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  1. Q1 Results: FY26 की पहली तिमाही में क्यों IT कंपनियों की निकली हवा, Wipro से लेकर HCL तक किसका कैसा रहा प्रदर्शन?

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Q1 Results: FY26 की पहली तिमाही में क्यों IT कंपनियों की निकली हवा, Wipro से लेकर HCL तक किसका कैसा रहा प्रदर्शन?

Upstox

3 min read | अपडेटेड July 28, 2025, 07:42 IST

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सारांश

भारतीय आईटी दिग्गजों के चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही के नतीजों का ओवरव्यू सालाना रेवेन्यू वृद्धि विप्रो के लिए 0.8% से एचसीएल टेक्नोलॉजीज के 8.1% के बीच है। क्यों आईटी कंपनियों के रिजल्ट्स रहे निराशाजनक?

IT कंपनियां

FY26 की पहली तिमाही में कैसे रहे आईटी कंपनियों के नतीजे?

Q1 Results of IT Companies: भारतीय शेयर मार्केट में इन दिनों फाइनेंशियल ईयर 2025-26 के पहले क्वार्टर में कंपनियों का प्रदर्शन कैसा रहा, उसका रिपोर्ट कार्ड पेश करने का समय चल रहा है। पिछले कुछ दिनों में देश की दिग्गज आईटी (इंफॉर्मेशन टेक्नॉलिजी) कंपनियों ने अपना Q1 रिजल्ट जारी किया है, लेकिन यहां जो एक बात ध्यान देने वाली रही, वह यह कि पहली तिमाही के रेवेन्यू में जो बढ़त देखने को मिली वह सिंगल डिजिट में रही, पहली तिमाही के नतीजे मिलेजुले रहे और काफी हद तक यह निराशाजनक भी रहे। व्यापक आर्थिक अस्थिरता और भू-राजनीतिक तनावों ने ग्लोबल प्रौद्योगिकी की मांग पर दबाव डाला और कस्टमर्स ने फैसले लेने में देरी की।

विभिन्न प्रबंधन की टिप्पणियों ने मिश्रित तस्वीर पेश की, सतर्कता बरती गई, फिर भी इस इंडस्ट्री के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर्स (सीईओ) ने लागत अनुकूलन, वेंडर कंसोलिडेशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) में बदलाव के मौकों पर जोर दिया। भारतीय आईटी दिग्गजों के चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही के नतीजों का ओवरव्यू सालाना रेवेन्यू वृद्धि विप्रो के लिए 0.8% से एचसीएल टेक्नोलॉजीज के 8.1% के बीच है।

किस चीजों का पड़ा असर?

एक्सिस सिक्योरिटीज ने इंफोसिस पर अपने रिजल्ट्स रिव्यू लिखते हुए कहा कि अनसुलझे टैरिफ मुद्दे और भू-राजनीतिक तनाव के कारण कुल मिलाकर कारोबारी माहौल अनिश्चित बना हुआ है, जिससे ग्राहक विवेकाधीन खर्च को लेकर सतर्क हो रहे हैं और फैसले लेने में देरी कर रहे हैं। नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज को उम्मीद है कि वृहद अनिश्चितता के कारण अगली एक-दो तिमाहियों तक मांग का माहौल चुनौतीपूर्ण बना रहेगा।

नुवामा ने इंफोसिस के परिणामों के बाद अपनी रिपोर्ट में कहा कि टियर-1 आईटी सर्विस फर्मों के लिए पहली तिमाही की कमाई का सीजन खत्म हो गया है। टीसीएस का रेवेन्यू सालाना आधार पर 1.3% बढ़कर 63,437 करोड़ रुपये हो गया, जबकि प्रॉफिट 5.9% बढ़कर 12,760 करोड़ रुपये हो गया।

इंफोसिस के लिए कैसा रही पहली तिमाही?

बेंगलुरु हेडक्वार्टर्स वाली इंफोसिस का रेवेन्यू 7.5% बढ़कर 42,279 करोड़ रुपये हो गया, जबकि नेट प्रॉफिट 6,921 करोड़ रुपये रहा, जो 8.6% की वृद्धि दर्शाता है। विप्रो का रेवेन्यू पहली तिमाही में 0.77% बढ़कर 22,135 करोड़ रुपये हो गया, लेकिन इसका प्रॉफिट 9.8% की तेज वृद्धि के साथ 3,336.5 करोड़ रुपये हो गया। सकारात्मक बात यह रही कि इंफोसिस ने 3.8 अरब डॉलर की बड़ी डील्स हासिल की और चालू वित्त वर्ष के लिए रेवेन्यू ग्रोथ के अपने अनुमान को 0-3% से बढ़ाकर 1-3% कर दिया। ग्राहकों का ध्यान लागत और दक्षता पर अत्यधिक केंद्रित है, जो व्यापक आर्थिक स्थिति से प्रभावित सतत सतर्कता को दर्शाता है।

भाषा इनपुट के साथ
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टाइमिंग पर भारी पड़ती है निरंतरता
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