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  1. क्या Electricity Amendment Bill 2025 से पावर डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर को होगा नुकसान? हर सवाल के जवाब यहां

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क्या Electricity Amendment Bill 2025 से पावर डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर को होगा नुकसान? हर सवाल के जवाब यहां

Upstox

2 min read | अपडेटेड October 31, 2025, 12:42 IST

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सारांश

सरकार की तरफ से इस Electricity Amendment Bill 2025 के बारे में 'अक्सर पूछे जाने वाले सवालों' (FAQs) पर एक डॉक्यूमेंट जारी किया गया है। इसके मुताबिक, प्रस्तावित संशोधन संघीय ढांचे को बनाए रखता है, सहकारी शासन को प्रोत्साहित करता है और बिजली क्षेत्र से जुड़ी चुनौतियों के समाधान के लिए एक मजबूत संस्थागत ढांचा तैयार करता है।

इलेक्ट्रिसिटी एमेंडमेंट बिल 2025

बिजली (संशोधन) विधेयक, 2025 से जुड़े सवाल

केंद्र सरकार ने गुरुवार को ‘बिजली (संशोधन) विधेयक, 2025’ (Electricity (Amendment) Bill, 2025) पर जारी एक विस्तृत दस्तावेज में कहा कि यह विधेयक देश के पावर डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर को वित्तीय अनुशासन, स्वस्थ प्रतिस्पर्धा और परिचालन दक्षता के जरिए मजबूत करेगा। सरकार की तरफ से इस विधेयक के बारे में 'अक्सर पूछे जाने वाले सवालों' (FAQs) पर एक डॉक्यूमेंट जारी किया गया है। इसके मुताबिक, प्रस्तावित संशोधन संघीय ढांचे को बनाए रखता है, सहकारी शासन को प्रोत्साहित करता है और बिजली क्षेत्र से जुड़ी चुनौतियों के समाधान के लिए एक मजबूत संस्थागत ढांचा तैयार करता है।

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यह डॉक्यूमेंट बिल को लेकर हाल ही में उठे विवाद के बीच सामने आया है। अखिल भारतीय बिजली इंजीनियर महासंघ (एआईपीईएफ) ने इस बिल का विरोध करते हुए कहा है कि यह प्रस्ताव सरकारी बिजली वितरण कंपनियों के मौजूदा नेटवर्क का इस्तेमाल निजी वितरण लाइसेंसधारकों को करने की अनुमति देता है, जिससे निजीकरण को बढ़ावा मिलेगा। एआईपीईएफ के अध्यक्ष शैलेंद्र दुबे ने कहा, ‘विधेयक का स्वरूप निजीकरण की मंशा को आगे बढ़ाता प्रतीत होता है। केंद्र सरकार बिजली (संशोधन) नियमों के जरिये अपने निजीकरण एजेंडे को आगे बढ़ा रही है।’

हालांकि सरकार ने साफ किया है कि यह बिल सरकारी और निजी वितरण कंपनियों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित करेगा, जो राज्य विद्युत नियामक आयोगों की निगरानी में होगी। सरकार का कहना है कि इससे उपभोक्ताओं को बेहतर सेवा, दक्षता और वास्तविक विकल्प मिलेंगे। एफएक्यू डॉक्यूमेंट्स के मुताबिक, साझा नेटवर्क का इस्तेमाल लाइन और सबस्टेशन के दोहराव को खत्म करेगा। वर्तमान एकाधिकार वितरण व्यवस्था में टेक्निकल और कमर्शियल नुकसान अधिक होते हैं, जो अक्सर अक्षम प्रबंधन और बिजली चोरी के कारण बढ़ती हैं। सरकार का कहना है कि औद्योगिक इकाइयों, रेलवे और मेट्रो के लिए क्रॉस-सब्सिडी खत्म करने से प्रतिस्पर्धा में सुधार होगा और रोजगार सृजन को प्रोत्साहन मिलेगा।

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Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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