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  1. NSDL IPO: क्या है कंपनी की ताकत और रिस्क फैक्टर्स? शेयरधारकों को स्टेक सेलिंग पर कितना होगा फायदा?

मार्केट न्यूज़

NSDL IPO: क्या है कंपनी की ताकत और रिस्क फैक्टर्स? शेयरधारकों को स्टेक सेलिंग पर कितना होगा फायदा?

Shubham Singh Thakur

6 min read | अपडेटेड July 30, 2025, 09:01 IST

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सारांश

NSDL IPO: नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) का अधिकतर बिजनेस ट्रांजैक्शन आधारित है, यानी जितना ज्यादा ट्रेडिंग होगा, उतनी ज्यादा कमाई। अगर किसी कारणवश शेयर बाजार में मंदी आई, जैसे वैश्विक संकट या युद्ध जैसी स्थिति तो कंपनी की कमाई पर असर पड़ेगा।

NSDL IPO

NSDL IPO: कंपनी का इरादा पब्लिक इश्यू के जरिए 4011.60 करोड़ रुपये जुटाने का है।

NSDL IPO: भारत की सबसे पुरानी और भरोसेमंद डिपॉजिटरी नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) का आईपीओ आज खुल गया है। इस आईपीओ में एक अगस्त तक निवेश का मौका रहेगा। कंपनी का इरादा पब्लिक इश्यू के जरिए 4011.60 करोड़ रुपये जुटाने का है। इसके लिए 760-800 रुपये प्रति शेयर का प्राइस बैंड तय किया गया है। इसके शेयरों की लिस्टिंग BSE पर होगी।

यह इस साल का तीसरा सबसे बड़ा IPO है। इस साल इससे बड़े आईपीओ HDB Financial और Hexaware Technologies के थे। अगर आप इस आईपीओ में निवेश की योजना बना रहे हैं तो इससे पहले आपको कुछ जरूरी बातें जान लेनी चाहिए। यहां हमने

NSDL IPO से जुड़ी पूरी डिटेल

जानकारीविवरण
IPO डेट्स30 जुलाई 2025 से 1 अगस्त 2025
लिस्टिंग की तारीख6 अगस्त 2025 (अनुमानित)
फेस वैल्यू₹2 प्रति शेयर
प्राइस बैंड₹760 से ₹800 प्रति शेयर
लॉट साइज18 शेयर
सेल टाइपपूरी तरह से Offer For Sale (OFS)
कुल इश्यू साइज5,01,45,001 शेयर (₹4,011.60 करोड़ तक)
कर्मचारियों को डिस्काउंट₹76 प्रति शेयर
इश्यू टाइपबुक बिल्डिंग IPO
लिस्टिंग एक्सचेंजBSE

NSDL IPO के जरूरी डेट्स

चरणतिथि
शेयर अलॉटमेंट (अनुमानित)सोमवार, 4 अगस्त 2025
रिफंड की शुरुआतमंगलवार, 5 अगस्त 2025
डिमैट में शेयर क्रेडिटमंगलवार, 5 अगस्त 2025
लिस्टिंग की तारीख (अनुमानित)बुधवार, 6 अगस्त 2025

बिग इंस्टीट्यूशंस क्यों बेच रहे हैं हिस्सेदारी?

आईपीओ के जरिए अपनी हिस्सेदारी बेचने वाले इंस्टीट्यूशंस में IDBI Bank, National Stock Exchange of India, State Bank of India, Unit Trust of India, HDFC Bank और Union Bank of India शामिल हैं।

सेबी के नियमों के अनुसार कोई भी शेयरधारक किसी डिपॉजिटरी में 15 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी नहीं रख सकता। वर्तमान में IDBI Bank (26.1%) और NSE (24%) जैसे शेयरधारकों के पास इस सीमा से अधिक हिस्सेदारी है। ऐसे में नियमों का पालन करने के लिए ये इंस्टीट्यूशंस अपनी हिस्सेदारी कम कर रहे हैं।

शेयरहोल्डर्स को हिस्सेदारी बेचने पर कितना मुनाफा होगा?

ध्यान देने वाली बात यह भी है कि ये शुरुआती निवेशक हिस्सेदारी बेचकर कितना रिटर्न कमाएंगे। उदाहरण के लिए, SBI, जिसने मूल रूप से 2 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से शेयर खरीदे थे, 40 लाख शेयर बेचकर लगभग 320 करोड़ रुपये कमाएगा, जो उसके मूल निवेश का लगभग 399 गुना है। इसके अलावा, IDBI Bank को केवल 4.44 करोड़ रुपये में खरीदे गए शेयरों पर 1776 करोड़ रुपये मिलेंगे। वहीं, NSE को भी 60 गुना से अधिक रिटर्न मिलेगा।

क्या है NSDL का मजबूत पक्ष

भारत की पहली और सबसे बड़ी डिपॉजिटरी

NSDL भारत की पहली और सबसे बड़ी डिपॉजिटरी है, चाहे बात हो Issuers की संख्या की, एक्टिव डिमैट खातों की, सेटलमेंट वॉल्यूम की या कस्टडी में रखी संपत्तियों (assets) की कुल वैल्यू की। मार्च 2025 तक इसके प्लेटफॉर्म पर 973 इश्यूज जुड़ी हैं और 3.95 करोड़ से ज्यादा एक्टिव डिमैट अकाउंट हैं। इसके पास 294 डिपॉजिटरी पार्टनर्स (DPs) और 65392 सर्विस सेंटर्स का बड़ा नेटवर्क है, जो इसके प्रमुख प्रतिस्पर्धी CDSL से कहीं ज्यादा है।

टेक्नोलॉजी में निवेश पर फोकस

NSDL लगातार टेक्नोलॉजी में निवेश करता रहा है। इसकी वजह से एक आधुनिक डिपॉजिटरी सिस्टम तैयार हुआ है जो डिपॉजिटरी पार्टनर्स, कंपनियों, एजेंट्स, और क्लियरिंग कॉरपोरेशंस की जरूरतें पूरी करता है। अगस्त 2007 में NSDL ने सबसे पहले निवेशकों को SMS अलर्ट देने की सुविधा शुरू की थी।

सब्सिडियरी कंपनियों का अच्छा प्रदर्शन

NDML (NSDL Database Management Ltd) टेक्नोलॉजी आधारित सेवाएं देती है और SEBI के करीब 1,728 रजिस्टर्ड इंटरमीडियरीज को सपोर्ट करती है। इसके पास 1.9 करोड़ से ज्यादा KYC रिकॉर्ड्स का डाटा है।

NSDL Payments Bank (NPBL) डिजिटल बैंकिंग सेवाएं देता है जैसे प्रीपेड कार्ड्स, सरकारी लाभ ट्रांसफर (DBT), और नकद प्रबंधन (cash management) सॉल्यूशन्स। इसका कामकाज B2B2C मॉडल पर आधारित है।

NSDL में निवेश से जुड़े रिस्क फैक्टर्स

मार्केट रिस्क

NSDL का अधिकतर बिजनेस ट्रांजैक्शन आधारित है, यानी जितना ज्यादा ट्रेडिंग होगा, उतनी ज्यादा कमाई। अगर किसी कारणवश शेयर बाजार में मंदी आई, जैसे वैश्विक संकट या युद्ध जैसी स्थिति तो कंपनी की कमाई पर असर पड़ेगा।

प्रोडक्ट इनोवेशन रिस्क

कंपनी का बिजनेस टेक्नोलॉजी आधारित है। अगर ये समय पर नए और बेहतर प्रोडक्ट्स लॉन्च नहीं कर पाई या निवेशकों की जरूरतों के हिसाब से खुद को अपडेट नहीं किया, तो इसका कारोबार प्रभावित हो सकता है।

IT रिस्क

NSDL का पूरा सिस्टम टेक्नोलॉजी और नेटवर्क पर चलता है। अगर किसी कारण से सर्वर डाउन हो जाए, या साइबर अटैक हो जाए, तो इससे कंपनी की छवि, कामकाज और आर्थिक स्थिति पर बुरा असर पड़ सकता है। SEBI भी उस पर जुर्माना लगा सकता है।

डिमांड रिस्क

अगर निवेशक शेयर बाजार से हटकर दूसरे विकल्पों की ओर रुख करते हैं, तो NSDL की सेवाओं की मांग घट सकती है। इससे कंपनी की कमाई और मुनाफे पर असर पड़ेगा।

रेगुलेटरी रिस्क

कंपनी SEBI जैसे नियामकों के तहत काम करती है। अगर NSDL किसी कानूनी या रेगुलेटरी नियम का पालन नहीं कर पाई, तो उस पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है।

NSDL का फाइनेंशियल

विवरण31 मार्च 202531 मार्च 202431 मार्च 2023
एसेट्स₹2,984.84 करोड़₹2,257.74 करोड़₹2,093.48 करोड़
रेवेन्यू₹1,535.19 करोड़₹1,365.71 करोड़₹1,099.81 करोड़
PAT₹343.12 करोड़₹275.45 करोड़₹234.81 करोड़
EBITDA₹492.94 करोड़₹381.13 करोड़₹328.60 करोड़
नेट वर्थ₹2,005.34 करोड़₹1,684.10 करोड़₹1,428.86 करोड़
रिजर्व एंड सरप्लस₹232.31 करोड़₹216.32 करोड़₹199.08 करोड़
(डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें।)
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टाइमिंग पर भारी पड़ती है निरंतरता
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लेखकों के बारे में

Shubham Singh Thakur
Shubham Singh Thakur Shubham Singh Thakur is a business journalist with a focus on stock market and personal finance. An alumnus of the Indian Institute of Mass Communication (IIMC), he is passionate about making financial topics accessible and relevant for everyday readers.