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US Tariffs: कैसे बिगड़ते गए भारत-अमेरिका के रिश्ते, टैरिफ से किन सेक्टर्स को कैसे और कितना होगा होगा नुकसान?

Upstox

5 min read | अपडेटेड August 07, 2025, 17:39 IST

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सारांश

US Tariffs: GTRI के फाउंडर अजय श्रीवास्तव ने कहा कि टैरिफ से अमेरिका में भारतीय सामान काफी महंगा हो जाएगा, जिससे अमेरिका को होने वाले निर्यात में 40-50 फीसदी की कमी आने की आशंका है। भारतीय निर्यात संगठनों का महासंघ (FIEO) ने इस घोषणा को बेहद चौकाने वाला बताया।

US Tariff

US Tariff: अमेरिका ने भारत से आने वाले प्रोडक्ट्स पर 25 फीसदी का अतिरिक्त टैरिफ लगाया है।

US Tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के के प्रति अपने व्यापारिक रुख को पिछले कुछ समय में लगातार कड़ा किया है। इस दौरान उन्होंने भारत को न केवल 'टैरिफ किंग' कहा बल्कि अब 50 फीसदी का भारी-भरकर टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया। हालांकि, एक्सपर्ट्स का मानना है कि ये घोषणाएं ट्रेड एग्रीमेंट से पहले अमेरिका के पक्ष में भारत पर दबाव बनाने की रणनीति का हिस्सा है।

भारत पर अमेरिकी टैरिफ और घरेलू निर्यातकों पर इसके प्रभाव के बारे में यहां सवाल-जवाब दिया गया है। इसके साथ ही भारत के खिलाफ अमेरिका ने अब तक क्या-क्या कहा और किस तरह के एक्शन लिए, इसकी पूरी जानकारी यहां दी गई है।

  • अक्टूबर 2019: ट्रंप ने भारत को "टैरिफ किंग" करार दिया।
  • सितंबर 2024: ट्रंप ने भारत को "शुल्क का दुरुपयोग करने वाला" कहा।
  • 2 अप्रैल 2025: अमेरिका ने भारतीय वस्तुओं पर 26 फीसदी आयात शुल्क लगाने की घोषणा की, जो 9 अप्रैल से प्रभावी होने थे।
  • 5 अप्रैल 2025: व्हाइट हाउस के कार्यकारी आदेश ने आयात पर 10 फीसदी का बेसलाइन टैरिफ लगाया। इसके अलावा हर देश के लिए अलग टैरिफ (भारत के मामले में 16 फीसदी) 9 अप्रैल से लागू होने वाली थीं। टैरिफ के दायरे से कुछ क्षेत्रों, जैसे दवाइयां, इलेक्ट्रॉनिक्स और एनर्जी प्रोडक्ट्स को बाहर रखा गया।
  • 9 अप्रैल 2025: अमेरिका ने कई देशों पर टैरिफ लागू करने की समयसीमा को 90 दिन के लिए रोकते हुए 9 जुलाई तक टाल दिया। हालांकि, 10 फीसदी का बेसलाइन टैरिफ बना रहा।
  • 8 जुलाई 2025: निलंबन की अवधि को 1 अगस्त तक बढ़ा दिया गया।
  • 30 जुलाई 2025: अमेरिका ने भारतीय वस्तुओं पर 25 फीसदी टैरिफ और जुर्माने की घोषणा की। रूस से कच्चा तेल और सैन्य उपकरण खरीदने के चलते जुर्माना लगाने की बात कही गई।
  • 31 जुलाई 2025: व्हाइट हाउस ने 7 अगस्त से प्रभावी होने वाले 25 फीसदी टैरिफ के लिए कार्यकारी आदेश जारी किया। जुर्माने का कोई उल्लेख नहीं। 10 फीसदी बेसलाइन टैरिफ और छूट प्राप्त क्षेत्र में कोई बदलाव नहीं।
  • 5 अगस्त 2025: ट्रंप ने कहा कि वह भारत पर टैरिफ को काफी हद तक बढ़ा देंगे।
  • 6 अगस्त 2025: भारत से आने वाले प्रोडक्ट्स पर 25 फीसदी का अतिरिक्त टैरिफ लगाया। इस तरह कुल टैरिफ बढ़कर 50 फीसदी हो गया।

अमेरिका में भारतीय वस्तुओं पर इस समय कितना टैरिफ लगता है

7 अगस्त से अमेरिका में एंट्री करने वाले भारतीय सामान पर 25 फीसदी टैरिफ (10 फीसदी मूल टैरिफ सहित) और साथ ही MFN (सर्वाधिक पसंदीदा राष्ट्र) रेट्स के साथ ही व्यापार उपचार उपायों, यदि कोई हो, का सामना करना पड़ रहा है।

उदाहरण के लिए भारत के झींगा निर्यात में जीरो MFN रेट है। लेकिन इस पर पहले से ही 2.49 फीसदी एंटी-डंपिंग टैरिफ और 5.77 फीसदी काउंटरवेलिंग ड्यूटी लगता है। ये दोनों टैरिफ अमेरिका द्वारा लगाए गए ट्रेड रेमेडी मेजर्स हैं। इसलिए 7 अगस्त से भारतीय झींगा पर 33.26 फीसदी टैरिफ (25 फीसदी, 2.49 फीसदी और 5.77 फीसदी) लागू होगा। इसके बाद 27 अगस्त से घरेलू झींगा पर अमेरिका में 58.26 फीसदी टैरिफ लगेगा।

क्या कोई अन्य टैरिफ हैं?

अमेरिका ने तीन कैटेगरी पर सेक्टर-स्पेसिफिक टैरिफ लगाए हैं - स्टील और एल्युमीनियम (50 फीसदी); तांबा (50 फीसदी), और ऑटो पार्ट्स (25 फीसदी)। ये भी अतिरिक्त ड्यूटी हैं।

कौन से सेक्टर या प्रोडक्ट कैटेगरी को इन टैरिफ से छूट दी गई है?

तैयार दवाइयां, एक्टिव फार्मास्यूटिक इनग्रेडिएंट्स (API) और अन्य प्रमुख दवा सामग्री, एनर्जी प्रोडक्ट्स जैसे कच्चा तेल, रिफाइंड फ्यूल, नेचुरल गैस, कोयला और बिजली, क्रिटिकल मिनरल्स और कंप्यूटर, टैबलेट, स्मार्टफोन, सॉलिड-स्टेट ड्राइव, फ्लैट पैनल डिस्प्ले और इंटीग्रेटेड सर्किट सहित इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर पर 50 फीसदी टैरिफ लागू नहीं होगा।

किन एक्सपोर्ट सेक्टर्स पर टैरिफ का पड़ेगा असर

इन सेक्टर्स में कपड़ा, रत्न और आभूषण, झींगा, चमड़ा और जूते, केमिकल और इलेक्ट्रिसिटी और मैकेनिकल मशीनरी शामिल हैं।

पिछले वित्त वर्ष में इन सेक्टर्स से भारत का निर्यात कितना था?

झींगा (दो अरब डॉलर), ऑर्गेनिक केमिकल (2.7 अरब डॉलर), कारपेट्स (1.2 अरब डॉलर), बुने हुए अपेरल (2.7 अरब डॉलर), मेड-अप (तीन अरब डॉलर), हीरे, सोना और इनसे बने उत्पाद (10 अरब डॉलर), मशीनरी और यांत्रिक उपकरण (7.7 अरब डॉलर), फर्नीचर, बिस्तर, गद्दे (1.1 अरब डॉलर), और वाहन और पुर्जे (2.6 अरब डॉलर)।

निर्यातकों की क्या है राय?

समुद्री खाद्य निर्यातक योगेश गुप्ता ने कहा कि अब अमेरिकी बाजार में भारत का झींगा महंगा हो जाएगा। भारतीय वस्त्र उद्योग परिसंघ (CITI) ने इसे बहुत बड़ा झटका और चिंता की बात बताया। कामा ज्वेलरी के प्रबंध निदेशक कॉलिन शाह ने कहा कि यह कदम एक गंभीर झटका है।

GTRI के फाउंडर अजय श्रीवास्तव ने कहा कि टैरिफ से अमेरिका में भारतीय सामान काफी महंगा हो जाएगा, जिससे अमेरिका को होने वाले निर्यात में 40-50 फीसदी की कमी आने की आशंका है। भारतीय निर्यात संगठनों का महासंघ (FIEO) ने इस घोषणा को बेहद चौकाने वाला बताया।

अन्य देशों पर कितना है अमेरिकी टैरिफ?

नए टैरिफ के बाद भारत पर ब्राजील के साथ सबसे ज्यादा 50 फीसदी टैरिफ लगेगा। इसके अलावा म्यांमा पर 40 प्रतिशत, थाइलैंड और कंबोडिया पर 36 प्रतिशत, बांग्लादेश पर 35 प्रतिशत, इंडोनेशिया पर 32 प्रतिशत, चीन और श्रीलंका पर 30 प्रतिशत, मलेशिया पर 25 प्रतिशत, फिलिपीन और वियतनाम पर 20 प्रतिशत शुल्क लगाया गया है।

(भाषा इनपुट के साथ)

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