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JBM Auto share: इलेक्ट्रिक बस बनाने वाली कंपनी का शेयर बना रॉकेट, इस खबर के बाद करीब 11% उछला

Shubham Singh Thakur

3 min read | अपडेटेड September 12, 2025, 12:34 IST

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सारांश

JBM Auto फंडिंग का इस्तेमाल महाराष्ट्र, असम और गुजरात में इलेक्ट्रिक बसों की तैनाती के लिए इस्तेमाल करने वाली है। वर्ल्ड बैंक ग्रुप की एंटिटी IFC ने पहली बार एशिया में ई-बस सेक्टर में इतनी बड़ी राशि लगाई है। यह IFC का अब तक का सबसे बड़ा ई-मोबिलिटी निवेश भी है।

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JBM Auto

JBM Auto का मार्केट कैप बढ़कर 16337 करोड़ रुपये हो गया है।

JBM Auto share: इलेक्ट्रिक बस बनाने वाली कंपनी JBM Auto के शेयरों में आज 12 सितंबर को जबरदस्त रैली है। इस समय यह स्टॉक BSE पर 10.66 फीसदी की बढ़त के साथ 692.15 रुपये के भाव पर ट्रेड कर रहा है। दरअसल, कंपनी को इंटरनेशनल फाइनेंशियल कॉर्पोरेशन (IFC) से 10 करोड़ डॉलर की लॉन्ग टर्म की फंडिंग मिली है। आज की तेजी के साथ कंपनी का मार्केट कैप बढ़कर 16337 करोड़ रुपये हो गया है। स्टॉक का 52-वीक हाई 1,045 रुपये और 52-वीक लो 489.30 रुपये है।

JBM Auto कहां इस्तेमाल करेगी फंड?

JBM Auto फंडिंग का इस्तेमाल महाराष्ट्र, असम और गुजरात में इलेक्ट्रिक बसों की तैनाती के लिए इस्तेमाल करने वाली है। वर्ल्ड बैंक ग्रुप की एंटिटी IFC ने पहली बार एशिया में ई-बस सेक्टर में इतनी बड़ी राशि लगाई है। यह IFC का अब तक का सबसे बड़ा ई-मोबिलिटी निवेश भी है।

JBM Auto ने कहा कि यह निवेश इलेक्ट्रिक बसों की तैनाती की रफ्तार बढ़ाएगा और कंपनी को सस्टेनेबल (पर्यावरण के अनुकूल) पब्लिक ट्रांसपोर्ट के क्षेत्र में और मजबूत बनाएगा। फिलहाल JBM Auto भारत के कई शहरों के साथ-साथ यूरोप, मिडल ईस्ट और एशिया-प्रशांत (APAC) क्षेत्र में भी ई-बसें चला रही है।

JBM Auto के पास 12900 करोड़ रुपये का ऑर्डर बुक

अगस्त 2025 तक जेबीएम ऑटो के पास 12900 करोड़ रुपये का ऑर्डर बुक है, जिसमें पीएम ई-बस सेवा के तहत 2411 बसें शामिल हैं। पीएम ई-बस सेवा और पीएम ई-ड्राइव जैसी केंद्र सरकार की योजनाओं का लक्ष्य 2030 तक पूरे भारत में 52000 से ज्यादा ई-बसें चलाना है, जिसमें भारत शहरी मेगाबस मिशन के तहत 1 लाख ई-बसों का लॉन्ग टर्म प्लान भी शामिल है।

पब्लिक ट्रांसपोर्ट में बसों की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा

भारत में पब्लिक ट्रांसपोर्ट में बसों की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा है। अभी करीब 20 लाख बसें चल रही हैं, जो कुल यात्राओं का लगभग 70-75% हिस्सा हैं। JBM Auto का कहना है कि यह इलेक्ट्रिक बसों (E-Bus) के लिए बहुत बड़ी संभावना है। भारत का ई-बस मार्केट तेजी से बढ़ रहा है और ऐसे प्रोजेक्ट्स के लिए फंडिंग बेहद जरूरी होगी ताकि FY30 तक सरकार का 40% EV लक्ष्य पूरा हो सके।

इंडस्ट्री के अनुमान के मुताबिक भारत का ऑटो कंपोनेंट मार्केट 2030 तक 200 अरब डॉलर (₹16.7 लाख करोड़ से ज्यादा) तक पहुंच सकता है। 2024 से यह हर साल करीब 16% की रफ्तार (CAGR) से बढ़ेगा। इस ग्रोथ में एक्सपोर्ट अहम भूमिका निभाएंगे। माना जा रहा है कि भारत से ऑटो कंपोनेंट का निर्यात हर साल करीब 30% की दर से बढ़कर 2030 तक 100 अरब डॉलर (₹8.3 लाख करोड़) तक पहुंच सकता है। यह आंकड़ा भारत में घरेलू कंपनियों (OEM) की खपत से भी ज्यादा हो सकता है, जो उसी समय तक करीब 89 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।

(डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें।)
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लेखकों के बारे में

Shubham Singh Thakur
Shubham Singh Thakur is a business journalist with a focus on stock market and personal finance. An alumnus of the Indian Institute of Mass Communication (IIMC), he is passionate about making financial topics accessible and relevant for everyday readers.