मार्केट न्यूज़
3 min read | अपडेटेड September 26, 2025, 12:15 IST
सारांश
JSW Steel: सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में Creditors की ₹6100 करोड़ अतिरिक्त मांग खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC) का उद्देश्य कंपनी को सुधारना था, और JSW को इसके लिए दंडित नहीं किया जा सकता।
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JSW Steel: CJI बीआर गवई की बेंच ने JSW Steel के ₹19700 करोड़ के रिजॉल्यूशन प्लान को मंजूरी दी।
JSW Steel को आज 26 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली। अदालत ने Bhushan Power and Steel (BPSL) के अधिग्रहण से जुड़ा अपना पुराना आदेश पलट दिया है। इसको बाद अब JSW Steel को BPSL के ₹20000 करोड़ में अधिग्रहण को मंजूरी मिल गई। सुप्रीम कोर्ट ने पहले के उस आदेश को पलट दिया, जिसमें दिवालिया हुई BPSL को लिक्विडेट करने के निर्देश दिए गए थे। हालांकि, इस खबर के बावजूद JSW Steel के शेयरों में कमजोरी नजर आ रही है। यह स्टॉक BSE पर करीब 1 फीसदी टूटकर 1137.90 रुपये के भाव पर ट्रेड कर रहा है।
CJI बीआर गवई की बेंच ने JSW Steel के ₹19700 करोड़ के रिजॉल्यूशन प्लान को मंजूरी दी। कोर्ट ने कहा कि JSW ने IBC (Insolvency & Bankruptcy Code) के तहत सफल रिजॉल्यूशन अप्लिकेंट बनने की सभी शर्तें पूरी की हैं। CJI का कहना, "अगर हम NCLT और NCLAT के लगातार फैसलों को पलट देंगे, तो इसका गंभीर परिणाम होगा। इससे आपदा जैसी स्थिति पैदा हो सकती है।"
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट की दो न्यायाधीशों वाली बेंच ने JSW के प्लान को रोक दिया था और कंपनी को लिक्विडेट करने का आदेश दिया था। अब CJI की बेंच ने वह आदेश पलटकर JSW के पक्ष में फैसला दिया। इस फैसले के बाद JSW Steel अब ₹20000 करोड़ में Bhushan Power & Steel का अधिग्रहण कर सकता है। यह डील JSW को पूर्वी भारत में अपनी पकड़ मजबूत करने और उत्पादन क्षमता बढ़ाने में मदद करेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में Creditors की ₹6100 करोड़ अतिरिक्त मांग खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC) का उद्देश्य कंपनी को सुधारना था, और JSW को इसके लिए दंडित नहीं किया जा सकता।
कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर पुराने मालिकों के दावे मान लिए जाते, तो नतीजे गंभीर होते। JSW ने Bhushan Power and Steel में भारी निवेश कर उसे लाभकारी बनाया और हजारों लोगों को रोजगार दिया। कोर्ट ने कहा कि JSW के वित्तीय प्लान का सम्मान होना चाहिए।
मार्केट को पहले से ही उम्मीद थी कि JSW Steel को Bhushan Power & Steel का अधिग्रहण करने की अनुमति मिलेगी। NCLT और NCLAT दोनों ने पहले ही JSW के प्लान को मंजूरी दी थी। इसलिए सुप्रीम कोर्ट का फैसला केवल इन फैसलों को पुष्टि करने जैसा था। इसके अलावा, शेयर पहले ही मई से 15% ऊपर थे। जब मई में विवाद शुरू हुआ था, तब शेयर ₹1000 से नीचे थे, और तब से शेयर पहले ही काफी बढ़ चुके थे।
Bhushan Power & Steel पहले कर्ज और वित्तीय परेशानियों के कारण घाटे में चला गया था और इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC) के तहत इसका समाधान किया गया। 2021 में JSW Steel ने इसमें 49% हिस्सेदारी खरीदी और अक्टूबर तक इसे 83% तक बढ़ा लिया, कंपनी को लाभकारी बनाया और हजारों लोगों के लिए रोजगार दिया।
पुराने मालिकों और Creditors ने JSW से अतिरिक्त ₹6100 करोड़ की मांग की और कहा कि संपत्ति वापस लेनी पड़ सकती है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने यह मांग खारिज कर दी और कहा कि IBC का उद्देश्य कंपनी को सुधारना था, देरी JSW की वजह से नहीं हुई, और JSW को दंडित नहीं किया जा सकता।
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