return to news
  1. Defence Stocks के लिए कैसा रहा 2025? 2020 के बाद पहली बार इतना खराब रहा परफॉर्मेंस, कुछ शेयर में निगेटिव मिला रिटर्न

मार्केट न्यूज़

Defence Stocks के लिए कैसा रहा 2025? 2020 के बाद पहली बार इतना खराब रहा परफॉर्मेंस, कुछ शेयर में निगेटिव मिला रिटर्न

विकास तिवारी

4 min read | अपडेटेड December 25, 2025, 13:44 IST

Twitter Page
Linkedin Page
Whatsapp Page

सारांश

साल 2025 भारतीय डिफेंस शेयरों के लिए उम्मीद से कमतर रहा है। पिछले चार सालों तक लगातार जबरदस्त मुनाफा देने के बाद इस साल निफ्टी इंडिया डिफेंस इंडेक्स की चाल धीमी पड़ गई है। जहां कुछ कंपनियों ने अच्छा प्रदर्शन किया, वहीं कई बड़े शेयरों में निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।

शेयर सूची

defence-stocks-performance-2025-nifty

डिफेंस सेक्टर में 2020 के बाद पहली बार इतनी बड़ी सुस्ती देखी गई है।

भारतीय शेयर बाजार में पिछले चार सालों से आग उगलने वाले डिफेंस स्टॉक्स के लिए साल 2025 मिला-जुला रहा है। या आप यूं कह लें काफी हद तक निराशाजनक रहा है। साल 2020 के बाद यह पहला मौका है जब इस सेक्टर के प्रदर्शन में इतनी बड़ी सुस्ती देखी गई है। पिछले चार वर्षों में निवेशकों को मालामाल करने के बाद इस साल निफ्टी इंडिया डिफेंस इंडेक्स की गति काफी धीमी पड़ गई है।

Open FREE Demat Account within minutes!
Join now

हालांकि इस इंडेक्स ने इस साल अब तक लगभग 19 प्रतिशत की बढ़त बनाई है, लेकिन अगर इसकी तुलना पिछले वर्षों से की जाए तो यह काफी कम नजर आती है। आपको बता दें कि साल 2023 में इस इंडेक्स ने 88.2 प्रतिशत और 2024 में करीब 55 प्रतिशत की शानदार छलांग लगाई थी। इस सुस्ती के बावजूद लंबी अवधि के नजरिए से देखें तो पिछले छह सालों में डिफेंस सेक्टर ने भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती को बखूबी पेश किया है।

डिफेंस सेक्टर की ऐसे बदल रही तस्वीर

भारत के रक्षा उत्पादन में पिछले ग्यारह वर्षों में एक क्रांतिकारी बदलाव आया है। साल 2024-25 के दौरान देश ने अब तक का सबसे अधिक रक्षा उत्पादन दर्ज किया है, जो 1.27 लाख करोड़ रुपये के लेवल को छू गया है। यह आंकड़ा साल 2014-15 के मुकाबले 174 प्रतिशत ज्यादा है। रक्षा मंत्रालय ने इस दौरान 2.09 लाख करोड़ रुपये से अधिक के 193 कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर किए हैं, जो किसी एक साल में अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। इनमें से ज्यादातर कॉन्ट्रैक्ट्स घरेलू उद्योगों को दिए गए हैं, जो सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान को और मजबूत बनाते हैं। साल 2025 की पहली छमाही में भी करीब 45 बड़े रक्षा ऑर्डरों की घोषणा की गई है, जो सेना के आधुनिकीकरण और स्वदेशीकरण की दिशा में बड़े कदम माने जा रहे हैं।

फिर इस साल किन शेयरों में दिखी तेजी?

अगर हम साल 2025 में अच्छा प्रदर्शन करने वाले शेयरों की बात करें तो जीआरएसई (GRSE) ने निवेशकों को सबसे ज्यादा खुश किया है और इस साल अब तक करीब 48.9 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। इसके साथ ही एमटार टेक्नोलॉजीज और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स ने भी 30 से 46 प्रतिशत तक की बढ़त दिखाकर अपनी मजबूती साबित की है। इसके विपरीत कुछ ऐसे शेयर भी रहे जिन्होंने निवेशकों का पैसा डुबोया है। जेन टेक्नोलॉजीज के शेयरों में इस साल लगभग 44 प्रतिशत की बड़ी गिरावट देखी गई है। वहीं साइएंट डीएलएम और यूनिमेक एयरोस्पेस जैसे शेयरों ने भी निवेशकों को काफी निराश किया है। यह आंकड़े साफ बताते हैं कि अब निवेशक केवल सेक्टर के नाम पर नहीं, बल्कि कंपनियों के कामकाज और उनके मुनाफे को देखकर पैसा लगा रहे हैं।

इन वजहों से फोकस में रहे डिफेंस के शेयर

साल 2025 में रक्षा क्षेत्र से जुड़ी कुछ बड़ी घटनाओं ने भी बाजार की हलचल बढ़ाई है। अप्रैल 2025 में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसके तहत पाकिस्तान और पाक अधिकृत जम्मू कश्मीर में नौ आतंकी कैंपों पर सटीक हमले किए गए। इस सैन्य कार्रवाई के बाद डिफेंस शेयरों में कुछ समय के लिए बड़ी तेजी देखी गई थी। इसके अलावा रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा के दौरान भी रक्षा उपकरणों के कलपुर्जों के संयुक्त निर्माण पर सहमति बनी है। वहीं अमेरिका के साथ भी भारत ने 10 साल के डिफेंस फ्रेमवर्क समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिससे तकनीक और खुफिया जानकारी साझा करने में मदद मिलेगी। इन अंतरराष्ट्रीय समझौतों ने लंबी अवधि के लिए इस सेक्टर की बुनियाद को मजबूत किया है।

निर्यात के मोर्चे पर भी इंडिया ने किया कमाल

भारत का रक्षा निर्यात भी इस साल एक नई ऊंचाई पर पहुंच गया है। पिछले 11 सालों में रक्षा निर्यात 34 गुना बढ़कर 23,620 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। सरकार ने अब साल 2029 तक इस निर्यात को 50,000 करोड़ रुपये तक ले जाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। केंद्रीय बजट 2025-26 में भी रक्षा मंत्रालय को 6.81 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड बजट आवंटित किया गया है, जो पिछले साल के मुकाबले लगभग साढ़े नौ प्रतिशत ज्यादा है। बता दें कि सरकार 2025-26 को सुधारों के वर्ष के रूप में मना रही है, जिसका उद्देश्य सेना का आधुनिकीकरण करना और खरीद प्रक्रिया को सरल बनाना है।

(डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें।)
SIP
टाइमिंग पर भारी पड़ती है निरंतरता
promotion image

लेखकों के बारे में

विकास तिवारी
Vikash Tiwary is a finance journalist with 6+ years of newsroom experience. He is currently growing Upstox Hindi, crafting data-driven stories on stocks, personal finance, mutual funds, and global markets, while exploring how AI can simplify finance. His work spans Zee Business, TV9 Bharatvarsh, ABP News, India TV, and Inshorts. He also holds NISM certification.

अगला लेख