1. SEBI ने IPO में एंकर बुक साइज को 40% तक बढ़ाया, इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स की भागीदारी बढ़ाने के लिए उठाया कदम

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SEBI ने IPO में एंकर बुक साइज को 40% तक बढ़ाया, इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स की भागीदारी बढ़ाने के लिए उठाया कदम

Upstox

2 min read | अपडेटेड November 06, 2025, 18:59 IST

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सारांश

IPO Rules: मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) एंकर हिस्से में कुल आरक्षित कोटा को बढ़ाकर 40 फीसदी कर दिया है, जो पहले 33 फीसदी था। इसमें म्यूचुअल फंड के लिए 33 फीसदी और बीमा कंपनियों और पेंशन फंड के लिए शेष 7 फीसदी शामिल है।

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एंकर निवेशकों के लिए शेयर-एलोकेशन फ्रेमवर्क में सुधार करते हुए नियमों में बदलाव किया गया है।

मार्केट रेगुलेटर SEBI ने इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) में इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स की भागीदारी बढ़ाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। इसके तहत एंकर निवेशकों के लिए शेयर-एलोकेशन फ्रेमवर्क में सुधार करते हुए नियमों में बदलाव किया गया है। इस कदम का उद्देश्य म्यूचुअल फंड, बीमा कंपनियों और पेंशन फंड जैसे घरेलू इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स की भागीदारी को बढ़ाना है।

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इसके तहत, नियामक ने एंकर हिस्से में कुल आरक्षित कोटा को बढ़ाकर 40 फीसदी कर दिया है, जो पहले 33 फीसदी था। इसमें म्यूचुअल फंड के लिए 33 फीसदी और बीमा कंपनियों और पेंशन फंड के लिए शेष 7 फीसदी शामिल है। मार्केट रेगुलेटर सेबी ने 31 अक्टूबर के एक नोटिफिकेशन में कहा कि अगर बीमा कंपनियों और पेंशन फंड के लिए आरक्षित 7 फीसदी हिस्से को सब्सक्रिप्शन नहीं मिलता है, तो उसे म्यूचुअल फंड को आवंटित कर दिया जाएगा।

इसके अलावा, सेबी ने आईपीओ के लिए अनुमति प्राप्त एंकर निवेशकों की संख्या में भी बढ़ोतरी की है। सेबी ने कहा, ‘‘कुल 250 करोड़ रुपये तक के आवंटन के लिए कम से कम 5 और अधिकतम 15 निवेशकों को अनुमति दी जाएगी। प्रत्येक अतिरिक्त 250 करोड़ रुपये या उसके हिस्से के लिए, अतिरिक्त 15 निवेशकों को अनुमति दी जाएगी, बशर्ते कि प्रति निवेशक न्यूनतम आवंटन 5 करोड़ रुपये हो।’’

साथ ही सोच-विचार कर एंकर हिस्से के तहत आवंटन, कैटेगरी I (10 करोड़ रुपये तक) और कैटेगरी II (10 करोड़ रुपये से अधिक और 250 करोड़ रुपये तक) को 250 करोड़ रुपये तक के आवंटन के लिए एक ही कैटेगरी में मिला दिया गया है। इसमें एंकर आवंटियों की न्यूनतम संख्या 5 और अधिकतम 15 (प्रति निवेशक न्यूनतम आवंटन 5 करोड़) होगी।

यह व्यवस्था आईपीओ में लॉन्ग टर्म इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स की भागीदारी को व्यापक बनाएगी। इन्हें प्रभावी बनाने के लिए सेबी ने ICDR (इश्यू ऑफ कैपिटल एंड डिसक्लोजर रिक्वायरमेंट) नियमों में बदलाव किया है, जो 30 नवंबर से लागू होंगे।

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टाइमिंग पर भारी पड़ती है निरंतरता
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लेखकों के बारे में

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Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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