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Year Ender 2025: रेयर अर्थ की रेस में भारत की ऊंची उड़ान, 2025 में चीन के दबदबे को दी कड़ी चुनौती

विकास तिवारी

4 min read | अपडेटेड December 22, 2025, 13:24 IST

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सारांश

Year Ender 2025: साल 2025 भारत के रेयर अर्थ सेक्टर के लिए टर्निंग पॉइंट साबित हुआ है। इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी की रिपोर्ट बताती है कि भारत ने इस साल अपनी खनन क्षमता को दोगुना करते हुए वैश्विक सप्लाई चेन में मजबूत जगह बनाई। सरकार की नई नीतियों ने भारत को इस रणनीतिक क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से बढ़ाया है।

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रेयर अर्थ के सेक्टर का नया किंग बनेगा भारत?

Year Ender 2025: रेयर अर्थ सेक्टर के लिए यह साल एक ऐतिहासिक बदलाव का गवाह बना है। साल 2025 खत्म होते-होते भारत ने दुनिया को दिखा दिया है कि वह रेयर अर्थ एलिमेंट्स के मामले में किसी पर निर्भर नहीं रहने वाला है। हाल ही में आई इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी (IEA) की 'ग्लोबल क्रिटिकल मिनरल्स आउटलुक 2025' रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल पूरी दुनिया में रेयर अर्थ खनिजों की मांग में 25 प्रतिशत का उछाल आया, जिसका सबसे ज्यादा फायदा भारत ने उठाया।
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साल की शुरुआत में जहां भारत अपनी जरूरतों के लिए बड़े पैमाने पर आयात करता था, वहीं साल के अंत तक भारत एक बड़े प्रोसेसर के रूप में उभरकर सामने आया है। चिप मेकिंग से लेकर रक्षा उपकरणों तक में इस्तेमाल होने वाले इन कीमती खनिजों के मामले में भारत ने इस साल करीब 15 प्रतिशत की सालाना ग्रोथ दर हासिल की है, जो पिछले कई दशकों में सबसे बड़ी उपलब्धि है। रिसर्च फर्म Grand View Research की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, साल 2024 में वैश्विक रेयर अर्थ मार्केट का आकार करीब 3.95 बिलियन डॉलर था, जिसके साल 2025 से 2030 के बीच 8.6 प्रतिशत की वार्षिक दर (CAGR) से बढ़ने की उम्मीद है। रिपोर्ट बताती है कि साल 2030 तक यह मार्केट 6.28 बिलियन डॉलर के आंकड़े को छू लेगा।

सरकार की नीतियां और खनन में नई जान

इस साल की सबसे बड़ी कामयाबी भारत सरकार के खान मंत्रालय द्वारा पेश की गई नई प्रोत्साहन योजना रही। सरकार ने न केवल निजी कंपनियों के लिए दरवाजे खोले, बल्कि गहरे समुद्र और तटीय इलाकों में खनन के लिए आधुनिक तकनीक को बढ़ावा दिया। 'मिशन क्रिटिकल मिनरल्स' के तहत साल 2025 में देश के कई हिस्सों में नए भंडार खोजे गए। बता दें कि सरकार ने जब इस मिशन को शुरू किया था, तब केंद्र के तरफ से 34,300 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया था। यही वजह है कि सरकार ने स्वदेशी रिफाइनिंग यूनिट्स लगाने के लिए भारी सब्सिडी दी, जिससे कच्चा माल देश के बाहर भेजने की मजबूरी खत्म हुई। पिछले सालों की तुलना में इस साल सरकारी निवेश में 40 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई, जिसने इस सेक्टर की पूरी सूरत बदल दी।

रेयर अर्थ मैन्युफैक्चरिंग प्रोग्राम के लिए करोड़ों की मंजूरी

नवंबर महीने में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 7280 करोड़ रुपए के विशाल 'रेयर अर्थ मैन्युफैक्चरिंग प्रोग्राम' को मंजूरी दे दी। सूचना प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार, यह स्कीम खास तौर पर 'सिंटर्ड रेयर अर्थ परमानेंट मैग्नेट' (REPM) के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए लाई गई है। सरकार का लक्ष्य भारत में सालाना 6000 मीट्रिक टन मैग्नेट उत्पादन का आधार तैयार करना है। ये मैग्नेट दुनिया के सबसे मजबूत मैग्नेट माने जाते हैं, जो इलेक्ट्रिक वाहन, रिन्यूएबल एनर्जी, इलेक्ट्रॉनिक्स और एयरोस्पेस जैसे उद्योगों की रीढ़ हैं। इस कदम ने भारत को दुनिया के उन चुनिंदा देशों की कतार में खड़ा कर दिया है जो फ्यूचर टेक पर सीधा नियंत्रण रखते हैं।

चीन के दबदबे के बीच भारत की नई पहचान

दुनिया भर में रेयर अर्थ सेक्टर पर चीन का वर्चस्व हमेशा से एक बड़ी चुनौती रहा है, लेकिन 2025 वह साल बना जब भारत ने इस चक्रव्यूह को तोड़ा। भारत ने ऑस्ट्रेलिया और जापान के साथ मिलकर एक मजबूत सप्लाई चेन तैयार की, जिससे विदेशी निर्भरता कम हुई। IEA की रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने इस साल मैग्नेट मेकिंग और हाई-टेक गैजेट्स में इस्तेमाल होने वाले नियोडिमियम और प्रेजोडायमियम जैसे तत्वों के उत्पादन में उल्लेखनीय प्रगति की है। यह न केवल आर्थिक रूप से भारत के लिए एक बड़ी जीत मानी जा रही है क्योंकि अब भारत अपनी रक्षा जरूरतों के लिए खुद ही कच्चे माल का इंतजाम कर रहा है।

इतनी बड़ी सफलताओं के बावजूद साल 2025 ने भारत के सामने कुछ कड़वी हकीकतें भी पेश कीं। इस साल कई बड़े प्रोजेक्ट्स को स्थानीय विरोध और पर्यावरण संबंधी चिंताओं के कारण देरी का सामना करना पड़ा। रेयर अर्थ खनिजों को अलग करने की प्रक्रिया में निकलने वाले रेडियोधर्मी कचरे का मैनेजमेंट आज भी एक बड़ा सिरदर्द बना हुआ है।

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लेखकों के बारे में

विकास तिवारी
Vikash Tiwary is a finance journalist with 6+ years of newsroom experience. He is currently growing Upstox Hindi, crafting data-driven stories on stocks, personal finance, mutual funds, and global markets, while exploring how AI can simplify finance. His work spans Zee Business, TV9 Bharatvarsh, ABP News, India TV, and Inshorts. He also holds NISM certification.

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