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52-week low stocks: 2025 में TCS, ITC समेत इन लार्ज कैप स्टॉक्स ने किया निराश, क्या निवेशकों के लिए गोल्डन चांस?

Shubham Singh Thakur

4 min read | अपडेटेड September 13, 2025, 10:40 IST

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सारांश

यहां हम कुछ ऐसे लार्ज कैप स्टॉक्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जो अपने 52-वीक लो के आसपास ट्रेड कर रहे हैं। इनमें टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS), ITC, Sun Pharmaceutical, REC, United Spirits और Bajaj Housing Finance शामिल हैं। यहां हमने इन स्टॉक्स से जुड़ी पूरी जानकारी दी है।

शेयर सूची

TCS
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52-Week Low Stocks

52-Week Low Stocks: टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) आईटी सेक्टर की सबसे बड़ी कंपनी है।

Stock Market: भारतीय शेयर बाजार का प्रदर्शन साल 2025 में अब तक मिला-जुला रहा है। इस दौरान मार्केट ने "रेंज-बाउंड" यानी सीमित दायरे में कारोबार किया है। इस दौरान Sensex में महज 4.35 फीसदी की तेजी रही। वहीं, Nifty 50 इंडेक्स भी 5.80 फीसदी ही चढ़ पाया। FII की लगातार बिकवाली और जियो-पॉलिटिकल टेंशन ने मार्केट पर सबसे ज्यादा असर डाला। इस दौरान कई बड़े शेयरों में भारी गिरावट भी देखी गई और वे अपने 52-वीक लो पर आ गए।

यहां हम कुछ ऐसे लार्ज कैप स्टॉक्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जो अपने 52-वीक लो के आसपास ट्रेड कर रहे हैं। इन शेयरों में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS), ITC, Sun Pharmaceutical, REC, United Spirits और Bajaj Housing Finance शामिल हैं। यहां हमने इन स्टॉक्स से जुड़ी पूरी जानकारी दी है।

TCS

टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) आईटी सेक्टर की सबसे बड़ी कंपनी है। शुक्रवार को यह स्टॉक 0.32 फीसदी की बढ़त के साथ 3134.05 रुपये के भाव पर बंद हुआ है। यह शेयर अपने 52-वीक लो 2992.05 रुपये के करीब है। आईटी सेक्टर में कमजोरी के बीच इस शेयर पर दबाव बना हुआ है। ग्लोबल क्लाइंट्स खर्च कम कर रहे हैं और प्रोजेक्ट डिले हो रहे हैं। इसके अलावा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ऑटोमेशन के चलते पारंपरिक आईटी सर्विस मॉडल पर सवाल उठ रहे हैं, जिससे भविष्य की आमदनी का अनुमान घटा है। कुछ समय पहले कंपनी ने वर्कफोर्स कटौती और लागत नियंत्रण की बात भी की, जिससे निवेशकों का भरोसा घटा।

ITC

FMCG सेक्टर की दिग्गज कंपनी आईटीसी के शेयरों में शुक्रवार को दबाव दिखा और यह 0.34 फीसदी टूटकर 413.60 रुपये पर बंद हुआ। इसका 52-वीक लो 391.50 रुपये और 52-वीक हाई 500.01 रुपये है। निवेशक ITC की धीमी ग्रोथ और सेक्टर से जुड़ी चुनौतियों को लेकर सतर्क हो गए हैं। जून तिमाही में इसका नेट प्रॉफिट सालाना 3 फीसदी बढ़कर ₹5244.2 करोड़ हो गया। वहीं, इसका रेवेन्यू 19.5% बढ़कर ₹23129.35 करोड़ पर पहुंच गया।

Sun Pharma

Sun Pharma के शेयर शुक्रवार को 0.41% की बढ़त के साथ 1616.25 रुपये के भाव पर पहुंच गए। यह 52-वीक लो 1555 रुपये के करीब है, जबकि इसका 52-वीक हाई 1960.20 रुपये है। इस कंपनी पर दबाव की बड़ी वजह ताजा तिमाही में प्रॉफिट का गिरना रहा है, जबकि रेवेन्यू बढ़ा था। बढ़ते खर्च और मार्जिन पर दबाव ने भी स्टॉक को 52-वीक लो तक पहुंचाया।

REC

REC के शेयरों में शुक्रवार को 0.35 फीसदी की गिरावट रही और यह 373.40 रुपये के भाव पर बंद हुआ है। इसका 52-वीक लो 348.65 रुपये, जबकि 52-वीक हाई 576.95 रुपये है। REC जैसे पावर सेक्टर के फाइनेंसिंग स्टॉक्स पर ब्याज दरों के ऊंचे स्तर का दबाव है। उधारी की लागत बढ़ने से NBFCs के मार्जिन पर असर पड़ रहा है। हालांकि, FY26 की पहली तिमाही में कंपनी का नेट प्रॉफिट सालाना आधार पर 29 फीसदी बढ़ा था। इसकी कुल आय भी 13 फीसदी बढ़ी है।

United Spirits

United Spirits का शेयर शुक्रवार को 0.76 फीसदी टूटकर 1309.40 रुपये के भाव पर आ गया। इसका 52-वीक लो 1270.50 रुपये और 52-वीक हाई 1700 रुपये है। जून तिमाही में कंपनी का प्रॉफिट 14 फीसदी घटकर 417 करोड़ रुपये पर आ गया। वहीं, इसके रेवेन्यू में मामूली बढ़ोतरी दर्ज की गई। यह भारत की दिग्गज शराब कंपनी है जो कई तरह के शराब और संबंधित प्रोडक्ट्स बनाती और बेचती है।

Bajaj Housing Finance

Bajaj Housing Finance का शेयर शुक्रवार को 0.09 फीसदी की मामूली बढ़त के साथ 112.05 रुपये पर बंद हुआ है। इस कंपनी की लिस्टिंग को करीब एक साल हो गए हैं। इसके शेयर इश्यू प्राइस 66-70 रुपये के मुकाबले 114 फीसदी प्रीमियम के साथ 150 रुपये के भाव पर लिस्ट हुए थे। हालांकि, इसके बाद इसमें लगातार बिकवाली हो रही है और यह करीब 33 फीसदी टूट गया है।

जून तिमाही में इसका नेट प्रॉफिट सालाना 21 फीसदी बढ़कर ₹583 करोड़ हो गया। इसका एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) भी 24 फीसदी बढ़कर 1.2 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया।

क्या निवेश का है मौका?

मार्केट में अक्सर “बाय ऑन डिप्स” रणनीति का जिक्र होता है। इसका मतलब है कि जब किसी मजबूत या बड़ी कंपनी का शेयर काफी गिरावट के बाद 52-वीक लो पर पहुंचता है, तो कुछ निवेशक इसे एंट्री का अवसर मानते हैं। हालांकि, जरूरी नहीं कि हर स्टॉक में यह स्ट्रेटेजी काम आए। कई बार शेयरों में लंबी अवधि की गिरावट भी देखने को मिलती है। ऐसे में किसी भी निर्णय से पहले कंपनी के फंडामेंटल्स, सेक्टर ट्रेंड्स और बाजार की स्थिति को समझना जरूरी होता है।

(डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें।)
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लेखकों के बारे में

Shubham Singh Thakur
Shubham Singh Thakur is a business journalist with a focus on stock market and personal finance. An alumnus of the Indian Institute of Mass Communication (IIMC), he is passionate about making financial topics accessible and relevant for everyday readers.