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5 min read | अपडेटेड August 07, 2025, 17:39 IST
सारांश
US Tariffs: GTRI के फाउंडर अजय श्रीवास्तव ने कहा कि टैरिफ से अमेरिका में भारतीय सामान काफी महंगा हो जाएगा, जिससे अमेरिका को होने वाले निर्यात में 40-50 फीसदी की कमी आने की आशंका है। भारतीय निर्यात संगठनों का महासंघ (FIEO) ने इस घोषणा को बेहद चौकाने वाला बताया।
US Tariff: अमेरिका ने भारत से आने वाले प्रोडक्ट्स पर 25 फीसदी का अतिरिक्त टैरिफ लगाया है।
भारत पर अमेरिकी टैरिफ और घरेलू निर्यातकों पर इसके प्रभाव के बारे में यहां सवाल-जवाब दिया गया है। इसके साथ ही भारत के खिलाफ अमेरिका ने अब तक क्या-क्या कहा और किस तरह के एक्शन लिए, इसकी पूरी जानकारी यहां दी गई है।
7 अगस्त से अमेरिका में एंट्री करने वाले भारतीय सामान पर 25 फीसदी टैरिफ (10 फीसदी मूल टैरिफ सहित) और साथ ही MFN (सर्वाधिक पसंदीदा राष्ट्र) रेट्स के साथ ही व्यापार उपचार उपायों, यदि कोई हो, का सामना करना पड़ रहा है।
उदाहरण के लिए भारत के झींगा निर्यात में जीरो MFN रेट है। लेकिन इस पर पहले से ही 2.49 फीसदी एंटी-डंपिंग टैरिफ और 5.77 फीसदी काउंटरवेलिंग ड्यूटी लगता है। ये दोनों टैरिफ अमेरिका द्वारा लगाए गए ट्रेड रेमेडी मेजर्स हैं। इसलिए 7 अगस्त से भारतीय झींगा पर 33.26 फीसदी टैरिफ (25 फीसदी, 2.49 फीसदी और 5.77 फीसदी) लागू होगा। इसके बाद 27 अगस्त से घरेलू झींगा पर अमेरिका में 58.26 फीसदी टैरिफ लगेगा।
अमेरिका ने तीन कैटेगरी पर सेक्टर-स्पेसिफिक टैरिफ लगाए हैं - स्टील और एल्युमीनियम (50 फीसदी); तांबा (50 फीसदी), और ऑटो पार्ट्स (25 फीसदी)। ये भी अतिरिक्त ड्यूटी हैं।
तैयार दवाइयां, एक्टिव फार्मास्यूटिक इनग्रेडिएंट्स (API) और अन्य प्रमुख दवा सामग्री, एनर्जी प्रोडक्ट्स जैसे कच्चा तेल, रिफाइंड फ्यूल, नेचुरल गैस, कोयला और बिजली, क्रिटिकल मिनरल्स और कंप्यूटर, टैबलेट, स्मार्टफोन, सॉलिड-स्टेट ड्राइव, फ्लैट पैनल डिस्प्ले और इंटीग्रेटेड सर्किट सहित इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर पर 50 फीसदी टैरिफ लागू नहीं होगा।
इन सेक्टर्स में कपड़ा, रत्न और आभूषण, झींगा, चमड़ा और जूते, केमिकल और इलेक्ट्रिसिटी और मैकेनिकल मशीनरी शामिल हैं।
झींगा (दो अरब डॉलर), ऑर्गेनिक केमिकल (2.7 अरब डॉलर), कारपेट्स (1.2 अरब डॉलर), बुने हुए अपेरल (2.7 अरब डॉलर), मेड-अप (तीन अरब डॉलर), हीरे, सोना और इनसे बने उत्पाद (10 अरब डॉलर), मशीनरी और यांत्रिक उपकरण (7.7 अरब डॉलर), फर्नीचर, बिस्तर, गद्दे (1.1 अरब डॉलर), और वाहन और पुर्जे (2.6 अरब डॉलर)।
समुद्री खाद्य निर्यातक योगेश गुप्ता ने कहा कि अब अमेरिकी बाजार में भारत का झींगा महंगा हो जाएगा। भारतीय वस्त्र उद्योग परिसंघ (CITI) ने इसे बहुत बड़ा झटका और चिंता की बात बताया। कामा ज्वेलरी के प्रबंध निदेशक कॉलिन शाह ने कहा कि यह कदम एक गंभीर झटका है।
GTRI के फाउंडर अजय श्रीवास्तव ने कहा कि टैरिफ से अमेरिका में भारतीय सामान काफी महंगा हो जाएगा, जिससे अमेरिका को होने वाले निर्यात में 40-50 फीसदी की कमी आने की आशंका है। भारतीय निर्यात संगठनों का महासंघ (FIEO) ने इस घोषणा को बेहद चौकाने वाला बताया।
नए टैरिफ के बाद भारत पर ब्राजील के साथ सबसे ज्यादा 50 फीसदी टैरिफ लगेगा। इसके अलावा म्यांमा पर 40 प्रतिशत, थाइलैंड और कंबोडिया पर 36 प्रतिशत, बांग्लादेश पर 35 प्रतिशत, इंडोनेशिया पर 32 प्रतिशत, चीन और श्रीलंका पर 30 प्रतिशत, मलेशिया पर 25 प्रतिशत, फिलिपीन और वियतनाम पर 20 प्रतिशत शुल्क लगाया गया है।
(भाषा इनपुट के साथ)
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