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मार्केट न्यूज़

IT Stocks: 4 दिन में करीब 5% टूटा निफ्टी आईटी इंडेक्स, अमेरिका की H-1B वीजा प्रोसेस में बदलाव की तैयारी

Shubham Singh Thakur

3 min read | अपडेटेड September 24, 2025, 14:09 IST

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सारांश

आज के कारोबार में IT शेयरों में से Coforge में सबसे अधिक 2 फीसदी से ज्यादा की गिरावट है। Wipro के शेयर भी करीब 2 फीसदी तक टूट गए हैं। Persistent Systems, Tech Mahindra और Mphasis के शेयरों में 1% से ज्यादा की कमजोरी है।

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पिछले 4 कारोबारी दिनों में IT इंडेक्स में करीब 4.75 फीसदी की गिरावट आ चुकी है।

IT Stocks: आईटी शेयरों में आज 24 सितंबर को भी बिकवाली का दबाव दिख रहा है। आज के कारोबार में इंडेक्स में शामिल 10 में से 9 शेयर लाल निशान पर ट्रेड कर रहे थे। इसके चलते निफ्टी IT इंडेक्स 0.72 फीसदी लुढ़ककर 34987.40 के स्तर पर आ गया। पिछले 4 कारोबारी दिनों में IT इंडेक्स में करीब 4.75 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। आज सबसे ज्यादा बिकवाली Coforge, Wipro और Persistent Systems जैसे शेयरों में नजर आ रही है। इसका कारण अमेरिका की H-1B वीजा प्रक्रिया में बदलाव का प्रस्ताव है।
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Coforge समेत इन शेयरों में बिकवाली

आज के कारोबार में IT शेयरों में से Coforge में सबसे अधिक 2 फीसदी से ज्यादा की गिरावट है। Wipro के शेयर भी करीब 2 फीसदी तक टूट गए हैं। Persistent Systems, Tech Mahindra और Mphasis के शेयरों में 1% से ज्यादा की कमजोरी है। इसके अलावा, LTIMindtree, OFSS, Infosys और TCS के शेयर भी लाल निशान पर ट्रेड कर रहे थे। इंडेक्स में सिर्फ HCL Technologies के शेयरों में बढ़त नजर आ रही है।

अमेरिकी सरकार के इस कदम से IT शेयरों में कमजोरी

अमेरिका की सरकार ने H-1B वीजा के लिए वर्तमान लॉटरी सिस्टम को हटाकर वेतन आधारित चयन प्रक्रिया लागू करने का प्रस्ताव रखा है। इस नए सिस्टम के अनुसार अधिक स्किल्ड और हाई-पेड कर्मचारियों को प्राथमिकता मिलेगी। रॉयटर्स के मुताबिक अगर वीजा की मांग 85000 वार्षिक लिमिट से अधिक हुई, तो उच्च वेतन देने वाले एम्प्लॉयर्स के आवेदन को अधिक महत्व मिलेगा। इसका मकसद अमेरिका में विदेशी कर्मचारियों के कारण होने वाली असमान वेतन प्रतिस्पर्धा को कम करना है।

H-1B वीजा शुल्क में बढ़ोतरी

ट्रंप प्रशासन ने हाल ही में घोषणा की कि नए H-1B वीजा आवेदन के लिए $100,000 शुल्क लागू किया जाएगा। यह पहले के $215-$5000 की तुलना में काफी अधिक है। इससे पहले IT शेयरों में थोड़ी उछाल देखने को मिली थी, लेकिन अब यह खबर गिरावट का कारण बनी। भारत पिछले साल H-1B वीजा का सबसे बड़ा लाभार्थी था, लगभग 71% वीजा भारतीयों को मिले, जबकि चीन दूसरे स्थान पर 11.7% के साथ था।

एक्सपर्ट्स की राय

एक्सपर्ट्स का मानना है कि नया प्रस्ताव फ्रेशर हायरिंग को प्रभावित कर सकता है, खासकर स्टार्टअप्स और भारतीय IT कंपनियों में। भारतीय IT कंपनियां इसे ऑफशोर हायरिंग, लोकल हायरिंग और नजदीकी देशों में शिफ्टिंग के जरिए कुछ हद तक कम कर सकती हैं। IT कंपनियों ने हाल के सालों में H-1B वीजा पर निर्भरता कम की है।

(डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें।)

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लेखकों के बारे में

Shubham Singh Thakur
Shubham Singh Thakur is a business journalist with a focus on stock market and personal finance. An alumnus of the Indian Institute of Mass Communication (IIMC), he is passionate about making financial topics accessible and relevant for everyday readers.

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