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  1. सरकारी बैंकों के शेयरों में भारी गिरावट, एफडीआई पर सरकार के एक जवाब ने तोड़ा निवेशकों का दिल

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सरकारी बैंकों के शेयरों में भारी गिरावट, एफडीआई पर सरकार के एक जवाब ने तोड़ा निवेशकों का दिल

Upstox

4 min read | अपडेटेड December 03, 2025, 11:27 IST

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सारांश

बुधवार को सरकारी बैंकों के शेयरों में भारी बिकवाली देखी गई। निफ्टी पीएसयू बैंक इंडेक्स करीब 2 फीसदी टूट गया। इसकी वजह सरकार का वह बयान है जिसमें उसने साफ किया कि सरकारी बैंकों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा 20 फीसदी से बढ़ाकर 49 फीसदी करने का कोई इरादा नहीं है।

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सरकारी बैंकों के शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई। Image: Shutterstock

हफ्ते के तीसरे कारोबारी दिन यानी बुधवार को शेयर बाजार में सरकारी बैंकों के निवेशकों के लिए बुरी खबर आई। सुबह से ही सरकारी बैंकों (PSU Banks) के शेयरों में भारी बिकवाली का दौर शुरू हो गया और देखते ही देखते निफ्टी पीएसयू बैंक इंडेक्स करीब 2 फीसदी तक लुढक गया। सुबह 10 बजकर 10 मिनट पर यह इंडेक्स 8,373.50 के स्तर पर कारोबार कर रहा था। इस गिरावट की सबसे बड़ी वजह सरकार का वह स्पष्टीकरण है जिसने निवेशकों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। दरअसल, बाजार में चर्चा थी कि सरकार सरकारी बैंकों में विदेशी निवेश यानी एफडीआई (FDI) की सीमा बढा सकती है, लेकिन सरकार ने संसद में साफ कर दिया है कि फिलहाल ऐसी कोई योजना नहीं है।

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राज्यसभा में सरकार ने क्या कहा?

वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा में एक लिखित सवाल के जवाब में उन तमाम अटकलों को खारिज कर दिया, जिनमें कहा जा रहा था कि सरकार पीएसयू बैंकों में एफडीआई की सीमा बढाने वाली है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकारी बैंकों में एफडीआई की सीमा को मौजूदा 20 फीसदी से बढ़ाकर 49 फीसदी करने का कोई भी प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन नहीं है। मंत्री के इस लिखित जवाब ने बाजार का मूड खराब कर दिया क्योंकि निवेशक इस उम्मीद में बैठे थे कि विदेशी निवेश की सीमा बढने से इन बैंकों में भारी पैसा आएगा और शेयर के भाव आसमान छुएंगे।

अफवाहों से बनी थी तेजी

आपको बता दें कि इससे पहले अक्टूबर महीने में एक रिपोर्ट आई थी, जिसमें दावा किया गया था कि भारत सरकार सरकारी बैंकों में विदेशी निवेश की सीमा को दोगुना से भी ज्यादा करने की योजना बना रही है। उस समय कहा गया था कि इसे 49 फीसदी तक किया जा सकता है। इस खबर के बाद सरकारी बैंकों के शेयरों में जबरदस्त खरीदारी देखने को मिली थी और शेयर काफी ऊपर चले गए थे। लेकिन अब जब सरकार ने आधिकारिक तौर पर संसद में इसे नकार दिया है, तो जिन लोगों ने तेजी की उम्मीद में शेयर खरीदे थे, वे अब बिकवाली कर रहे हैं।

विलय की खबर भी निकली गलत

सरकारी बैंकों के शेयरों पर यह लगातार दूसरे दिन की मार है। इससे एक दिन पहले यानी मंगलवार को भी पीएसयू बैंक इंडेक्स में गिरावट देखी गई थी। इसकी वजह भी संसद से ही आई थी। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में एक अन्य लिखित जवाब में कहा था कि सरकार के पास सरकारी बैंकों के विलय (Merger) या समेकन का भी कोई प्रस्ताव नहीं है। बाजार में चर्चा थी कि कुछ और सरकारी बैंकों का आपस में विलय हो सकता है, लेकिन सरकार के इनकार के बाद वहां भी निराशा हाथ लगी। यानी दो दिनों के भीतर सरकार ने दो बड़ी उम्मीदों को खारिज कर दिया है।

कौन से शेयर सबसे ज्यादा टूटे?

इस खबर का सबसे बुरा असर इंडियन बैंक (Indian Bank) के शेयरों पर पड़ा है। यह निफ्टी पीएसयू इंडेक्स का टॉप लूजर बना और इसमें करीब 4 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। इसका शेयर गिरकर 826.20 रुपये पर आ गया। इसके अलावा पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के शेयरों में भी करीब 3 फीसदी की कमजोरी देखी गई। बैंक ऑफ इंडिया का शेयर 2 फीसदी से ज्यादा टूटा।

गिरावट का यह सिलसिला यहीं नहीं रुका। केनरा बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, बैंक ऑफ बड़ौदा और यूको बैंक के शेयरों में भी लगभग 2-2 फीसदी की गिरावट देखने को मिली। वहीं, देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई (SBI) और इंडियन ओवरसीज बैंक (IOB) के शेयर भी करीब 1 फीसदी नीचे कारोबार करते नजर आए। कुल मिलाकर बैंकिंग सेक्टर के लिए आज का दिन काफी भारी रहा है।

(डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें।)
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टाइमिंग पर भारी पड़ती है निरंतरता
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लेखकों के बारे में

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Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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