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TCS में छंटनी पर सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की पैनी नजर, NITES ने बताया अमानवीय कदम

Upstox

3 min read | अपडेटेड July 29, 2025, 08:09 IST

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सारांश

सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय इस घटनाक्रम को लेकर चिंतित है और इस फैसले के पीछे की असली वजह को समझने के लिए इसकी पड़ताल करेगा। सरकार का यह रुख इस लिहाज से अहम है कि भारत की सबसे बड़ी आईटी सेवा कंपनी टीसीएस ने इस साल 12,261 कर्मचारियों की छंटनी करने की घोषणा की है।

टीसीएस

टीसीएस छंटनी पर सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की नजर

देश की सबसे बड़ी आईटी सर्विस प्रोवाइडर कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने 12,000 से अधिक कर्मचारियों की छटनी की घोषणा की, जिसके बाद खबर आ रही है कि Ministry of Information Technology यानी कि सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय इस पर करीबी नजर बनाए हुए है। भाषा की खबर के मुताबिक सोमवार को अधिकारिक सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है। सूत्रों ने कहा कि मंत्रालय टीसीएस छंटनी मामले में पूरी स्थिति पर करीबी निगाह बनाए हुए है और लगातार कंपनी के संपर्क में है।

टीसीएस के शेयर भी गिरे

सूत्रों के मुताबिक, सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय इस घटनाक्रम को लेकर चिंतित है और इस फैसले के पीछे की असली वजह को समझने के लिए इसकी पड़ताल करेगा। सरकार का यह रुख इस लिहाज से अहम है कि भारत की सबसे बड़ी आईटी सेवा कंपनी टीसीएस ने इस साल 12,261 कर्मचारियों की छंटनी करने की घोषणा की है, जो उसके कुल ग्लोबल वर्कफोर्स का 2% है। इस कदम का सबसे ज़्यादा असर मिडिल और सीनियर लेवल के कर्मचारियों पर पड़ेगा। इस घोषणा के बाद टीसीएस के शेयर का भाव बीएसई पर 1.76% गिरकर 3,079.05 रुपये पर आ गया।

‘टीसीएस का यह फैसला अमानवीय’

इस बीच, आईटी कर्मचारियों के संगठन ने केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया को पत्र लिखकर टीसीएस प्रबंधन से स्पष्टीकरण मांगने का अनुरोध किया है। 'नैसेंट इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एम्प्लॉईज सीनेट' (एनआईटीईएस) ने 12,000 कर्मचारियों की छंटनी के फैसले को अनैतिक, अमानवीय और पूरी तरह से अवैध करार दिया है। कर्मचारी संगठन के मुताबिक, टीसीएस ने छंटनी के दौरान कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन भी किया है। एक साल से अधिक सेवा देने वाले किसी भी कर्मचारी को हटाने से पहले कंपनी को एक महीने का नोटिस या उसके एवज में वेतन देना, वैधानिक छंटनी मुआवजा देना और सरकार को सूचित करना अनिवार्य है। लेकिन टीसीएस ने इनमें से किसी भी नियम का पालन नहीं किया है।

एनआईटीईएस के अध्यक्ष हरप्रीत सिंह सलूजा ने टीसीएस के इस कदम को 'कॉरपोरेट शब्दाडंबर में छिपी सामूहिक बर्खास्तगी' बताते हुए कहा कि अगर टीसीएस जैसी बड़ी कंपनी को उचित प्रक्रिया के बगैर बड़े पैमाने पर छंटनी करने की अनुमति दी जाती है, तो यह उद्योग के लिए एक खतरनाक मिसाल कायम करेगा।

टीसीएस को नोटिस जारी करने का अनुरोध

एनआईटीईएस ने सरकार से इस मामले का तत्काल संज्ञान लेने, टीसीएस को नोटिस जारी करने, सभी छंटनी रोकने का आग्रह किया है। इसके पहले रविवार को टीसीएस ने कहा था कि छंटनी का फैसला ‘भविष्य के लिए तैयार संगठन’ बनने की उसकी रणनीति का हिस्सा है। इसके केंद्र में प्रौद्योगिकी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को अपनाना, बाजार विस्तार और वर्कफोर्स पुनर्गठन में निवेश है। टीसीएस ने छंटनी का शिकार होने वाले कर्मचारियों को उचित लाभ देने, नई नौकरी तलाशने में सहयोग देने, परामर्श और समर्थन देने की बात भी कही है।

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